कोरोना संकट में प्रशासन को सहयोग करे विश्वविद्द्यालय

जनजागृति को सर्वोच्च प्राथमिकता दें 

 रासेयो,एनसीसी के साथ छात्र संघों को शामिल करने का निर्देश

मुंबई :- कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर की तुलना में अधिक गंभीर है और राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ संबद्ध कॉलेजों को भी राज्य को इस संकट से उबारने के लिए प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।उपरोक्त निर्देश महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोशियारी ने विश्व विद्द्यालयों को दिए हैं.

कोरोना में बढ़ते संकट की पृष्ठभूमि को देखते हुए राज्यपाल कोशियारी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की.उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों के साथ-साथ एनसीसी कैडेटों,छात्र संगठनों को रक्तदान जैसी गतिविधियों में भाग लेने का निर्देश देते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को कोरोना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के काम को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया.उन्होंने कहा कि वर्तमान समय शिक्षा क्षेत्र के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। सभी विश्वविद्यालय दूरस्थ रूप से अपने पाठ्यक्रम और परीक्षाएं आयोजित कर रहे हैं।समाज और देश को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में समाज की मदद करना विश्वविद्यालयों का नैतिक कर्तव्य हैं.विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ मिलकर काम करें व उनके तनाव को कम करने में मदद करें.

कोशियारी ने कहा अभी भी लोग मास्क उपयोग नहीं करते और रोज बड़ी संख्या में लोगों से दंड वसूला जा रहा हैं.इस लिए,कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को छात्रों को जन जागरूकता गतिविधियों में शामिल करना चाहिए.इस जन जागरूकता से कई लोगों की जान भी बच जाएगी.विश्वविद्यालयों को कोरोना रोकथाम कार्य के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी फंड (सीएसआर) जुटाने की योजना बनानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि मास्क बनाने और वितरित करने के अलावा, विश्वविद्यालयों को जरूरतमंदों के लिए रक्त एकत्र करने के लिए रक्तदान शिविरों का आयोजन करना चाहिए,साथ ही ऐसे लोगो को भोजन दें जो इस लॉकडाउन के कारण संकट में हैं.

कुलपतियों ने राज्यपाल को बताया किया कि राज्य के अधिकांश विश्वविद्यालयों ने प्रशासन को अपने डॉरमेटरी और गेस्ट हाउस उपलब्ध करा दिए हैं.सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया की उनका विश्वविद्यालय ऑक्सीजन उत्पादन प्रणाली का संचालन कर रही है तथा आरोग्य विश्वविद्यालय से 4971 डॉक्टर्स तैयार हुए हैं जो अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं.मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति सुहास पेडनेकर ने कहा कॉलेजों में टीका लगाने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र के तहत समूहों का गठन किया है व कॉलेजों को ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर दिए जायेंगे.

सभी उप-कुलपतियों ने विश्वविद्यालयों द्वारा कोरोना संक्रमण की पृष्ठभूमि के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं के कामों की जानकारी राज्यपाल दी.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम