पाली में विभिन्न गतिविधियों में अतिरिक्त छूट दी गई

 रविवार को वीकेंड कफ्र्यू समाप्त


पाली। पाली जिले में कोविड संक्रमण का स्तर निरंतर कम होने के दृष्टिगत त्रिस्तरीय जन-अनुशासन दिशा-निर्देश 4.0 के तहत रविवार को वीकेंड कफ्र्यू समाप्त करते हुए विभिन्न गतिविधियों में अतिरिक्त छूट दी गई है। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी करने के बाद जिला मजिस्ट्रेट अंशदीप ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है।


जिला मजिस्ट्रेट अंशदीप ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट आई है लेकिन संक्रमण पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए आगे भी सजग रहने और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग मास्क लगाएं और भीड़-भाड़ से दूर रहें। कोरोना संक्रमण में जैसे-जैसे कमी आएगी वैसे-वैसे बाजारों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं अन्य गतिविधियों में कोविड अनुशासन की अनुपालना के साथ अधिक राहत दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि गृह विभाग की ओर से जारी त्रिस्तरीय जन-अनुशासन 4.0 के प्रमुख दिशा-निर्देशों में सिनेमा हॉल्स, थियेटर, मल्टीप्लेक्स संचालकों को बैठक क्षमता से संबंधित जानकारी डीओआईटी द्वारा बनाए गए वेब पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश दिए गए थे। जिन सिनेमा हॉल्स, थियेटर, मल्टीप्लेक्स संचालकों ने यह कार्यवाही पूर्ण कर ली है, उन्हें 50 प्रतिशत क्षमता के साथ प्रातः 9 बजे से सायं 8 बजे तक केवल उन व्यक्तियों के लिए खोलने की अनुमति होगी, जिन्होंने वैक्सीन की कम-से-कम पहली डोज लगवा ली हो। जिले के समस्त कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ प्रातः 6 बजे से सायं 8 बजे तक केवल उन व्यक्तियों के लिए खोलने की अनुमति होगी, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की कम-से-कम पहली डोज लगवा ली हो।

उन्होंने बताया कि ऑडिटोरियम एवं प्रदर्शनी के लिए उपलब्ध स्थान की क्षमता का 50 प्रतिशत क्षमता के साथ प्रातः 6 बजे से सायं 8 बजे तक केवल उन व्यक्तियों के लिए खोलना अनुमत होगा,जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की कम-से-कम पहली डोज लगवा ली हो। राज्य के बाहर से आने वाले यात्री जिन्होंने वैक्सीन की प्रथम डोज लगवा ली हो, उन्हें राजस्थान में आने से पूर्व आरटी-पीसीआर नेगेटिव जांच रिपोर्ट एवं होम, संस्थागत क्वारंटीन करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों की नियमित रूप से थर्मल स्क्रीनिंग एवं ऑक्सीजन सेचुरेशन की जांच की जाएगी। आउटडोर खेल गतिविधियां प्रातः 6 से सायं 8 बजे तक अनुमत होंगी एवं इनडोर खेल गतिविधियां प्रातः 6 से सायं 8 बजे तक केवल उनके लिए अनुमत होंगी,जिन्होंने वैक्सीन की प्रथम डोज ले ली हो। जिन दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कार्मिकों के कम-से-कम 60 प्रतिशत स्टाफ को वैक्सीन की प्रथम डोज लग चुकी है, उन दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अतिरिक्त 4 घण्टे (सायं 4 बजे से सायं 8 बजे तक) खोलने की अनुमति होगी, इसके साथ स्क्रीनिंग सुविधा, मास्क की अनिवार्यता एवं अन्य कोविड अनुकूल अनुशासन का ध्यान रखना होगा। कितने प्रतिशत स्टाफ का वैक्सीनेशन हो चुका है, इसकी सूचना भी डिस्प्ले करनी होगी।

