पर्व पर्युषण हेतु आत्मकल्याणार्थ सुझावात्मक निवेदन

यह तो ना करे


संकलन:- हेमा पगारिया /जावरा

नहीं उपवास कर पाओ,

तो तुम उपहास से बचना।

अगर दर्शन न हो संभव,

प्रदर्शन से ही तुम बचना।


कमी वंदन में रह जाये, 

तो बंधन से ही बच जाना।

प्रवचन सुन न पाओ तो,

र्दुवचन से ही बच जाना।


केशलोचन न हो संभव,

क्लेश-लोचन ही कर लेना।

न भोजन छोड़ पाओ तो चलेगा

मगर भजन कभी छोड़ मत देना।

न कर पाओ प्रतिक्रमण,

अतिक्रमण से बच जाना।

क्षमा अगर मांग न पाओ

क्षमा करके ही तिर जाना।


न मीठे बोल कह पाओ तो

केवल  मौन  रह  जाना।

कहे  कोई  अगर  कड़वा वचन,

उसे हंस कर ही सह जाना।


निभा पाओ न रिश्तों को

तो उनको तोड़ मत देना।

कहते है किसी का हाथ तुम थाम के,

राह कि मझधार मे छोड़ मत देना।

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