मेवाड़ मालव ज्योति चंद्रकलश्रीजी का निधन

70 वर्ष का था दीक्षा पर्याय

उदयपुर :- परम पूज्य पन्यास श्री धर्मविजयजी महाराज डहेलावाला समुदाय के गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री विजय अभयदेव सूरीश्वरजी महाराजा के आज्ञानुवर्ती साध्वीजी श्री चंद्रकलाश्रीजी म.सा.का उदयपुर में निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे व उनका दीक्षा पर्याय 70 वर्ष था।

साध्वी चंद्रकलाश्रीजी म.सा. का जन्म  1999, श्रावण सूद ८, को उदयपुर में मोहनभाई व सुमनदेवी के परिवार में हुआ था।आपकी बहन हाल में साध्वी श्री कल्पलताश्रीजी म.सा.हैं।आपकी दीक्षा 2008, फागण वद - 11 को   चाणस्मा में हुई थी।आपके तपस्या में 2 वर्षीतप, विश स्थानक तप, 99 यात्रा आदि हैं।1995 में आपको मेवाड़ ज्योति पद से उदयपुर तथा वर्ष 2000 में मेवाड़ मालव ज्योति पद से सम्मानित किया गया।आपके दीक्षादाता पूज्य रंगविमलविजयजी म.सा.तथा आपके गुरु साध्वी श्री सुदर्शनाश्रीजी म.सा. थे।आपकी गुरुमा ने 100 साल पूर्ण किये थे।दीक्षा पर्याय दौरान मेवाड़ - मालवा - सौराष्ट्र - कलकत्ता बंगाल - मध्यप्रदेश - बिहार - गुजरात - समेतशिखर आदि अनेक राज्यों में विहार कर धर्म आराधना करवाई।

आपने संस्कृत, प्राकृत, न्याय, व्याकरण, आचारांग, उत्तराध्यान, छंदानुशासन, सिद्धांत कौमुदी, कम्मपयडी, पंचसंग्रह, मूल छेद, प्रकीर्णक आगम ग्रंथ आदि विविध शास्त्रो तेमज, हिंदी, संस्कृत, प्राकृत आदि विविध भाषाओ का अध्यन किया था।वे एकदिन में 100 श्लोक कंठस्थ कर लेती थी।आपने अनेक पुस्तकों, साहित्य का प्रकाशन करने के साथ ही अनेक पदयात्रा संघ की प्रेरणा कर निश्रा प्रदान की।

साध्वी परिवार में साध्वी श्री कीर्तिप्रभाश्रीजी, साध्वी श्री भद्रपूर्णाश्रीजी, साध्वी श्री शीलमाला श्रीजी, साध्वी श्री रत्नकला श्रीजी,साध्वी श्री शीलकांता श्रीजी, साध्वी श्री सुमलया श्रीजी, साध्वी श्री चरणलता श्रीजी, साध्वी श्री कल्पगुणा श्रीजी, साध्वी श्री शांतरसा श्रीजी, साध्वी श्री संवेगपूर्णाश्रीजी, साध्वी श्री नयपूर्णा श्रीजी, साध्वी श्री पद्मगुणाश्रीजी आदि 25 शिष्या, प्रशिष्या का समावेश है।

उनके मार्गदर्शन में श्री विमल सुदर्शन चंद्र पारमार्थिक ट्रस्ट - उदयपुर,श्री सुरेन्द्र सूरि स्मारक ट्रस्ट,मंदसौर का संचालन,व मध्यप्रदेश के मंदसौर जिल्ला में श्री वही पार्श्वनाथ - अभिनव समेतशिखर तीर्थ की प्रणेता थी।

उनके निधन पर गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय अभयदेव सूरीश्वरजी म.सा.कार्य कुशल आचार्य श्री विजय मोक्षरत्न सूरीश्वरजी म.सा.ने दुख व्यक्त किया हैं।

शांति वल्लभ टाइम्स परिवार की भावपूर्ण श्रद्धांजलि



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम