अपनी रसोई में बैठे डॉक्टरों को पहचानिए
कुछ बीमारियों के घरेलू उपचार
श्री गौतम मुनि / बरसादाता
प्रत्येक घर में एक रसोई होती है, और इस रसोई में एक डॉक्टर छुपा बैठा होता है, बिना फीस वाला । आइए आज अपने उसी डॉक्टर से आपका परिचय करायें ।
💼 1- केवल सेंधा नमक का प्रयोग करने पर आप थायराइड और ब्लडप्रेशर से बचे रह सकते हैं, यही नहीं, आपका पेट भी ठीक रहेगा ।
💼 2- कोई भी रिफाइंड न खाकर तिल, सरसों, मूंगफली या नारियल के तेल का प्रयोग आपके शरीर को कई बीमारियों से बचायेगा, रिफाइंड में कई हानिकारक कैमिकल होते हैं ।
💼 3- सोयाबीन की बड़ी को दो घंटे भिगोकर मसलकर झाग निकालने के बाद ही प्रयोग करें, यह झाग जहरीली होती है ।
💼 4- रसोई में एग्जास्ट फैन अवश्य लगवायें, इससे प्रदूषित हवा बाहर निकलती रहेगी
💼 5- ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें, सभी का स्वास्थ्य सही रहेगा ।
💼 6- भोजन का समय निश्चित करें, पेट ठीक रहेगा ।
💼 7- भोजन के बीच बात न करें, भोजन ज्यादा पोषण देगा ।
💼 8- भोजन से पहले पिया गया पानी अमृत, बीच का सामान्य और अंत में पिया गया पानी ज़हर के समान होता है ।
💼 9- बहुत ही आवश्यक हो तो भोजन के साथ गुनगुना पानी ही पियें, यह *निरापद* होता है ।
💼 10- सवेरे दही का प्रयोग अमृत, दोपहर में सामान्य व रात के खाने के साथ दही का प्रयोग ज़हर के समान होता है 💼
11- नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें, पोषण, विटामिन व फाईबर मुफ्त में प्राप्त होते रहेंगे ।
💼 12- चीनी कम-से-कम प्रयोग करें, ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी । भोजन में गुड़ व देशी शक्कर का प्रयोग बढ़ायें ।
💼 13- छौंक में राई के साथ कलौंजी का प्रयोग भी करें, फायदे इतने कि लिखे नहीं जा सकते ।
💼 14- एक डस्टबिन रसोई के अंदर और एक बाहर रखें, सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्टबिन में डालना न भूलें ।
💼 15- करेले, मेथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएं, रक्त शुद्ध होता रहेगा ।
💼 16- पानी मटके के पानी से अधिक ठंडा न पियें, पाचन व दांत ठीक रहेंगे ।
💼 17- पानी का फिल्टर _RO_ वाला हानिकारक है, _UV_ वाला ही प्रयोग करें ।सस्ता भी , बढ़िया भी ।
💼 18- बिना कलौंजी वाला अचार न खायें, यह हानिकारक होता है ।
💼 19- माइक्रोवेव, ओवन का प्रयोग न करें, यह कैंसर कारक है ।
💼 20- खाने की ठंडी चीजें ( आइस क्रीम) कम से कम खायें, ये पेट की पाचक अग्नि कम करती हैं, दांत खराब करती हैं ।
( गुरुदेव नवी मुंबई में चातुर्मास हेतु बिराजमान हैं।)
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