सांसारिक वैभव छोड़ युतिका बनी युगादी प्रिया श्रीजी

विश्वरत्न सुरीश्वरजी महाराज की निश्रा मे दीक्षा संपन्न

अभिषेक जैन लुहाडिया / रामगंजमंडी :-

नगर की राजदुलारी युतिका ने सांसरिक परिवेश को छोड़ साधु जीवन को अंगीकार कर मुक्ति का मार्ग अपना लिया।उन्हें अब साध्वी युगादी श्रीजी म.सा. के नाम से जाना जाएगा। नगर के फलौदी मांगलिक भवन में नवरत्न सुरीश्वरजी म.सा. के कृपापात्र मालव भूषण परम पूज्य आचार्य श्री विश्वरत्न सूरीश्वरजी म.सा.आदि ठाणा की निश्रा में दीक्षा की क्रिया के समय उन्हें गुरुदेव ने साध्वी युगयादीश्रीजी नाम दिया.दीक्षार्थी को गाजे बाजे के साथ दीक्षा स्थल लाया गया।

अन्तिम विजयी तिलक किया गया

ईनाणी परिवार व उनके परिवार ने मुक्ती मार्ग पर आरूढ़ होने के पूर्व उन्हें अंतिम तिलक किया.सभी ने उनके संयम मार्ग की अनुमोदना की। गुरुदेव से रजोहरण ग्रहण करने के बाद वे खुशी से झूम उठी।



आज नया एडमिशन हुआ है :-विश्वरत्न

आचार्य श्री ने अपने उदबोधन मे कहा कि आज युतिका ने सांसरिक कार्यो से इस्तीफा देकर नया एडमिशन लिया हैं।उन्होंने भगवान महावीर की श्रमण परंपरा में प्रवेश लिया हैं जिसका हम स्वागत करते हैं।
सांसरिक परिवेश को छोड़ युतिका ने साध्वी वेश धारण कर  
जब पर प्रवेश किया तो उपस्थित जनसमूह भाव विभोर हो गया। केशलोंच की क्रिया के बाद भगवान और गुरु भगवंतो की परिक्रमा की।
इस अवसर पर विधायक चंद्रकांता मेघवाल, नगराध्यक्ष देवीलाल सैनी आदि मान्यवर उपस्थित थे।

इतिहास के पन्नो पर अमिट रही यह दीक्षा

नगर के इतिहास मे ऐसी अभूतपूर्व दीक्षा सम्पन्न हुई जो अमिट है। ऐसा उत्साह था जो भूतों न भविष्यती है। वेराग्य के यह क्षण सदा चिरस्थायी रहेगे।जैन श्वेताबर श्री संघ रामगंजमंडी ने महोत्सव को सफल बनाने हेतू सभी का आभार व्यक्त किया।संपूर्ण महोत्सव सरकारी नियमों के पालन के साथ संपन्न हुआ।


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