जिनशासन और प्रशासन साधु साध्वियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर हो
दो दिनों में दो संतों का निधन दुःखद
जिनशासन के दो अनमोल रत्नों का सड़क हादसे में देवलोकगमन (निधन) अत्यंत दुःखद है। यह घटना न केवल जैन समुदाय के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ा आघात है। पिछले कुछ वर्षों में जैन संतों की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो चिंताजनक है।
दो दिन में दो संतों का निधन :-
पिछले दो दिनों में हमने परम पूज्य आचार्य श्री पुण्डरीकरत्न सूरीश्वरजी म.सा.व और श्री अभिनंदन मुनि की सड़क दुर्घटना में मृत्यु अत्यंत दुःखद है। इन दोनों संतों ने जिनशासन की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया था। उनकी मृत्यु से जैन समुदाय को बड़ा आघात पहुंचा है।ऐसे कई विद्ववान संतों को हमने सड़क हादसों में खोया हैं जिनमें गच्छाधिपति आचार्य विजय रत्नाकर सूरीश्वरजी म.सा.प्रमुख हैं।कई बड़े बड़े साधु साध्वी दुर्घटनाओं में बाल बाल बचे हैं।
समस्या की जड़ :-
1. अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था :- जैन संतों की विहार के समय सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त नहीं है।
2. अवसंरचना की कमी :- सड़कों और यातायात व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
3. जागरूकता की कमी :- समाज और सरकार में जैन संतों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी है।
समाधान :-
1. सुरक्षा व्यवस्था में सुधार :- जैन संघों को गुरुभगवंतों की विहार के समय सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
2. सरकारी सहयोग :- सरकार को जैन संतों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान करने चाहिए।
3.जागरूकता अभियान :- समाज में जैन संतों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाने चाहिए,और जिस जगह से भी गुरुभगवंतों का विहार हो वहां के श्रावक श्राविकाओं को साथ जाना चाहिए।
4. कार्यक्रमों में खर्चों का पुनर्मूल्यांकन :- कार्यक्रमों में खर्चों को कम कर जैन संघों को गुरुभगवंतों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए।कुछ प्रतिशत हिस्सा अगर सुरक्षा पर होगा तो हम अच्छी सुरक्षा व्यवस्था दे पाएंगे।
5. नियमित समीक्षा :- जैन संतों की सुरक्षा के लिए नियमित समीक्षा और मूल्यांकन करना चाहिए।
6 :- विहार कराने जानेवाले युवक युवतियों की सुरक्षा पर भी ध्यान जरुरी हैं, साथ ही हर तरह का सहयोग संघ से उन्हें मिलना चाहिए। ग्रुप एक्सीडेंट पॉलिसी भी निकाल कर रखनी चाहिए।
आगे की कार्रवाई :-
जैन समुदाय और सरकार को मिलकर जैन संतों की सुरक्षा पर गंभीरता से काम करना होगा। जैन संघों को गुरुभगवंतों की विहार के समय सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सरकार को भी जैन संतों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान करने चाहिए।


Highway per hamen hamare Guru bhagwanto ki Suraksha ke liye jagah jagah Suraksha ke liye board lagaye jaane chahie jaisa ki savdhan In muniyon ki Suraksha karna hamara kartavya hai hamare Samaj Ko jagrit hona hoga aur iske liye prashasan ko guhar lagai jaaye Jahan Jahan bhi signal diye jaaye vaha vaha is baat ka jikr kiya jaaye Jain Sadhu rashtra ki dharohar Hai inki Suraksha ki jaaye Jaise hi whitevastron mein Jain sadhu dikhe apni gadi ki speed kam ki jaaye gadi ki speed tay ki jaye ki itni spirit se jyada nahin hona chahie
जवाब देंहटाएंNext 2 year ke liye sabhi faction bandh or Jo Rs. Bachenge ye hamare pu.sree ki surkhasa ke liye sp.logo ko rakh sakenge or pu.sree.sabhi apane chaturmas chhote chhote group me kare Kyoko jab sab vihar me nikalte hai to Kai bar ek side peck ho jati hai ,,,,sabhi guru .m s. Is bat par bhi vichar kare ki thoda chhota group banakar chale or police protection ke sath hi chale...
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