राष्ट्र-संत ललितप्रभ जी व चन्द्रप्रभ जी का चातुर्मास जोधपुर में

प्रवचनों का अरिहंत चैनल पर होगा डी-लाइव प्रसारण

जोधपुर।
राष्ट्र-संत महोपाध्याय ललितप्रभ सागरजी महाराज, दार्शनिक राष्ट्र-संत पूज्य चन्द्रप्रभजी महाराज एवं युवा मनीषी डॉ शांतिप्रिय  सागरजी महाराज का सन् 2021 का चातुर्मास जोधपुर के संबोधि-धाम में होगा। देश के अनेक नगरों-महानगरों का चातुर्मास के लिए आग्रह होने के बावजूद कोरोना काल को देखते हुए राष्ट्र-संतों ने संबोधि धाम को ही चातुर्मास प्रदान किया है। आराधना, साधना, सत्संग एवं सेवा के दिव्य कार्य के लिए चातुर्मास समर्पित रहेगा। चातुर्मास में होने वाले प्रवचन अरिहंत चैनल पर प्रतिदिन डी-लाइव होंगे, ताकि देश और दुनियाभर के सभी धर्मप्रेमी भाई-बहिन अपने घर में बैठे हुए ही चातुर्मास का सम्पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकें. 


श्री चन्द्रप्रभ ध्यान निलयम्, संबोधि धाम के अध्यक्ष सुखराज मेहता के अनुसार पिछले वर्ष भी लाइव हुए प्रवचनों से दुनियाभर के लाखों श्रद्धालु लाभान्वित हुए थे। इस वर्ष भी यह स्वर्णिम अवसर सभी देशवासियों को प्राप्त होगा।संबोधि धाम में सम्पन्न हो रहे इस गौरवपूर्ण चातुर्मास का सम्पूर्ण लाभ समाज के गौरव के.एन.भंडारी एवं संबोधि के महासचिव अशोकजी-प्रवीणजी पारख ने लिया हैं.धाम ने बताया की भक्तगण  

23 जुलाई से 10 सितम्बर 2021 तक पचास दिवसीय प्रवचन माला अरिहंत चैनल यू-ट्यूब और फेसबुक पर देख पाएँगे.संवत्सरी पर्व तक प्रात: 8.40 से 9.40 बजे तक एक घंटा अरिहंत चैनल पर राष्ट्र-संतों के प्रवचनों को देखने-सुनने का लाभ ले सकेंगे। जीवन-निर्माण, व्यक्तित्व-विकास, पारिवारिक प्रेम और धर्म-अध्यात्म के व्यावहारिक स्वरूप पर राष्ट्र-संतों के प्रवचन होंगे। इनके प्रभावी प्रवचनों ने देश और दुनियाभर में अध्यात्म और साधना का दिव्य वातावरण बनाया है, साथ ही इनके प्रवचनों ने हजारों हजार टूटे हुए घरों को जोड़ा है और अनगिनत युवाओं को जीवन जीने का सकारात्मक पाठ पढ़ाया है।

चातुर्मास में देशभर के श्रद्धालु सादर आमंत्रित हैं। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि चातुर्मास में सत्संग और आराधना के लिए जो भी महानुभाव संबोधि धाम पधारें, वे मास्क, सेनेटाइजर, पारस्परिक दूरी एवं सरकारी गाइड लाइन का पालन करें। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम