मन के प्रज्वलित दीपों से करे जीवन में प्रकाश - मुनि अर्हत कुमार

आत्म विश्वास की अखंड लौ से जीवन को प्रकाशित करे


मदुरै :- 
 
भारतीय संस्कृति में पर्वो का बहुत महत्व हैं। यंहा  हर दिन कुछ न कुछ त्यौहार मनाया जाता हैं। त्यौहार जीवन में उमंग भरते है,जिनमे कुछ पर्व विशेष होते है,उनमे से एक हैं दिवाली।जैन धर्म  में दिवाली का प्रसंग भगवान महावीर से जुड़ा हुआ हैं। परिनिर्वाण के बाद देवो ने गली गली में रत्न मणि से प्रकाश कियाऔर तब से दिवाली पर्व सदियों से बनाया जा रहा है पर आज यह पर्व थोड़ा हिंसा और मौज मस्ती के गहरे मेंहैं। हमे दिवाली के महत्व को नहीं भूलाना चाहिए .हमें अंतरदीप जलाना हैं। पुुरषार्थ के दीपक में साहस का तेल भरे और आत्मा विश्वास की अखंड लौ से जीवन को प्रकाशित करे ।

उपरोक्त विचार शांतिदूत,तेरापंथ नायक परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी के शिष्य मुनि श्री अर्हत कुमार म.सा. ने व्यक्त किये। गुरुदेव की निश्रा में दिवाली अनुष्ठान का कार्यक्रम आयोजित किया गया था।मुनि भरत कुमार ने दिवाली का विशेष अनुष्ठान मंत्रो से करवाया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि दिवाली पर्व पर दीपो की पंक्तियों  से सजा कर घर में रौशनी होती है,ठीक उसी तरह हमारी आत्मा के सदन  को अध्यात्म के अनुष्ठान एवं सयम की शक्ति से सजाना चाहिए जिससे हमारा स्वयं का और आसपास का कल्याण हो पायेगए। बालसंत  जयदीप कुमार  ने जप लो वीरम वीरम का संगान किया।कार्यक्रम की शुरुआत महावीर अष्टकम से कन्या मंडल ने की। जय महावीर का संगान किया गया।तेरापंथ सभा अध्यक्ष जयंतीलाल जीरावला ने सभी को ज्योति पर्व की शुभकामनाऐ  दी
दिवाली के दिन एवं रात को तेरापंथ भवन में अखंड जाप हुआ।कार्यक्रम में मिनी संवत्सरी का एहसास हो रहा था। कार्यक्रम का समापन वृहद मंगल पाठ से हुआ।यह जानकारी तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री दीपिका फुलफगर मीडिया प्रभारी अशोक जीरावाला ने दी। 


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