विजय वल्लभ साधना केंद्र जैतपुरा में जैन ध्वजारोहण तथा ध्वज वंदन

 जिन शासन की सेवा , सुरक्षा व संरक्षण का प्रण 


पाली :-
शासनपति भगवान श्री महावीर स्वामी ने वैशाख सुदि ११ को चतुर्विध श्रीसंघ रुपी धर्म तीर्थ की स्थापना की थी । जिसे सर्वत्र शासन स्थापना दिवस के रुप में मनाया जाता है ।

पंजाब केसरी आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरिश्वरजी समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय नित्यानंद सूरि जी महाराज , ज्ञान प्रभाकर आचार्य श्री विजय जयानंद सूरि जी म. , तत्त्वचिंतक आचार्य श्री विजय चिदानंद सूरि जी म. आदि ठाणा - 12 एवं साध्वी पूर्णप्रज्ञा श्री जी म. आदि ठाणा - 6 तथा शासन प्रभावक आचार्य श्री नीति सूरि समुदाय की साध्वी हर्षप्रभा श्री जी म. आदि ठाणा - 3 की निश्रा में विजय वल्लभ साधना केंद्र जैतपुरा जिला पाली राजस्थान में जैन ध्वजारोहण किया गया ।

तीर्थ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महेंद्र एच. मेहता एवं  श्रीमती कांता एम मेहता के द्वारा ध्वजारोहण किया गया ।

ध्वजारोहण के बाद ध्वज वंदन का गीत सभी ने गाया। उसके बाद जैन धर्म के प्रति आस्थावान रहते हुए जिन शासन की सेवा , सुरक्षा व संरक्षण का प्रण लिया गया ।

विशेष : यूं तो हर तीर्थंकर के केवलज्ञान कल्याणक के दिन ही उनके शासन की स्थापना होती है, किंतु प्रभु महावीर की प्रथम देशना निष्फल गयी एवं किसी ने भी संयम ग्रहण नहीं किया। यह एक आश्चर्य था जिसका वर्णन कल्पसूत्र में भी आता है। तत्पश्चात आज से 2577 वर्ष पूर्व परमात्मा ने विहार किया एवं अगले दिन मध्यम पावा नगर में समवसरण हुआ जहां पर
• इंद्रभूति गौतम आदि श्रमणगण
• महासती चन्दनबाला आदि श्रमणीगण
• आनंद श्रावक आदि श्रावकगण
• सुलसा रेवती आदि श्राविकागण
ने विरतिधर्म स्वीकार किया। कई ने सर्वविरति (दीक्षा) तथा सैंकड़ों जनों ने देशविरति (श्रावक धर्म) स्वीकार किया और शासन की स्थापना हुई। धन्य है जिनशासन। इस शासन के कारण हमें परमात्मा की वाणी प्राप्त हुई, गुरु परंपरा, परमात्मा के भव्य दर्शन करने का लाभ प्राप्त हो रहा है जिसके कारण से हम सभी धर्म की आराधना कर पा रहे हैं। जय जिनशासन

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