देश के विकास में जैनों का योगदान अतुलनीय :- दर्शना जरदोश

गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी ने की दिल्ली में वर्षायोग स्थापना 

नई दिल्ली :- देश की राजधानी व चक्रवर्ती भरत ज्ञानस्थली तीर्थ, बड़ीमूर्ति कनाट पेलस, में आचार्यरत्न श्री अनेकांतसागर जी महाराज ससंघ एवं जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी भारत गौरव गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ससंघ ने की वर्षायोग स्थापना। वर्षायोग स्थापना सभा का आयोजन ज्ञानस्थली तीर्थ पर किया गया। 

 सभा की अध्यक्षता वर्धमान ग्रुप के प्रमोद जैन ने की। मुख्य अतिथि  रेल राज्य  मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश व  चातुर्मास कमिटी के संरक्षक चक्रेश जैनथे। सभा का मंगलाचरण संघस्थ बाल ब्रह्मचारिणी बहनों द्वारा किया। दीप  प्रज्ज्वलन अतुल  जैन,संघपति अनिल जैन, राकेश जैन, मुकेश जैन,ठेकेदार प्रमोद कासलीवाल, राजमल कासलीवाल ने किया।अंतिमा जैन, उर्जिता जैन, देशना जैन ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। 

ज्ञानमती माताजी ने अपने मंगल आशीर्वाद में वर्षायोग की स्थापना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कल तक हमारी स्वीकृति 99 प्रतिशत थी लेकिन आज 100 प्रतिशत स्वीकृति देते हुए हम चातुर्मास की घोषणा दिल्ली में करते हैं एवं इस वर्षायोग का अर्थ यह होता है कि 4 महिने साधु एक स्थान पर रहकर के ज्ञान-ध्यान की आराधना एवं वहा की समाज को धर्म का लाभ प्राप्त होता है।इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री को मंगल आशीर्वाद देते हुए कहा कि रेल मंत्री हर किसी को यात्रा का साधन करते हैं उसका नियोजन करते हैं इसीलिए ऐसे ही अपने लिए मोक्ष की ट्रेन रिजर्वेशन करवाये जिससे राजनीति के साथ-साथ धर्म में भी अग्रसर हो सकें।उन्होंने रेल मंत्री को स्मृति चिन्ह व   स्वामीजी ने ग्रंथ प्रदान किया एवं प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती माताजी ने आशीर्वाद स्वरूप वस्त्र प्रदान किया। 

दर्शना  जरदोश ने कहा कि कार्यक्रम में सम्मिलित होकरअत्यंत प्रसन्नता व्यक्त कर रही हूं।  मैंने मंत्री पद की शपथ  लेने के बाद  जैन समाज के पहले कार्यक्रम में सम्मिलित हो रही हूं। मैं इसे गुरू पूर्णिमा के रूप में सम्मिलित होने के लिए यहां पर आई हूं। इस अवसर पर ज्ञानमती माताजी एवं आचार्य श्री से मैंने आशीर्वाद प्राप्त किया।उन्होंने कहा की जैन समाज सारे देश में 2 प्रतिशत होते हुए भी आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सारे देश में अपना योगदान देते हैं। हमारे गुजरात प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में विजय जैन रूपाणी संपूर्ण प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। मैं भी जैन समाज के अत्यंत निकट रही हूं। 

उपस्थित मेहमानों का स्वागत चक्रेश जैन,  प्रमोद जैन, स्वदेश भूषण जैन, विजय जैन प्रतिष्ठाचार्य, डा. जीवनप्रकाश जैन, संघपति अनिल जैन,अनीता जैन,संघपति अनामिका जैन, अतुल जैन, राकेश जैन, विनोद जैन, राजकुमार जैन,  प्रदुम्न जैन, बिजेन्द्र जैन, प्रदीप जैन, खारीबाबली, शरद कासलीवाल, पवन गोधा,मनोरमा जैन,मालती जैन, सुनंदा जैन,  गौरव जैन, सरिता जैन,अलका जैन,सुनीता काला आदि ने किया। 

संघ के प्रमुख पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी ने उपस्थित सभी गणमान्य महानुभावों का आभार व्यक्त किया। आचार्य अनेकांतसागर एवं गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी ससंघ एवं दोनों संघों को चातुर्मास के लिए श्रीफल समर्पित किया। 

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