जनता में रहे शांति, मैत्री व धर्म का प्रभाव :- महातपस्वी महाश्रमण
महातपस्वी महाश्रमण का मायानगरी मुम्बई में महाभिनंदन
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री सहित अनेक गणमान्यों ने की आचार्यश्री की अभिवंदना
नेस्को ग्राउण्ड उमड़ा जन सैलाब, उपस्थिति से बौना साबित हुआ विशाल ग्राउण्ड
गोरेगांव (मुंबई) :- भारत की आर्थिक राजधानी, पश्चिम का प्रवेश द्वार, भारत के चौथे बड़े महानगर के रूप में विख्यात मायानगरी मुंबई की धरा पर शनिवार को जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता, मानवता के मसीहा, महातपस्वी महाश्रमणजी का मुम्बई की जनता द्वारा महा अभिनंदन समारोह समायोजित किया गया। जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, पर्यटन, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, कई विधायक, विभिन्न धर्म-संप्रदाय के धर्मगुरुओं, अनेकानेक धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों के प्रमुख व्यक्तियों सहित हजारों-हजारों जनता संभागी बनी। जनता का सैलाब इतना था कि नेस्को का विशाल ग्राउण्ड भी मानों बौना साबित हुआ। मायानगरी में महातपस्वी के महा अभिनंदन में उमड़ा जनसैलाब, मानवता, सद्भावना का व्यापक संदेश देने वाला था।
नेस्को ग्राउण्ड के लिए शांतिदूत महाश्रमण का मंगल विहार
मलाड में स्थित विट्टी इण्टरनेशनल स्कूल से प्रातः की मंगल बेला में शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मंगल प्रस्थान किया। आज मानवता के मसीहा का मायानगरी की ओर नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन नेस्को ग्राउण्ड में आयोजित था। निर्धारित गंतव्य की ओर गतिमान ज्योतिचरण का अनुगमन करते सैंकड़ों-सैंकड़ों श्रद्धालु उस ओर बढ़ रहे थे। इसके साथ मुम्बई के हर क्षेत्र, वर्ग, जाति, धर्म, संप्रदाय के लोग भी अपने-अपने परिधानों में निर्धारित गंतव्य की ओर बढ़ रहे थे। चारों दिशाओं से उमड़ती जनता का एक ही गंतव्य था नेस्को ग्राउण्ड। जन-जन पर आशीष वृष्टि करते हुए आचार्यश्री निर्धारित समय से पूर्व ही नेस्को ग्राउण्ड में पधार गए।
महातपस्वी के मंगल महामंत्रोच्चार से अभिनंदन समारोह का भव्य शुभारम्भ
समय से पूर्व ही नेस्को ग्राउण्ड में बना विशाल प्रवचन पण्डाल जनता की विशाल उपस्थिति से जनाकीर्ण बन गया। एक हॉल के साथ-साथ दूसरे हॉल आदि आसपास के क्षेत्रों में की गई व्यवस्था भी मानों जनता की उपस्थिति के सामने नाकाफी-सा प्रतीत हो रहा था। निर्धारित समय पर आचार्यश्री महाश्रमणजी मंचासीन हुए तो पूरा नेस्को ग्राउण्ड का विशाल परिसर जयघोषों से गुंजायमान हो उठा। आचार्यश्री के मंगल महामंत्रोच्चार से नागरिक अभिनंदन समारोह के भव्य कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मण्डल व तेरापंथ कन्या मण्डल ने आचार्यश्री के अभिनन्दन में गीत का संगान किया। अणुव्रत विश्व भारती सोसयटी के अध्यक्ष अविनाश नाहर ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति दी तथा अणुव्रत से संबंधित डोक्यूमेंट्री की प्रस्तुति की गई। स्वगताध्यक्ष सुरेन्द्र बोरड पटावरी, जीतो के अध्यक्ष सुखराज नाहर, दिगम्बर जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष केसी जैन, जैन भारत महामण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीसी डांगी, आरबीएसएल के मैनेजिंग डायरेक्टर पृथ्वीराज कोठारी, कोटेक महिन्द्रा फण्ड के एम.डी.निलेश शाह, अग्रवाल विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने आचार्यश्री की अभिवंदना में अपनी अभिव्यक्ति दी। रिक्शा एसोसिएशन के सदस्यों ने पूज्यप्रवर के दर्शन कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।
महातपस्वी का मायानगरी मुंबई को मंगल प्रेरणा
उपस्थित विशाल जनमेदिनी को युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मंगल प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि दुनिया में मंगल की बात होती है। आदमी स्वयं की मंगलकामना करता है तो दूसरों के प्रति भी मंगलकामना व्यक्त करता है। इसके लिए मंगल पदार्थों आदि का उपयोग भी होता है तो, मंगल के लिए शुभ मुहूर्त आदि भी देखे जाते हैं। जैन धर्म में उत्कृष्ट मंगल धर्म को बताया गया है। अहिंसा, संयम और तप रूपी धर्म सबसे उत्तम मंगल है। इन तीनों का पालन करना ही धर्म है। जहां इन तीनों का प्रभाव होता है, वहां जीवन ही मंगलमय हो जाता है। जिसका मन सदा धर्म में रमा रहता है, देवता भी उसे नमस्कार करते हैं। जीवन में अहिंसा, संयम और तप के विकास का प्रयास करना चाहिए।
