गैर उपचारित औद्योगिक जल स्त्राव की पूरी माॅनिटरिंग करे :-कलेक्टर

 ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश 

पाली । जिला कलक्टर अंश दीप ने आगामी दिनों में मानसून की बरसात के दौरान जिले में गैर उपचारित औद्योगिक जल स्त्राव की पूरी माॅनिटरिंग करने को कहा है। उन्होंने कहा कि बारिश की सीजन में रंग रसायन युक्त पानी किसी भी सूरत में सीधे नदी-नालों में नहीं छोडा जाए। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण मण्डल बोर्ड के अधिकारियों से पड़ौसी जिलों से टेंकरों में आने वाले कारखानों के रसानयुक्त पानी को पाली जिले में छोडे जाने पर नजर रखकर ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिए।

जिला कलक्टर अंश दीप सोमवार सवेरे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि एनजीटी प्रदूषण के मुददें पर स्पष्ट निर्देश दे चुकी है और इसमें कोताही बर्दाश्त योग्य नहीं है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से एनजीटी के निर्देशों की पालना के निर्देश दिए है। बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी सतत निरीक्षण कर ऐसे औद्योगिक इकाईयों पर कार्यवाही करे जहां एनजीटी के दिशा निर्देशों की पालना में कोताही बरती जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण से संबंधित मामलों का त्वरित निस्तारण जरूरी है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण इसे लेकर सख्त है। हाल ही में अवैध रसायनयुक्त पानी का परिवहन करते पकड़े गए ट्रक-टेंकरों के मामलें संज्ञान लेते हुए जिला कलक्टर ने परिवहन, प्रदूषण बोर्ड एवं पुलिस के अधिकारियों को समन्वय कर विकल एक्ट और एनजीटी के नियमों के तहत कार्यवाही कर रिपोर्ट पेश करने को कहा। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित विभागीय अधिकारी प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से दिए गए निर्देशों का सख्ती के साथ पालन करें। साथ ही, समय-समय पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों की समीक्षा कर अपने स्तर पर माॅनिटरिंग के पुख्ता प्रबंध करें। बैठक में जिला कलक्टर ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों से उनके विभागों में की जा रही कार्यवाही की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि रिहायशी क्षेत्र में संचालित अवैध औद्योगिक इकाईयांे के खिलाफ नगर परिषद सख्ती से कार्यवाही करे।

समीक्षा बैठक में सीईटीपी के पदाधिकारियों से जेडएलडी प्लांट की प्रगति की जानकारी लेते हुए निर्धारित समयावधि में कार्यवाही करने को कहा। प्रदूषित पानी को निर्धारित मानकों पर उपचारित किया जाए। उन्होंने परिवहन अधिकारी से नियमित पानी के टैंकरों की जांच करने तथा अवैध टैंकर परिवहन की रोकथाम के लिए सघन जांच करने को कहा। टैकरों से पानी के सैम्पल लिए जाए एवं रिपोर्ट के आधार पर दोषी वाहन मालिक के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

उन्होंने नगर परिषद आयुक्त को एसटीपी कनेक्शन बढ़ाने एवं एक हजार कनेक्शन प्रतिसप्ताह के लक्ष्य को अर्जित करने को कहा। केमिकल युक्त दूषित पानी की जांच हेतु नियमित सैम्पलिंग कर स्त्रौत का पता लगा कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को निर्धारित नियमों की पालना नहीं करने वाली औधोगिक इकाईयों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने की हिदायत दी। उन्होंने विभिन्न स्तरों पर गठित दलों द्वारा नियमित रूप से जांच कर रिपोर्ट साप्ताहिक बैठक में पेश करने की भी हिदायत दी। जिला कलक्टर ने सीईटीपी के पदाधिकारियों से सीसीटीवी कैमरे, फलोमीटर, स्काडा सिस्टम, प्राईमरी ट्रीटमेंट आदि व्यवस्था की विस्तृत जानकारी ली। रीको द्वारा रोके हटाने के बाद सर्विलेंस टीमों द्वारा संघन निगरानी रखने एवं रीको के ड्रेनेज पर से अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। साथ ही मानसून को देखते हुए रीको अधिकारियों को ड्रेनेज की साफ-सफाई कर सल्ज का उचित निस्तारण करने के दिशा निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि बिना कंसेंट टू आॅपरेट पाली शहर समेत जिले में कोई भी औद्योगिक इकाई संचालित नहीं होनी चाहिए। जो औद्योगिक इकाईयां संचालित हो रही है उनमें से भी प्राईमरी ट्रीट करने के बाद ही पानी छोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए टीमें बनाई गई है जो निरंतर औद्योगिक क्षेत्रों में वाॅल की जांच कर सीईटीपी में लिए जा रहे पानी की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि जिन औद्योगिक इकाईयों में रोस्टर प्रणाली लागू की है उसका पालन नहीं करने वाली इकाईयों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। प्रदूषित पानी को निर्धारित मानक पर उपचारित किया जाए। उन्होंने कहा कि शहर में बिछाई गई सीवरेज से एसटीपी तक पहुंचने वाले पानी की मात्रा काफी कम है, इस कारण सिटी सीवरेज का पानी ट्रीट कर उद्योगों को देने की रफ्तार भी काफी कम है। 

उन्होंने सीवरेज योजना से जु़ड़े अधिकारियों को हाउस कनेक्शन करने की रफ्तार बढ़ाने को कहा। बैठक में प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारियों ने औद्योगिक इकाईयों में प्रदूषण रोकने के लिए अब तक की गई प्रगति का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि सभी औद्योगिक इकाईयों का स्काडा सिस्टम से जोड़ा जा चुका है और उनमें फ्लोमीटर, सीईटीपी इनलेट व आॅउटलेट पर पूरी माॅनिटरिंग की जा रही है।बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर चन्द्रभानसिंह भाटी, सीईटीपी के अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा, डीटीओ राजेन्द्र दवे, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आर.के. बोडा, नगर परिषद आयुक्त बृजेश राॅय, डीआईसी, प्रदूषण बोर्ड एवं रीको समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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