आर्ट ऑफ़ लिविंग कार्यक्रम का लाभ सभी विद्द्यार्थियों को मिले :-राज्यपाल

आत्मीयता,स्नेह तथा मानवीय मूल्य भारतियों की पहचान हैं 

मुंबई :- कोरोना संक्रमण की पृष्ठभूमि में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय और आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित योग, ध्यान और प्राणायाम शिविर का समापन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर की उपस्थिति में संपन्न हुआ। 

विद्यार्थियों का श्री श्री रविशंकर के मार्गदर्शन में योग, ध्यान और प्राणायाम शिविर के माध्यम से उनका आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु किया गया प्रयास सरहानीय हैं.छात्रों को इससे मानसिक स्वस्थता भी मिलेगी।राज्यपाल ने सुझाव दिया कि कुलपति यह सुनिश्चित करे कि आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम से सभी छात्र लाभान्वित हों।

राज्यपाल ने कहा की जैसे टीम वर्क जापान की पहचान है और सटीकता जर्मनी की उसी तरह आत्मीयता,स्नेह और मानवीय मूल्य भारत की विशेष पहचान हैं। इस अवसर पर श्री श्री रविशंकर ने कहा कि आज के दौर में छात्रों की ग्रहण करने की धारणा को कम कर दिया है। उन्होंने कहा हमे उनके सद्गुणों को खोजकर उन्हें चिंतामुक्त करने का प्रयास करना चाहिए. श्री श्री रवि शंकर इस अवसर पर कुलगुरूप्राचार्य व विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। इस अवसर पर  सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ नितीन करमळकर,आर्ट ऑफ लिव्हिंग कार्यक्रम के  महाराष्ट्र निमंत्रक हिमांशू नगरकरसहित शिक्षक,शिक्षिकाएं व विद्यार्थी उपस्थित थे।  


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम