काबिल बनने के लिए पुरुषार्थ करें : आचार्य सुनील सागर

भगवान संभवनाथ स्वामी का मोक्ष कल्याणक


लोहारिया (बांसवाडा) :-
भगवान संभवनाथ के मोक्ष कल्याणक पर लोहारिया में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री सुनील सागरजी महाराज ने कहा कागज अपनी किस्मत से उड़ा करता है और पतंग अपनी काबिलियत से उड़ा करती है। किस्मत साथ दे ना दे, काबिलियत जरूर साथ देती है। इसलिए काबिल बनने के लिए केवल किस्मत के भरोसे मत बैठे रहिए। जिन्होंने अपनी काबिलियत को जाना पहचाना उस पर काम करने से संभवनाथ, आदिनाथ, महावीर, श्रीराम, सन्मति सागर बन गए।

उन्होंने आगे कहा कि पतंग अपनी मर्यादा किसी के अंकुश में रहती है तो ऊंची उठती है। अपनी काबिलियत विकसित करती है। भगवान की पंचकल्याणक तिथियों, जन्म भूमि, मोक्ष भूमि के दर्शन जरूर करें। पर्यटन स्थलों पर जाकर पाप कार्य करने से ज्यादा लाभदायी, तीर्थ दर्शन करने से पुण्य लगेगा और तीर्थ वही क्यों तारे और पार करें। भगवान संभवनाथ का जन्म अयोध्या के पास श्रावस्ती नगर में हुआ। आज अयोध्या में बड़ी योजना चल रही है, वहां के नक्शों में भी तीर्थंकर का उल्लेख होना ही चाहिए।आज तीर्थों का नुकसान हो रहा है हमारे हाथ से निकल जाते हैं क्योंकि लोगों का आवागमन नहीं होता। कश्मीर जाने का मन होता है तो श्रीनगर में जिन मंदिर का लक्ष्य बनाएं, उड़ीसा जाना है तो लक्ष्य बनाएं खंडगिरि उदयगिरि जरूर जाए। केवल सुविधा की अपेक्षा ना रखें। धीरे-धीरे आवागमन बढ़े अपने आप सुविधाओं का विकास होता है । आप की उपस्थिति ही क्षेत्र की प्रगति, उन्नति प्रभावशाली प्रभा दिखाती है।
उन्होंने कहा कि आप अगर नया मंदिर नया मूर्ति नहीं लगवा सकते ऐसे प्राचीन तीर्थो पर जाकर वंदना करके ही जिन शासन की प्रभावना सुरक्षा कर सकते हैं। तीर्थ वंदना गुरु के दर्शन यह बहुत ही उत्तम स्रोत हैं पुण्यार्जन का।
आचार्य श्री ने कहा की कोरोना महामारी के काल में परस्पर सहयोग, धर्म ध्यान बहुत आवश्यक है। एक बार यह जाल फैला है ठंडा पढ़ते-पढ़ते लगभग दो ढाई साल तो निकल ही जाएंगे। गलतियां मनुष्य ने की है, दोष प्रकृति को नहीं दे सकते। चिंता के माहौल में निश्चितिता का अनुभव करना होगा। निश्चितता आती है धर्म शरण से। शुभ चिंतन, स्वाध्याय, घर बैठे पूजा, विधान, जाप, लोक कल्याण की प्रार्थना करते रहे। विश्व में शांति, निरोगता बनी रहे यही कामना करनी चाहिए।
अभिषेक जैन लुहाड़ीया

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