आचार्यश्री ने आगे कहा कि वर्ष 2023 के चतुर्मास के लिए मुम्बई में आना हुआ है। हमारे साथ मुख्यमुनिश्री, साध्वीप्रमुखाजी और साध्वीवर्याजी आदि साधु-साध्वियां भी हैं। मैं समस्त जनता के प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना करता हूं। मुम्बईवासियों के जीवन में शांति, मैत्री, सद्भाव, नैतिकता और धर्म का प्रभाव बना रहे।
आचार्यश्री ने अणुव्रत यात्रा के उद्देश्यों सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के विषय में लोगों को उद्बोधित करते हुए इनके संकल्पों को स्वीकार करने का आह्वान किया तो उपस्थित जनमेदिनी ने अपने स्थान पर खड़े होकर कृतसंकल्प बने। यह दृश्य जन-जन के मन को हर्षित करने वाला था।
मंगल प्रवचन के उपरान्त एक बार पुनः अभिनंदन का कार्यक्रम आरम्भ हुआ तो जी बिजनेस के एडिटर एंड एमडी अनिल सिंघवी, डब्बा एसोसिएशन के अध्यक्ष विष्णुजी कल्या, बोहरा समाज के प्रतिनिधि मोइन भाई मांझी, ईसाई समाज के माइकल रोजारियो, मुस्लिम समाज की ओर इमाम सैय्यद जाफर, शिया समाज के धर्मगुरु, सिक्ख समुदाय के अध्यक्ष मनमोहन सिंह, साउथ इंडियन समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए एमएलए कैप्टन सेल्वमजी, विट्टी इण्टरेनशनल स्कूल के अध्यक्ष विनय जैन, नागरिक अभिनंदन समारोह के संयोजक वीसी भलावत, मुम्बई चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मदनलाल तातेड़ ने अपनी आचार्यश्री की अभिवंदना में अपने श्रद्धासिक्त भावों को अभिव्यक्त किया। सभी समुदायों ने अपने-अपने धर्म के लोगों के साथ गुरुदर्शन कर पावन आशीष प्राप्त कर रहे थे।
शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में पहुंचे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री
कार्यक्रम के मध्यम इस समारोह के विशिष्ट अतिथि महाराष्ट्र सरकार के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, पर्यटन विभाग के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा आदि आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में पहुंचे और आचार्यश्री को एक भक्त की भांति वंदन कर मंच पर आसीन हुए। मुम्बई महानगर की प्रतीकात्मक चाबी उपमुख्यमंत्री ने आचार्यश्री के श्रीचरणों में समर्पित की।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि सर्व प्रथम मैं राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमणजी को प्रणाम करता हूं और आज के इस नागरिक अभिनंदन समारोह में महाराष्ट्र की 12 करोड़ जनता की ओर से राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमणजी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। मैं आचार्यश्री का आभार व्यक्त करता हूं जो उन्होंने साठ वर्षों से अधिक समय के बाद महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में चतुर्मास का लाभ प्रदान किया है। आपश्री ने नशामुक्ति के संकल्पों के साथ जो अभियान छेड़ा है और अभी तक 1 करोड़ से अधिक लोगों को नशामुक्ति का संकल्प कराया है। नशे से लड़ती सरकार के लिए आपश्री प्रेरणा के स्रोत हैं। आपश्री के प्रेरणा से नैतिक मूल्यों और संस्कारों के द्वारा युवाओं को नशे से मुक्त करा रहे हैं। आपश्री के विचारों को अपनाने वाला कभी दुःखी नही ंरह सकता। आपश्री के इस चतुर्मास से लाखों लोगों को लाभ प्राप्त होगा। मैं मुम्बई की जनता की ओर से मैं पुनः अभिनंदन करता हूं।
मंगलवाणी से पुनः लाभान्वित हुई जनता
आचार्यश्री ने पुनः अपनी अमृतवाणी से लोगों को प्रतिबोधित करते हुए कहा कि साधनों से सुविधा और साधना से आंतरिक सुख की प्राप्ति होती है। आचार्यश्री ने आगे कहा कि सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति का जीवन में रहे तो अपराध में भी कमी की बात हो सकती है। महानगर की प्रदान की गई प्रतीकात्मक चाबी को हम अहिंसा, संयम और तप की चाबी मानते हैं। महाराष्ट्र की जना में खूब शांति रहे। आर्थिक और भौतिक विकास के साथ-साथ आध्यात्मिकता का भी विकास हो, मंगलकामना।
आचार्यश्री के मंगल उद्बोधन के उपरान्त साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने जनता को उद्बोधित किया। पर्यटन, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, सांसद गोपाल सेट्टी, विधायक गीता जैन व राज के पुरोहित ने भी पूज्यप्रवर की अभिवंदना में अपनी अभिव्यक्ति दी।
मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री नेस्को ग्राउण्ड से विहार कर प्रवास हेतु बांगुर में स्थित बांगुर विद्या मंदिर में पधारे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें