क्रम्बद्धपर्याय 15 से 30 अगस्त तक

 स्वतंत्रता दिवस पर स्वाधीनता का शंखनाद

आपको सूचित किया जाता है कि 15 अगस्त से 30 अगस्त तक जैन दर्शन के महान सिद्धांत क्रमनियमितपर्याय विषय पर ज्ञानार्जन हेतु आपको प्रतिदिन 1 घंटे के व्याख्यान का लिंक प्रदान किया जाएगा। साथ ही आपको सॉफ्ट कॉपी में संदर्भ ग्रंथ भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।

मुख्य वक्ता- डॉ. हुकमचंद भारिल

विषय- क्रमबद्ध पर्याय

1) यह एक अनौपचारिक कार्यक्रम है, इसलिए किसी प्रकार का प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया जाएगा।

2) कार्यक्रम के अंत में ऑनलाइन परीक्षा होगी, जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

3) प्रथम पुरस्कार ₹2500, द्वितीय पुरस्कार ₹1500 एवं तृतीय पुरस्कार ₹1000 है।

4) भाषा का माध्यम हिंदी रहेगा। 

5) इस कार्यक्रम के लिए कोई शुल्क नहीं है, यह सभी के लिए खुला निमंत्रण है।

6) यह केवल ज्ञानप्राप्ति हेतु ही है, पुरस्कार तो मात्र प्रोत्साहन के लिए हैं।

नोट- किसी भी विषय के सशक्त ज्ञान हेतु समर्पण की आवश्यकता होती है, इसलिए कृपया सभी इस हेतु अपना मन मस्तिष्क बना लीजिए। यह एक महान सिद्धांत है जो यदि समझ में आ जाए तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

आपके कोई मित्र इस कार्यक्रम को ज्वाइन करना चाहे तो निम्न लिंक को क्लिक करें-

https://chat.whatsapp.com/Ejw49rBB1nvFsNary5sDJc

https://chat.whatsapp.com/JVpicmzJ1MtEuHXCZAsqds

संपर्क- डॉ शुद्धात्मप्रकाश जैन

अध्यक्ष, जैन अध्ययन केंद्र,

सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय, मुंबई

94144 48290

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