वीररत्न सूरीश्वरजी म.सा.का इंदौर में निधन

अंतिम संस्कार कल शिवपुर में

गुणरत्न सूरीश्वरजी के प्रथम शिष्य थे आप


इंदौर :-
श्री तिलकेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ धार्मिक पारमार्थिक सार्वजनिक न्यास, तिलक नगर में चातुर्मास हेतु बिराजमान परम पूज्य आचार्य श्री भुवनभानु सूरीश्वरजी समुदाय के मालव विभूषण अतिप्राचीन श्री मक्षीजी तीर्थोद्धारक पिंडवाडा के पनोते पुत्र,सूरिप्रेम के भाणेज, सूरी भुवन सेआशीर्वाद प्राप्त, सुरी जितेन्द्र के कृपापात्र, 451 दीक्षा दानेश्वरी गुरुदेव श्री गुणरत्न सूरीश्वरजी म.सा. के प्रथम शिष्य शिवपुर मातमोर तीर्थ के प्रेरणास्रोत परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय वीररत्न सूरीश्वरजी महाराजा का इंदौर में समाधिपूर्वक निधन हो गया।वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे।अंतिम संस्कार कल  देवास के पास स्थित मातमोर तीर्थ , शिवपुर में दोपहर 12.39 को होगा।

मालवा में बरसों से विचरण कर धर्म जागृति लाई अनेक जिनमंदिर व 125 उपाश्रयों के निर्माण के अलावा अति प्राचीन तीर्थ मक्सीजी आदि अनेक प्राचीन तीर्थों में उन्होंने बहुमूल्य मार्गदर्शन किया।आपका जन्म राजस्थान के पिंडवाड़ा गांव में हुआ।सांसारिक नाम उत्तम छोगालाल मरडिया था।आपका जन्म मां लक्ष्मीबाई की गोद से फागण सूद 3,28 फरवरी, 1952 में हुआ था।आपकी दीक्षा दीक्षा दनेश्वरी गुणरत्न सूरीश्वरजी म.सा.के हाथों हुई व आप उनके प्रथम शिष्य बनें।








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