विश्वरत्न सूरीश्वरजी ने दिया शांति का संदेश,

महामांगलिक में मंत्रों से वातावरण हुआ शुद्ध

अभिषेक जैन लुहाडिया / रामगंजमंडी

गुड़ी पड़वा प्रतिपदा नव वर्ष पर भोपावर तीर्थोद्धारक, तपस्वी आचार्य श्री विजय नवरत्न सूरीश्वरजी म.सा.के कृपापात्र शिष्य मालव भूषण

परम पूज्य आचार्य विश्वरत्न सूरी जी महाराज ने कोरोना जैसी बीमारी की अशांति के बीच रामगंजमंडी से शांति का संदेश दिया।
सरकारी नियमो के साथ हुए महामांगलिक में सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि आज समूचा विश्व भय के साए में जी रहा है.हमे डरने की नही इस महामारी से लड़ने की जरूरत हैं.

उन्होंने कहा संत समाज भी इन स्थितियों को लेकर चिंतित है, प्राचीन ऋषि-मुनियों द्वारा रचित धर्म ग्रंथों में अनेक उल्लेख आते हैं. 
कि जब जब मानवता विरोधी ताकतों को मंत्रों और स्रोतों के माध्यम से नियंत्रित किया जाता हैं. महामांगलिक ने अशांति के साए में शांति की स्थापना के लिए मंत्र मुद्रा एवं ध्वनि का त्रिवेणी संगम प्रवाहित कर वायुमंडल को शुद्ध एवं मानव मन को बल प्रदान करने का काम किया.

ढाई घंटे तक हुई मंत्र साधना

करीब ढाई घंटे तक गुरुदेव और भक्तों ने आत्मरक्षा, वज्र पंचसूत्र, शांतिधारा पाठ, बड़ी शांति, भैरव अष्टक, अनेक बीज मंत्र, नवकार मंत्र का पाठ किया। इसके लिए शंख मुद्रा, मुक्ता सूत्री मुद्रा, वज्र मुद्रा, समर्पण मुद्रा, पार्षव मुद्रा, मुदगर मुद्रा लगाकर सभी ने एक स्वर से एक ध्वनि से मंत्र उच्चारण कर वायुमंडल को गुंजायमान कर दिया.

152 देशों के लोग जुड़े, मंत्र दोहराए गए

रामगंजमंडी से हुई यह कोशिश सारे विश्व को जोड़ने में भी कामयाब रही। एक निजी चैनल के माध्यम से कार्यक्रम से 152 देशों में लाइव प्रसारण हुआ. आचार्यश्री के आह्वान पर जो जहां था, वहीं से मुद्राएं बनाकर साथ में मंत्र दोहरा रहा था. साथ ही प्रार्थना की गई कि प्रभु कोरोना महामारी से लड़ने की शक्ति प्रदान करें और कोरोना महामारी को दूर भगाएं. इस अनुष्ठान के बाद महा मांगलिक से लोगों को नई ऊर्जा का संचार हुआ. अहमदाबाद के संगीतकार त्रिलोक मोदी एवं गायक आदित्य कोठारी (इंदौर) ने शानदार भजनों की प्रस्तुति दी. संचालन वीरेंद्र जैन एवं राजेश कांठेड़ नलखेड़ा ने किया.


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