तीर्थंकर का जन्म... गूंजी कोरोना शांति की प्रार्थना

 तपोभूमि में महावीर जन्मकल्याणक पर धार्मिक अनुष्ठान हुए

उज्जैन :-जैन शास्त्रों में कहा गया है कि तीर्थंकर का जन्म होता है तो तीनों लोकों में शांति छा जाती है। अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्मोत्सव पर घर-घर से कोरोना से शांति की प्रार्थनाएं गूंज उठी। जैन समाज में रविवार को भगवान महावीर के जन्मोत्सव का उल्लास छाया रहा। समाजजनों ने संयम का पालन करते हुए घरों पर भी ध्वजाएं फहराई। इंदौर रोड स्थित तपोभूमि में भगवान का महामस्तकाभिषेक किया गया।

भगवान महावीर के जन्मोत्सव पर शहर में दिगंबर और श्वेतांबर समाज की एकता नजर आती है। दोनों मिल कर रथ यात्रा समारोह निकालते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होने व धर्मस्थलों पर भी प्रवेश प्रतिबंधित होने से समाजजनों ने संयम दिखाया और घरों में ही पर्व का आयोजन किया। इंदौर रोड स्थित तपोभूमि में दो दिनी पर्व का ऑनलाइन आयोजन किया गया। कल्याणक की पूर्व संध्या पर हुए आयोजन के बाद  सुबह से ही तपोभूमि में अनुष्ठानों का सिलसिला शुरू हो गया था। सभी कार्यक्रमों में भक्तों की ऑनलाइन भागीदारी रखी गई थी।

तपोभूमि में विराजित मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज के सान्निध्य में अनूठे तरीके से जयंती महोत्सव हुआ। देशभर के गुरु भक्तों ने मुनि महाराज के बताए अनुसार घर पर ही रह कर प्रभात फेरी निकाली, झंडावंदन कर मंगल गीत गाए। सुबह 7 बजे से महावीर स्वामी का मस्तकाभिषेक, दोपहर 2 बजे से महावीर विधान, शाम 4 बजे से पादप्रक्षालन, शास्त्र भेंट व पुस्तक विमोचन, 5 बजे से शोभायात्रा, 7 बजे से पालना महोत्सव व महाआरती की गई। इसके गुरुदेव के पादप्रक्षालन,शास्त्र भेंट, प्रभु भक्ति व 7:30 बजे से पालना महोत्सव हुआ। रात 8 महावीर स्वामी की महाआरती की गई। चल समारोह में 108 ध्वजों के रथ के साथ पालकी में भगवान महावीर स्वामी निकले। मुनिश्री ने सभी के स्वस्थ रहने का आशीर्वाद दिया। 

अभिषेक जैन लुहाड़िया 

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