प्री प्लानिंग से होनेवाले कार्यो में मिलती हैं सफलता

 रूपनगर में संक्रांति महोत्सव संपन्न


नई दिल्ली :-
शांतिदूत,गच्छाधिपति आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी एवं साध्वी रंजन श्रीजी-प्रमोद श्रीजी की सुशिष्या सरल स्वभावी साध्वी प्रीतिरत्ना श्रीजी म.सा., साध्वी प्रीतिसुधा श्रीजी म.सा. साध्वी प्रीतियशा श्री जी म. सा. आदि ठाणा की निश्रा में रविवार को रूपनगर (दिल्ली) उपाश्रय में हर्षोल्लासपूर्वक भव्य रूप से संक्रांति मनाई गई। 

श्री आत्मानंद जैन सभा, के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में साध्वी प्रीतियशा श्रीजी म. ने प्रवचन में कहा की  "Preplanning से काम किया जाए तभी सफलता प्राप्त होती है। आरंभ और प्रारम्भ में उसी प्लानिंग का अंतर है। चेलना रानी के मुंह से ठंडी में निकला कि इस ठंडी में साधु कैसे रहते होंगे। प्रभु महावीर ने उनको सती कहा और बुद्धिनिधान अभयकुमार ने उनके प्राणों की रक्षा की।

उन्होंने कहा कि साध्वी प्रीतिसुधा श्रीजी म. ने अपने प्रवचन में फरमाया  -  पानी से कभी घी नहीं निकल सकता... पेट्रोल से आग कभी बुझ नहीं सकती.. भले हम कितना भी प्रयत्न करें पर पानी और पेट्रोल का स्वभाव नहीं बदल सकते। उसी तरह इस संसार में सुख है ही नहीं, फिर भी हम सुख ढूंढने की कोशिश करते हैं। हम अभाव में जीते हैं, आकांक्षा में जीते हैं और अहंकार में जीते हैं, इसलिए हमें कभी सुख नहीं मिलता। पेट की ज़रूरत रोटी है लेकिन वह रोटी गर्म हो, नर्म हो, घी वाली हो, यह हमारी आकांक्षाएं है। एक पूरी होती है तो निन्यानवें नई आ जाती हैं। हम अभाव में नहीं, सद्भाव में जीयें, तभी जीवन में सम्यक क्रांति होगी, संक्रांति होगी।

संक्रांति के लाभार्थी श्री पूनमचंद जी रेशमावंती जैन परिवार, आप की दुकान, दिल्ली का संघ द्वारा बहुमान किया गया। साध्वीजी भगवंतों ने संक्रांति श्रवण करवाया। उपाश्रय खचाखच भरा रहा एवं श्रद्धाभाव से संक्रांति नाम सुना। जयजयकारों के साथ धर्मसभा विसर्जित हुई।

आगामी रविवार 23 जुलाई को शालिभद्र की 99 पेटी का कार्यक्रम आयोजित होना है। साध्वीजी भगवंत ने फरमाया की मम्मण सेठ और शालिभद्र - दोनों की ऋद्धि देखने मगध सम्राट आये थे। मम्मण उसमें आसक्त रहा और शालिभद्र ने पल भर में ऋद्धि ठुकरा दी। शालिभद्र बनने का लाभ बोली द्वारा त्रिलोकचंद हितेश वेदांश जैन परिवार ने लिया।

 तरुणी मण्डल, विभा जैन व प्रीति जैन, मौलिक जैन, शोभा जैन,  नमन जैन (शाहदरा), पुनीता जैन (Enkay) आदि ने गुरुभक्ति के अतिसुन्दर भजनों ने सभा को जीवंत कर दिया। तरुणा जैन ने अपने वक्तव्य में "धर्मलाभ" और शालिभद्र के विषय में फरमाया। शाहदरा, रोहिणी, गुजरात अपार्टमेंट आदि संघों से भी कई गुरुभक्तों का पदार्पण हुआ। यह जानकारी सभा के प्रधान  ईश्वरचंद जैन भाभू,महामंत्री  शुभकान्त जैन ने दी।

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