प्रबल पुण्योदय के बाद दीक्षा की भावना होती हैं :- युतिका

वैराग्य की और अग्रसर दीक्षार्थी ने माना सबका आभार


रामगंजमंडी :-
जीवन में किसी  भी पल  वैराग्य की भावना आ सकती हैं. प्रबल पुण्योदय के बाद ही सांसारिक जीवन में रहकर कोई संयम की और अग्रसर होता है. पूर्व जन्मों में किये त्याग के चलते व्यक्ति संयम की और बढ़ता है.
   उपरोक्त विचार संयम पथ की और बढ़ती  रामगंजमंडी  नगर की राजदुलारी सुश्री युतिका मेहता ने जो सांसारिक जीवन को त्यागकर संयम पद की और बढ़ रही है. वो भगवान महावीर के मार्ग का अनुसरण करती हुई 16 अप्रैल 2021 को मालव भूषण,परम पूज्य आचार्य श्री विश्वरत्न सागर सूरीश्वरजी महाराज की निश्रा मे दीक्षा  अंगीकार करेगी.
   कहा जाता है कि बिना काऱण जो दीक्षा लेता  वो कोई साधारण नही हो सकता है वह पुर्व जन्म का कोई  त्यागी ही हो सकता है .वैसे यंहा कई दीक्षा हुई लेकिन युतिका रामगंजमंडी की पहली बेटी है जो यंहा दीक्षा ग्रहण कर जिनशासन को शोभायमान करेगी.

   एक परिचय युतिका मेहता

युतिका का जन्म प्रियंका संदीप मेहता की बगिया मे हुआ.उसका लालन पालन बड़े लाड़ प्यार मे हुआ. दादा  राजेन्द्र मेहता व दादी प्रेमलता की उंगली को थाम बड़ी हुई युतिका को बचपन से ही धर्म  संस्कार मिले और दीक्षा की भावना जागृत हुई,और परम पूज्य साध्वी श्री मुक्तिप्रिया म.सा.का चातुर्मास में सानिध्य मिला औरदीक्षा लेने की इच्छा बढ़ती गई.
   परिवार के समक्ष दीक्षा की भावना व्यक्त की तो उन्हें  कुछ समय रुकने का आग्रह किया परंतु जिनशासन की सेवा को उत्साहित पंछी को आखिर कब तक पिंजरे मे कैद रख सकते थे,तथा उसकी दृढ़ता को देखते हुए आखिर परिवार को अनुमति देनी पड़ी।
  यधपि यह मार्ग आत्म कल्याण का मार्ग है लेकिन परिवार जन पर मोह की प्रबलता हावी थी।
  कितना भावुक क्षण है परिवार के लिए जो अपनी लाडली बिटिया रानी को अपने घर आंगन में उछलती पलती देखना चाहते थे. लेकिन परिवार पर पूज्य गुरु भगवतो ने ज्ञानरूपी शलाका से ऐसा अंजन किया कि मोहपाश कुछ टूटा और अपनी इस वीरबाला को वीर  पथ पर कदम बढ़ाने की अनुमति प्रदान की.
  अनुमोदना
पत्रकार अभिषेक जैन लुहाडिया ने युतिका के संयम मार्ग पर बढ़ने की  अनुमोदना की व विश्वास व्यक्त किया कि व जिनशासन के साथ अपने मातृभूमि को गौरान्वित कर स्वर्णिम इतिहास लिखेगी.

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