भक्तामर श्लोक 45
For Incurable Diseases
असाध्य रोग निवारक यंत्र
( 9 बार श्लोक / 27 बार मंत्र / 27 बार ऋद्धि का जाप करें )
उदभूत भुषण जलोदर-भार-भुगना:
शोच्यां दशा-मुपगताश्च्युत-जीविताशाः ।
त्वत्-पाद-पंकज-रजोऽमृत-दिग्ध-देहा,
मर्त्या भवन्ति मकरध्वज-तुल्य रूपाः ।। ४५ ।।
मंत्र :- ॐ नमो भगवती क्षुद्रोपद्रव शांतिकारिणी रोग कष्ट ज्वरोपशमनम् शांति कुरु कुरु स्वाहा।।
ॐ ह्रीं भगवते भय भीषणहराय नमः ॥
ऋद्धि :- ॐ ह्रीं अहं णमो अक्खीण महाणसाणं झौं झौं नमः
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