कोरोना से मुक्ति में मंत्रों की प्रभावी भूमिका : योगभूषण महाराज
सामायिक विषयक वेबिनार
बरुण कुमार सिंह
नई दिल्ली :-आध्यात्मिक विकास एवं मानसिक शांति के लिए मंत्र साधना के प्रयोग विषयक वेबनार पर धर्मयोग फाउंडेशन के संस्थापक, प्रख्यात लेखक, प्रवचनकार, मंत्र महर्षि श्री योगभूषणजी महाराज ने कहा कि विराट विश्व में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान मंत्र साधना से न हो सके। केवल समस्याओं से मुक्ति ही नहीं, कोई भी भौतिक इच्छाओं की पूर्ति में भी मंत्र शक्ति के चमत्कारी प्रभाव हैं। कोरोना महामारी से मुक्ति की दिशा में भी मंत्रों की चमत्कारपूर्ण भूमिका देखने को मिल रही है।
संतुलित एवं समतामय जीवन की साधना के विशिष्ट उपक्रम सामायिक क्लब द्वारा आयोजित वेबनार में वक्ताओं ने सामायिक को शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य का सशक्त आधार बताया। योगभूषणजी महाराज ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मंत्र शक्ति के माध्यम से इस पर नियंत्रण पाने के उपक्रम किये गये हैं। करीब सोलह हजार कोरोना पीड़ितों ने मंत्र साधना से स्वयं को कोरोना मुक्त किया है। मंत्रों की साधना और उसके प्रभाव का इतिहास भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। प्राचीन महापुरुषों ने इसलिए मंत्रों को कल्पवृक्ष, कामधेनु और चिंतामणि रत्न की उपमाएं दी हैं। उन्होंने जैन धर्म की विशिष्ट साधना और प्रार्थना सामायिक में मंत्रों के विशेष प्रयोग करने की आवश्यकता व्यक्त की। सामायिक अभियान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सामायिक जैन साधना पद्धति की एक विशिष्ट प्रक्रिया है जिसमें 48 मिनट तक साधक आत्मसाधना के साथ-साथ सुख, समृद्धि, शांति, स्वास्थ्य के लिए इस साधना में प्रवृत्त होता है। उन्होंने लगभग 25 वर्ष पूर्व आचार्य श्री तुलसी के स्वस्थ समाज संरचना के सपनों को आकार देने के लिए श्रीमती मंजुला जैन के नेतृत्व में संचालित किये गये सामायिक क्लब को उन्नत आध्यात्मिक जीवन का सोपान बताया और विभिन्न जैन परम्पराओं में सामायिक की साधना के स्वरूप को उजागर किया। उन्होंने कहा कि सामायिक के प्रति जागरूकता पैदा करने की दिशा में सामायिक क्लब एक जनक्रांति है जिससे एक आदर्श समाज संरचना को आकार दिया जा सकता है।
प्रारंभ में सामायिक क्लब की संस्थापिका श्रीमती मंजुला जैन ने क्लब की गतिविधियों को विवेचित करते हुए कहा कि सामायिक एक चमत्कारिक एवं प्रभावी साधना का उपक्रम है जिसके माध्यम से सभी वर्ग के मनुष्य जीवन की हर तरह की समस्या का समाधान पा सकता है। श्रीमती जैन ने आगे कहा कि यह साधना बहुत पवित्र है, अठारह पापों से मुक्त होने की साधना है। सामायिक उन्नत एवं संतुलित जीवन का आधार है, जो इसका सहारा लेता है वह काफी बुराइयों से बच जाता है। भगवान महावीर ने समता की साधना को पहली आवश्यकता कहा है। इसकी साधना के बिना अध्यात्म के क्षेत्र में प्रवेश नहीं हो सकता और न आत्मा की ओर प्रस्थान ही किया जा सकता है।
सामायिक क्लब की प्रवक्ता एवं प्रशिक्षिका डाॅ. सुजाता जैन ने कार्यक्रम का संयोजन किया। लेखक एवं पत्रकार श्री ललित गर्ग ने योगभूषणजी महाराज का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का प्रारंभ सामायिक गीतिका से हुआ।
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