अभय ज्ञान ज्योत
गच्छाधिपति आचार्य श्री अभयदेव सूरीश्वरजी म.सा.
गांधीनगर :- आज आषाढ़ सुद चौदश (चौमासी चौदहवाँ) है।आज से चातुर्मास की शुरुआत मानी जाती है।आषाढ़ सुदी चौदस मतलब आज से संवत्सरी के पचास दिन और संवत्सरी से चातुर्मास पूर्णाहुति के सत्तर दिन यानी कुल मिलाकर एक सौ बीस दिनों का यह चातुर्मास हैं।इस समय श्रावक श्राविका सभी बड़े समारोहों को त्याग कर धार्मिक पूजा में संलग्न होने का प्रयास करें। पापों से निवृत्त होकर पवित्र कार्यों में लग जाओ। यथाशक्ति धर्म, तपस्या व त्याग करके अपने जन्म को सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए।
धर्म के चार प्रकार (1) दान (2) शील (3) तप (4) भाव आराधना का सूंदर प्रारम्भ करना चाहिए। आइए आज विशेष पौषध, जिनवाणी, देववंदन, प्रतिक्रमण आदि करके चौमासी चौदश मनाएं।इस वर्ष चातुर्मास में अधिक मास हैं।
सभी को चातुर्मासिक मिच्छामि दुक्कडम
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