जैनत्व की शान है जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय :- धर्मधुरंधर
लाडनू में प्राचीन जैन मंदिरों के दर्शन
लाडनू :- पंजाब केसरी तपागच्छीय गुरुदेव आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा. समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति,श्रुतभास्कर,परम पूज्य आचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी म.सा. आदि ठाणा का धर्म नगरी लाडनूं में आगमन हुआ ।
लाडनू आगमन पर उन्होंने यंहा के श्री दिगंबर बड़ा मंदिर,श्री सुखदेव आश्रम में दिगंबर संतो के साथ धर्मचर्चा भी हुई।समाज की ओर से अनिल पहाड़िया ने गुरुदेव का स्वागत किया।
भागचंद बरड़ीया ने भाग्य लक्ष्मी उनके निवास स्थान पर गहुली वह अक्षत वधाकर कर स्वागत किया।उसके बाद श्री शांतिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर के दर्शन वंदन करते हुए विश्व विख्यात जैन विश्व भारती यूनिवर्सिटी पधारे। उन्होंने यंहा श्री तुलसी स्मारक, विश्वविद्यालय,वर्धमान ग्रन्थागार,कलादीर्घा, ध्यान केंद्र, आदि का स्थानों का अवलोकन किया। कुलपति प्रो. बच्छराज दुग्गड़ ने संस्थान के विभिन्न विभागों की जानकारी दी। पूज्य आचार्य श्री से आशीर्वाद एवं मंगलपाठ श्रवण किया।संस्थान के प्रभारी विजयश्री व प्रो आंनद त्रिपाठी ने संपूर्ण संकुल का अवलोकन करवाया।श्रमणी कुसुम प्रज्ञा जी ने आगम गर्न्थो के प्रकाशन आदि के कार्यो की जानकारी दी । पूज्य आचार्य श्री के साथ शास्त्र संशोधन कार्य के विषय मे विचार विमर्श हुआ।
इस अवसर पर महेंद्रजी बाफना, संजय बोथरा,सुरेश मुणोत दिल्ली,रमेश मुणोत दिल्ली, एवं बीदासर से हरीश बाठिया, रतनलाल जैन, एवं विहार प्रबंध कमिटी के नितिन जैन सुमित जैन, पुनीत जैन आदि श्रावक गण उपस्थित थे। ज्ञात हो जैन धर्म की शिक्षा के लिए इस विश्व विद्द्यालय को दुनिया मे जाना जाता है।
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