शूरवीर जवानों के शौर्य व वीरमाताओं के धैर्य से देश सुरक्षित : राज्यपाल
कारगिल विजय दिवस पर कारगिल योद्धाओं का सम्मान
वीरमाता अनुराधा गोरे की किताब अशक्य ते शक्य का प्रकाशन
मुंबई :- शहीद जवानों के परिवार को अपना ह्रदय कितना कठोर करना पड़ता हैं यह हमने प्रत्यक्ष देखा हैं. शूरवीर जवानों के शौर्य व वीरमाताओं के धैर्य के कारण देश सुरक्षित हैं. उपरोक्त विचार राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने व्यक्त किये.
राज्यपाल 22 वें कारगिल विजय दिवस पर व्हॉइस ऑफ मुंबई व लोढा फाउंडेशन द्वारा राज भवन में आयोजित कारगिल योद्धाओं के सम्मान समारोह में बोल रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने शहीद केप्टन विनायक मोरे की वीरमाता अनुराधा गोरे लिखित पुस्तक'अशक्य ते शक्य'...कारगिल संघर्ष'पुस्तक का विमोचन भी किया. कारगिल युद्ध में वीरगति प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत को शांति चाहिए और यह तथ्य हैं कि देश शत्रु राष्ट्रों से घिरा हुआ है, भुलाया नहीं जा सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्रधानता दी जा रही हैं.
राज्यपाल ने कहा कि देश के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में अच्छी सड़कें और सुसज्जित हवाई अड्डे बनाए गए हैं.उन्होंने कहा की जब वे विद्द्यार्थी थे तब 1962 के युद्ध में अनेक जवानों व अधिकारीयों को शहीद होते देखा हैं. उन्होंने बताया की इसी युद्ध में अपनी 22 वर्षीय बहन के पति भी शहीद हुए थे. राज्यपाल ने इस अवसर पर महावीर चक्र विजेते हवालदार दिगेन्द्र सिंह, हवलदार दीप चंद, घातक पलटण के हवलदार मधुसूदन सुर्वे, हवलदार पांडुरंग आंब्रे व हवलदार दत्ता चव्हाण, स्क्वाड्रन लीडर राहुल दुबे, कॅप्टन रुपेश कोहली, कॅप्टन विद्या रत्नपारखी, सविता दोंदे, कर्नल सुशांत गोखले की मां रोहिणी आनंद गोखले व कर्नल संदीप लोलेकर की बहन कोमल शहाणे को भी सम्मानित किया .
लेखिका अनुराधा गोरे ने‘अशक्य ते शक्य’पुस्तक लिखने की प्रेरणा व भूमिका पर प्रकाश डाला.ग्रंथाली प्रकाशन संस्था के दिनकर गांगल व सुदेश हिंगलासपुरकर का राजयपाल के हाथों सटकास किया गया.शुरुवात में राज्यपाल ने कारगिल युद्धविषयक चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.
इस अवसर पर विरोधी पक्ष नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विधायक व भाजपा मुंबई अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढा, लोढा फाउंडेशन की अध्यक्षा मंजू लोढा, अनुराधा गोरे व मुंबई प्रभाग के प्रमुख एअर व्हाईस मार्शल एस आर सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन हर्शल कंसारा ने किया.
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