ज्ञानोत्सव के रूप में मनाया निपुण रत्न विजयजी का दीक्षा दिन

 जीवदया एवम संयम अनुमोदना के कार्यक्रम


पाटण:- गुजरात के पाटण नगर में पंचासरा जिनालय के समीप स्थित त्रिस्तुतिक जैन उपाश्रय में अघ्ययन हेतु बिराजमान त्रिस्तुतिक जैनाचार्य  श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वर जी महाराजा के  कृपापात्र शिष्य एवं वर्तमान गच्छाघिपति श्री नित्यसेन सूरीश्वर जी महाराज ओर आचार्य भगवंत श्री जयरत्न सूरीश्वर जी महाराज के  आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री निपुणरत्न विजयजी महाराज के संयम जीवन के 20 वर्ष पूर्ण कर 21 वें वर्ष में मंगल प्रवेश पर मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजय जी महाराज की पावन निश्रा में त्रिस्तुतिक जैन संघ पाटण ने ज्ञानोत्सव के रुप में मनाया।

मुनिराज श्री के दीक्षा दिन निमित्त श्रीसंघ ने मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजयजी महाराज की प्रेरणा से पाटण के हेमचन्द्राचार्य मंदीर  आदि ज्ञान भंडार के व्यवस्थापक ओर कर्मचारीयों का शाल माला एवं नगद में बड़ी राशि से सन्मान किया ओर मुनिराज श्री निपुणरत्न विजयजी महाराज द्वारा  पाटण में  रहकर सिद्ध हेम ज्ञानपीठ में अध्ययन किए गये श्री सिद्धहेम व्याकरण ,ओर योग शतक ,योग दष्टि आदि  (टीका सहित) 13 से अधिक ग्रंथ ओर वर्तमान में चल रहे ग्रंथ की रजत ( चांदी) से ज्ञान पूजा की गई। लाभ उनके संसारी भाई दाहोद (गुजरात)निवासी हितेशकुमार सोहनलाल श्रीश्रीमाल परिवार ने लिया।
इस अवसर पर करीबन तीन घंटे संयम अनुमोदना कार्यक्रम चला जिसमें विभिन्न समुदाय के श्रमण श्रमणी भगवंत ने निश्रा प्रदान की ओर दीक्षा दिवस निमित्त एक वर्ष दरमियान पंचाचार संबंधित अनेक अभिग्रह ग्रहण किये। श्रावक श्राविकाओ ने तप त्याग ओर धार्मिक अध्ययन के अनेक नियम लिए। दीक्षा दिवस निमित्त जीवदया एवं संयम अनुमोदना कार्यक्रम में 50 रु के संघ पुजन का लाभ पुण्य सम्राट् गुरुदेव के भक्त तुलसी बहन आदि जापानी गुरु भक्तो ने लिया।।
मुमुक्षु  बहनों ने विभिन्न रंगों से विशेष रंगोली एवं गहुंली की आकर्षक सजावट कर दिक्षा दिन की शुभकामनाएं दी ।मुनिराज श्री के दीक्षा दिन पर त्रिस्तुतिक जैन संघ पाटण एवं पाटण जैन संघ के सदस्यों ओर पंडितवर्य  चन्द्रकांत संघवी,राजुभाई  सहित चीफ ऑफीसर पांचाभाई माली,पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं संजय मोदी आदि ने वंदना कर शुभकामनाएं दी।

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