संवत्सरी प्रतिक्रमण क्या है?

नकारात्मकता की फ़ाइल डिलीट करें

पारसमुनि म.सा.

पर्युषण के आखिर के  दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं। वास्तव में जो संवत्सर का बदलाव है उसका प्रभाव पर्युषण के आखिर  दिन में होता है। संवत्सर का बदलाव का अर्थ है पुराने का खत्म होना और नए का शुरू होना। इसलिए इन दिनों का प्रतिक्रमण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।

अक्सर मन में प्रश्न आता है कि निकाचित कर्म को बदला नहीं जा सकता, तो फिर यह किन कारणों से बंध होते हैं, जिसे जानकर हम उससे बच सकें?

     तो जानिए कोई भी भाव आप 1 साल से ज्यादा तक बार-बार करते हैं तो वह निकाचित में बदल सकता है। इसलिए संवत्सर का प्रतिक्रमण कहता है इस पूरे साल में जो भी नकारात्मक भाव और बंध है, उसका प्रतिक्रमण कर लो तो अभी छूट जाओगे। अगर उसकी अंदर जाकर फाइल बन गई तो आगे जाकर फिर इनको भोग कर ही पूरा करना पड़ेगा।

       संवत्सरी प्रतिक्रमण वास्तव में एक चांस है कि जो बंध कर दिए उसको प्रतिक्रमण में जागृत होकर अलग कर दो। यह एक दूसरा चांस है अगर आप यहां पर मिस करते हैं तो संभावना है कि यह कर्म की एक पक्की फाइल बन जाएगी, जिसे आप को भोगना ही पड़ेगा।

इसलिए ज्ञानी कहते हैं जागृत होकर अपने पूरे साल में प्रवेश करो और जानो किस-किस से नकारात्मक बंध हुआ और फिर प्रतिक्रमण के बाद जाकर उससे खमत खामना करके यह फाइल यही डिलीट कर दो। वरना आगे जाकर यहां तुमने उसको नहीं खमाया और तुम दोनों में एक के भी नकारात्मक भाव की फाइल बन गई तो दोनों को आगे उलझना पड़ेगा।

    इसलिए इस बार जब संवत्सरी के इन  दिनों का प्रतिक्रमण करो तो ध्यान रखो कि तुम्हें अपने बीते पूरे साल में प्रवेश करना है। तुम्हें अपने हर इस भाव में प्रवेश करना है जो कि तुम ने सब से छुपाया। ताकि तुम्हारी इमेज अच्छी बनी रहे तुम्हें खुद से इमानदार बनना है, क्योंकि साल भर तुमने दूसरों को वह बताया जो तुम बताना चाहते थे, लेकिन अब पहले तुम उस खुद को जानोगे जो तुम हो और यह जानकर, जिसे तुम गुरु मानते हो, उसके सामने जाकर अपने उन सारे द्वंद वाले, डबल स्टैंडर्ड वाले, बनावटी भावों की गर्हा उनके सामने करो और फिर उस गर्हा के बाद गुरु तुम्हे जो प्रायश्चित दे, उस को ग्रहण करके, पूरा करके, अपने मन, दिमाग और शरीर की शुद्धि करो।

अगर हम ऐसा प्रतिक्रमण करें कि हमें पता ही नहीं साल भर में हमने कहाँ द्वेष बंध किया? हमने कहा कपट किया? तो फिर फायदा क्या? आप प्रतिक्रमण किसका करोगे? आप गुरु के सामने गरहा किसकी करोगे? और गुरु आपको प्रायश्चित किसका देगा? आप किससे खमत खामना करोगे? इसलिए इस बार का प्रतिक्रमण भले कोई विधि से ना करो तो भी ठीक है, लेकिन ऐसा करो कि तुम यह सब जानकर इनको डिलीट कर सको।

गोंडल संप्रदाय के महामंत्र प्रभावक पू.जगदीशमुनि म.सा. के सुशिष्य हैं.



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