पुणिया श्रावक व सुलसा जैसे व्यक्तित्व का निर्माण पाठशाला गुरुकुल से ही संभव :- पीयूशचंद्र विजयजी

25 नियमों का नियमित पालन करवाएं :- रजतचंद्र विजयजी


तलेगांव - (पुना) :-
परोपकार सम्राट मोहनखेड़ा महातीर्थ  विकास प्रेरक जैनाचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.के आज्ञानुवर्ती सुशिष्य वरिष्ठ मुनिप्रवर श्री पीयूषचंद्र विजयजी म.सा.ने उत्तराध्ययन सूत्रपर प्रकाश डालते हुए कहा, जब जीवन का अंत होने आता है तब हमारी आंखें खुलती है,तब मानव जीवन की महता समझ आती है। इसलिए जागृत  होते हुए धर्म आराधना कर जीवन सार्थक करना चाहिए।

पार्श्वनाथ दादा के इतिहास की अद्भुत बातें निरंतर जारी है। ज्ञानशाला नियमावली का विमोचन श्रीसंघ के सदस्य अनिल महेता,भंवर सोलंकी, रमेशजी, दिनेशजी, प्रकाशजी किरणजी एवं चातुर्मास के मुख्य लाभार्थी रवींद्र हस्तीमल के कर कमलो द्वारा किया गया। इस मौके पर मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी एवं मुनिश्री प्रीतियश विजयजी ने कहा प्रतिदिन 25 नियमों का पालनकर विशेष गुणों के अधिकारी बने।

सभी माता-पिता अपने बच्चों को नियमावली चार्ट से जोड़े एवं बच्चों को ज्ञान संपन्न एवं गुण संपन्न बनावे। म.सा.ने कहा बच्चे ज्ञान संपन्न बनेंगे,ज्ञानशाला से जुड़ेंगे तो भविष्य में पुनिया श्रावक एवं सुलसा जैसे बन पायेगे। 5 माह के  नियमावली चार्ट को सभी ने उत्साह से प्राप्त किया । परमपथ चातुर्मास पर्व -23 ज्ञान की गंगा में डूबकी लगाने के लिए समयसर श्रद्धालु उमड़-उमड़ कर आ रहे हैं।

राजस्थान मध्यप्रदेश गुजरात सहित महाराष्ट्र एवं पुना जिले के गुरुभक्त बड़ी संख्या में दर्शनार्थ पधार रहे हैं। सकल जैन श्रीसंघ तलेगांव सबकी स्वामीभक्ति उत्साहवर्धक भाव से कर रहे हैं। सिद्धितप,धर्मचक्र तप की मंगलमय आराधना साता पूर्वक चल रही है।

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