मीरा - भायंदर ज्वेलर्स ने दी आंदोलन की धमकी
महाराष्ट्र राज्य सराफ व स्वर्णकार फेडरेशन का पत्र
भायंदर :- महाराष्ट्र राज्य सराफ व स्वर्णकार फेडरेशन ने मीरा - भायंदर ज्वेलर्स की दुकानों को खोलने की अनुमति मांगी है.अगर जल्दी निर्णय नहीं लिया गया तो उन्होंने आंदोलन की धमकी दी है.
फेडरेशन के उपाध्यक्ष भंवर मेहता ने मीरा - भायंदर महानगरपालिका आयुक्त दिलीप ढोले व पुलिस आयुक्त सदानंद दाते को दिए पत्र में कहा कि बस,ट्रेन, रिक्शा व अन्य निजी गाड़ियों से प्रवास कर रहें लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जाएं, क्योंकि इन्ही चारों माध्यम से कोरोना तेजी से फेल रहा हैं.उन्होंने कहा कि लॉकडाउन कारगर साबित नहीं हो रहा हैं.
मेहता ने कहा कि इसके पहले भी उन्होंने सभी पार्टी के नेताओं और विभिन्न अधिकारियों को पत्र दिया था,परंतु उसका कोई जवाब नहीं मिला.फेडरेशन ने आगे कहा कि हमारे कई व्यापारी 12 -13 महीने से दुकान का किराया,कर्मचारियों की पगार व अन्य खर्च अपनी जेब से या कर्ज लेकर भर रहे हैं.छोटे व्यवसायी तो बेहाल हैं.उन्होंने कहा कि टेक्स वसुलने वाली सरकार का फर्ज नहीं बनता की हमें भी भत्ता दिया जाएं.
मेहता ने कहा कि जैसे दिन दहाड़ी मजदूरी करनेवालों को 1500 रुपयें व रिक्शा चालकों को 1200 रुपये दिये जायेंगे,क्या ये टेक्स भरनेवालों के साथ मजाक नहीं है? सरकार इनको पैकेज दे रही है जबकि रिक्शा तो चल रहे है. क्या जनता के साथ इस तरह का भेदभाव उचित है? मेहता ने कहा कि सरकार ने अगर व्यापारियों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो वो कोरोना से पहले भुखमरी और कर्ज के बोझ से व्यापारी जरूर मर जायेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार अगर हमारे बारे में नहीं सोच रही तो उन्हें हमारा व्यसाय बंद कराने का भी अधिकार नहीँ. फेडरेशन ने कहा कि क्या सब्जी मंडियों में सामाजिक दूरियों का पालन हो रहा है?उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र से होने का बहुत बड़ा खामियाजा व्यापारी भुगत रहे है.शहर की 20 प्रतिशत दुकानें बंद हो गई है. क्या इसके लिए आप जिम्मेदार नहीं है? सरकार, प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रहा है. किसी भी वस्तुस्थिति को जानने के बाद निर्णय लें.
सरकार कुछ कर नहीं सकती तो व्यापरियों को उनके भरोसे छोड़ देना चाहिए. वे अपनी समस्याओं से खुद लड़ेंगे.वैसे भी पिछले 13 महीनों मे सरकार की और से कोई रियायत नही मिली है, ओर आगे उम्मीद भी नही लगती हैं.उन्होंने कहा कि अगर हमें शीघ्र उत्तर नही मिला तो आंदोलन करने को मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि विभिन्न त्योहारों को देखते हुए ज्वैलर्स की दुकानों को शीघ्र खोलने की अनुमति दी जाएं.हम सरकार के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे.
ये एक दम सही बात है कॅरोना की आड़ में वेपारियो का शोषण किया जा रहा है
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