नाबालिग मजदूरों से करायी जा रही थी नाले की सफाई
सुपरवाइजर और ठेकेदार पर हुआ मामला दर्ज
विनोद मिश्र / भायंदर
मीरा भायंदर महानगरपालिका ने मानसून पूर्व शहर के सभी छोटे बड़े नाले व गटर की साफ सफाई का ठेका एक स्थानीय ठेका कंपनी को दिया है। इस कंपनी के ठेकेदार द्वारा नाले की साफ सफाई में नाबालिग मजदूरों को कार्य पर लगाया गया था। जिसकी शिकायत कुछ समाजसेवकों ने जोन-१ के पुलिस उपायुक्त अमित काले तथा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के पुलिस निरीक्षक पाटील से की थी। इसका संज्ञान लेते हुए काशीमीरा पुलिस में ठेकेदार व सुपरवाइजर के खिलाफ बाल कामगार विरोधी नियमानुसार मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सुपरवाइजर को हिरासत में लिया है जबकि बताया जा रहा है कि ठेकेदार फरार हो गया है। इस संपूर्ण प्रकरण में मनपा के सभागृह नेता प्रशांत दलवी ने मनपा आयुक्त दिलीप ढोले से संबंधित ठेका रद्द करने की मांग की है।बता दे कि मीरा भायंदर शहर में छोटे बड़े कुल १५५ नाले व गटर हैं। जिसके मानसून पूर्व साफ सफाई का ठेका ७ मई को ३ करोड़ रुपये में दिया गया है।नाले सफाई सफाई में जुटे मजदूरों को मास्क, गमबूट, दस्ताने आदि सुरक्षा सामग्री नही उपलब्ध कराए जाने का आरोप किया जा रहा था। इसी बीच स्थानीय समाजसेवक हरीश सुतार अपने साथियों के साथ नाले की साफ सफाई का जायजा लेने निकले थे। तो सुतार ने देखा कि नालों की साफ सफाई नाबालिग बाल मजदूरों से कराई जा रही थी। जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की थी।
हिरासत में लिए गए ठेका कंपनी के सुपरवाइजर ने पुलिस को बताया कि लॉक डाउन की वजह से मजदूर नही मिल रहे थे। वयस्क मजदूरों की अपेक्षा नाबालिग मजदूर कम वेतन पर कार्य करने को उपलब्ध थे इसलिए उन्हें साफ सफाई के काम पर रखा गया था। हालांकि पुलिस ने ५ बाल मजदूरों को कार्य मुक्त करा दिया है। वहीं सभागृह नेता प्रशांत दलवी ने मनपा आयुक्त ढोले से उक्त ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर उसके भुगतान को रोकने की मांग की है।
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