उन्होंने बताया कि रेस्टोरेन्ट्स द्वारा होम डिलीवरी की सुविधा प्रतिदिन 24 घण्टे अनुमत होगी एवं टेक अवे,  रेस्टोरेन्ट की बैठक व्यवस्था का 50 प्रतिशत के साथ एक छोड़कर एक के रूप में बिठाकर खिलाने की सुविधा प्रतिदिन प्रातः 6 से सायं 4 बजे तक अनुमत होगी। यदि रेस्टोरेन्ट के 60 प्रतिशत स्टाफ को पहली डोज लग चुकी है, तो उन रेस्टोरेन्ट्स को अतिरिक्त 6 घण्टे (सायं 4 बजे से रात 10 बजे तक) खोलने की अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल्स एवं होटल परिसर इत्यादि शादी-समारोह के लिए अधिकतम 25 व्यक्ति की संख्या के साथ दी गई शर्तों के अनुसार प्रातः 6 से सायं 8 बजे तक अनुमत होंगे, जिसकी सूचना कोविडइन्फो पोर्टल या 181 पर देनी होगी। उपखण्ड मजिस्ट्रेट स्थिति के आंकलन के पश्चात् शादी-समारोह में सम्मिलित होने वाले अतिथियों या मेहमानों की संख्या 50 तक अनुमत कर सकते हैं। विवाह समारोह में अन्य व्यक्तियों जैसे बैण्ड-बाजा वादक, लाइट-डेकोरेशन, कैटरिंग एवं अन्य को मिलाकर 15 व्यक्तियों की अनुमति होगी। उक्त व्यवसाय (बैण्ड-बाजा, लाइट-डेकोरेशन, कैटरिंग) से जुड़े व्यक्तियों को अपनी जीविकोपार्जन के लिए भिन्न-भिन्न जगहों पर कई कार्यक्रमों में जाना पड़ता है, इससे उनके संक्रमित होने या फिर उनसे अन्य व्यक्तियों में संक्रमण फैलने की संभावना के कारण किसी भी शादी-समारोह एवं अन्य कार्यक्रमों में जाने से पूर्व इस व्यवसाय से जुड़े सभी व्यक्तियों को वैक्सीन की कम-से-कम पहली डोज लगवानी होगी। 

उन्होंने कहा कि विवाह आयोजन के दौरान सड़क पर बारात-निकासी की अनुमति नहीं होगी। परन्तु विवाह परिसर में डीजे, बैण्ड-बाजा इत्यादि की अनुमति होगी। आयोजनकर्ता द्वारा विवाह के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा किसी भी राजकीय कर्मचारी को विवाह स्थल पर भेजकर सामाजिक दूरी, मास्क, सेनेटाइजेशन एवं विवाह में उपस्थित व्यक्तियों की संख्या आदि की निगरानी करवाई जाए एवं उल्लंघन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारी व अधिकारी एवं चुने हुए प्रतिनिधियों से इस दौरान अनुकरणीय आचरण एवं सख्त अनुशासन की अपेक्षा की जाती है। अतः उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रम या अन्य कार्यक्रम जिसमें वे आमंत्रित हो, विवाह समारोह आयोजन सम्बन्धी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए। कार्यक्रमों के दौरान सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जायेगी। फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा ’नो मास्क-नो एन्ट्री’ की सख्ती से पालना की जायेगी। स्क्रीनिंग एवं स्वच्छता सुनिश्चित की जायेगी। प्रवेश एवं निकास के बिन्दुओं पर थर्मल स्केनिंग, हैण्ड वाश एवं सेनेटाइजर के प्रावधान किये जायेंगे। सामान्य सुविधाओं एवं मानव सम्पर्क में आने वाले सभी बिन्दु जैसे रेलिंग्स, डोर हैण्डल्स आदि को बार-बार सैनेटाइज किया जायेगा। विवाह आयोजनकर्ता द्वारा समारोह की वीडियोग्राफी करवाई जायेगी एवं संबंधित उपखण्ड अधिकारी द्वारा मांगने पर उपलब्ध करवाई जायेगी। यदि कोई मैरिज गार्डन व स्थान का मालिक कोविड-19 प्रोटोकॉल के प्रावधानों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो मैरिज गार्डन व स्थान को सील कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि आइसोलेशन जोन में पर्यटन व फिल्म शूटिंग से सम्बन्धित गतिविधियां ऐसे रिसोर्ट या होटल परिसर आदि में अनुमत होंगी, जिनका क्षेत्रफल 7500 वर्ग-मीटर या इससे अधिक है एवं अतिथियों के ठहरने के लिए कम-से-कम 25 कमरों की व्यवस्था हो। प्रदेश के समस्त धार्मिक स्थल प्रातः 6 बजे से सायं 8 बजे तक अनुमत होंगे। किसी भी सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समारोह, जुलूस, त्योहारों का आयोजन, मेलों, हाट बाजार की अनुमति नहीं होगी। कोचिंग संस्थाएं, लाइब्रेरीज आदि बंद रहेंगी। संपूर्ण जिले में प्रतिदिन रात्रि 11 बजे से अगले दिन प्रातः 5 बजे तक जन अनुशासन कफ्र्यू रहेगा। उक्त दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188 के कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत व अन्य कानूनी प्रावधान जो लागू हो के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं राजस्थान महामारी अधिनियम, 2020 के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। 

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