स्वच्छता के लिए कठोर नीति बने:-आचार्य निर्भय सागर

भीतर के भाव जाग जाएं तो दोनों जगह सफाई हो जाएंगी 

दमोह :- आचार्य श्री निर्भय सागर जी ने धर्मसभा को सबोधित करते कहा शासन प्रशासन और नगरपालिका कितने भी अभियान चलाए लेकिन नगर की गलिया तब तक साफ नहीं हो सकती जब तक नगरवासी न चाहे

आचार्य श्री ने कहा रोज कचरे की गाड़ी आती है घर घर द्वार द्वार खटखटाती है की नगर को साफ बनाना है अपना स्वास्थ्य बचाना है लेकिन लोगो के कानो मे जू नहीं रेंगती और गाड़ी चली जाती है बाद मे या पहले थेली मे भरकर कचरा रोड पर फेक दिया जाता है इसमे गलती शासन की नहीं स्वयं की है ऐसी गलती पर सरकार को कडे कदम उठाना चाहिए क्योकि सरकार का पैसा भी खर्च हो रहा है और गलियो की दशा भी वही है इसी प्रकार मास्क सोशल डिस्टन्स को लेकर सब बहरे औरअंधे है जबकि वाईएएच कार्य सरकार का नहीं बल्कि स्वयं नागरिकों का है अपनी सफाई रखने का एवं स्वास्थ्य ध्यान रखने का बाहर की सफाई का अभियान सरकार चलाती है और भीतर मन की सफाई का अभियान संत चलाते है यदि भीतर का भाव जाग जाए तो बाहर अंदर दोनों जगह सफाई हो जाएगी और तन मन वतन साफ और स्वस्थ्य जाएगे

आचार्य भगवन ने कहा सुबह जब शुद्धि हेतु जाता हु तो देखता हु पीक थूक कचरा  जगह जगह पड़ा हुआ है कही  जगह कचरे का ढेर लगा होता है सब ऐसे मे हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वछता अभियान पर पानी फेर रहे है

कठोर नीति बनानी चाहिये

अमेरिका जैसे देशो मे थूकने या कचरा फेकने पर कठोर नीति बनाई गयी है वैसे ही नीति हमारे देश मे होनी चाहिए आचार्य भगवन ने कहा योगी जीने के लिए खाते है खाने के लिए नहीं जीते जबकि भोगी खाने के लिए जीते है जीने के लिए खाते जो खाने के लिए जीता है वह न्याय नीति स्वास्थ्य और रिश्ता नहीं देखता वह सिर्फ रसना और स्वार्थ देखता

 अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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