क्षमा मे बदले की नहीं बदलने की भावना होती है :- अजित सागर
आष्टा (मध्यप्रदेश) :- मुनि श्री अजित सागर जी महाराज ने धर्म उपदेश मे कहा क्षमा मे बदले की नहीं बदलने की भावना होती है क्रोध व्यक्ति को नष्ट कर देता है क्षमा करना कायरता नहीं कमजोरी नहीं बल्कि वीरों का आभूषण है. क्षमा धर्म भी है मुनि श्री ने कहा कि क्षमा मे कभी भी बदले कि भावना नहीं होती अपितु बदलने की भावना निहित होती है मुनि श्री ने कहा कि दस दिवसीय पर्युषन पर्व के बाद एक दुसरे से वर्षभर मे हुई गलतियो की क्षमायाचना को जाती है.
अभिषेक जैन / लुहाड़ीया रामगंजमंडी
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