आचार्य श्री चिदानंद सूरीश्वरजी का विजोवा में भव्य चातुर्मास प्रवेश
भक्तो ने पलक पावडे बिछाकर किया जोरदार स्वागत
रानी स्टेशन (राजस्थान) :- पाली जिले के विजोवा ग्राम में पंजाब केसरी परम पूज्य आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा.समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति शांतिदूतआचार्य भगवंत विजय श्री नित्यानंद सुरीश्वरजी म.सा.के ज्येष्ठ शिष्य प्रवचन प्रभावक,तत्व चिंतक, आचार्य भगवंत श्री विजय चिदानंद सुरीश्वरजी म.सा., सेवाशील मुनिराज श्री लक्ष्मीचंद्र विजयजी म.सा., ज्ञान प्रभावक मुनिराज विधाचंद्र विजयजी म.सा.आदि ठाणा का भव्य प्रवेश हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
गुरुभगवंतों ने प्रातः वरकाणा तीर्थ से प्रभु पार्श्वनाथ के दर्शन वन्दन कर चातुर्मास के प्रवेश के लिए कदम बढ़ाए। इंद्रदेव ने हल्की फुहारों से गुरुदेव का स्वागत किया। प्रात: गुरुदेव मिश्रीबाग पहुंच गए।प्रवेश की शोभा यात्रा फतहचन्द राणावत के फार्महाउस, मिश्रीबाग से प्रारंभ हुई। लगभग 2 किलोमीटर लम्बी पदयात्रा में जैन व अजैन भक्तों ने नाचते गाते जयकारों भक्तिभाव से गुरु भगवंतों का स्वागत किया। बिजोवा मण्डन श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ प्रभु के दर्शन वन्दन कर वह शोभा यात्रा धर्मसभा में परिवर्तित हुई। विशाल पंडाल के मध्य में गुरुदेव आरूढ़ हुए। नर नारियों ने जयजयकार से अपना हर्ष प्रकट किया।
विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्रीने अपने ओजस्वी प्रवचन में फरमाया कि "आप लोग जितना खर्च चातुर्मास की शोभा में करते हो, उतना जिनशासन की शोभा की वृद्धि में नहीं करते। मैं यहां कुछ देने आया हूँ, तुम लेने की तैयारी करो। दुकान पर दो तरह के लोग आते हैं - जो केवल देखने आते हैं और वो जो कुछ खरीदने आते हैं। आप अपना उद्देश्य तय करें। मैं युवाओं को आह्वान करता हूँ कि व्यवसाय में से थोड़ा समय निकालो और साधु साध्वी भगवंतों के पास जाओ। यह बिजोवा नगरी मेरे गुरुओं की नगरी है। गुरुओं के उपकारों से उपकृत इस नगरी में उनकी ही कृपा से शासनसेवा और धर्मप्रभावना हमें करनी है।
संघ के अध्यक्ष उगमचंद जी जैन ने स्वागत संबोधन दिया। कवि जुगराज जैन, राजू भाई राठौड़, पार्श्व महिला मण्डल, कपूरचंद बरलोटा, सुभाष भाई जगावत आदि वक्ताओं व गायकों ने अपनी अपनी रचनाओं के माध्यम से चातुर्मास का महत्त्व बताया व गुरु चरणों में विनती की। मीनू जैन लिगा (जयपुर), नवीन जैन दुग्गड़ (दिल्ली) आदि ने भी गुरु चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। DYU महिला ग्रुप ने उपकरण वन्दनावली प्रस्तुत की। राघव प्रसाद पांडेय (रानी) ने भी गुरुदेव के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।गोडवाड़ राजस्थान के विविध संघों की भावभरी विनती को देखते हुए *गुरुदेव ने चातुर्मास पश्चात कार्यक्रमों के मुहूर्त्त प्रदान किये।जिसमे चातुर्मास बाद बागोल संघ में जिनमंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव 8 दिसंबर 2023 को होगा,दुजाणा संघ में परमात्म प्रतिमाओं जी प्रतिष्ठा व धर्मशाला का उद्घाटन 25 दिसंबर 2023 को होगा,गुड़ा एंदला में जिनमंदिर अंजनशलाका प्रतिष्ठा का मुहूर्त प्रदान किया गया - 25 जनवरी 2024,बिरामी गांव में जिनालय प्रतिष्ठा - 17 फरवरी 2024
ओसवाल रत्न रमेश राठौड़ (विठोडा निवासी, बैंगलोर)ने गुरु भगवंतों को काम्बली ओढ़ाने का लाभ प्राप्त किया। गणेश सालेचा ने गुलाब नगर, जोधपुर में आगामी चातुर्मास प्रदान करने का निवेदन किया।गोडवाड़ के संघों के साथ साथ दिल्ली, अम्बाला, लुधियाना आदि उत्तर भारत, शिवपुरी (म.प्र.), पुणे, बैंगलोर, मुंबई आदि भारत भर के विविध संघों से पधारे। लगभग 2500 से ज्यादा श्रावक श्राविकाएं इस प्रवेशोत्सव में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का शानदार संचालन ओमप्रकाश आचार्य ने किया।
बहनो को आराधना कराने हेतु परम पूज्य मोहनलालजी म.सा. समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति मुक्तिप्रभ सूरीश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वी श्री विनयश्रीजी म.सा. की शिष्या साध्वी श्री प्राविण्यनिधि श्रीजी म.सा. की शिष्या साध्वी श्री संयमनिधि श्रीजी म.सा. आदि ठाणा का भी प्रवेश हुआ।चातुर्मास के आधार स्तंभ पेपीबाई चुनीलालजी गुंदेशा, डायमण्ड स्तम्भ सायरदेवी भेरूमलजी पालरेचा, भिकीबाई हीराचंद दोसी,कमलाबाई घीसुलालजी कावेडिया परिवार हैं।जय जिनेंद्र का लाभ कन्हैयाबाई कुंदनमलजी राणावत परिवार हैं।
श्री श्वेताम्बर बीसा ओसवाल जैन संघ, बिजोवा ने देशभर के संघों को चातुर्मास दौरान गुरु भगवंतों व साध्वीजी के दर्शन वंदन का लाभ लेने की अपील की है।
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