गुरु सीढ़ी जैसे होते हैं शिष्य को ऊंचाई पर पहुंचा देते हैं :- मुनि रजतचंद्र विजयजी

महामांगलिक व गुरु पूर्णिमा महोत्सव संपन्न

दीपक जैन


महाड़ :-
गुरु हमे अंधकारमय जीवन से प्रकाश की ओर ले जाते है। गुरु एक दिये की तरह होते है जो शिष्यों के जीवन को रोशन कर देते है। किसी भी सफलता को पाने के लिए जीवन में गुरु की अहम भूमिका होती है। गुरु हर प्रकार के विषयो से संबंधी सही मार्गदर्शन देते है ओर जीवन के अलग अलग पड़ावों में मुश्किलों से लड़ना सीखाते है।

उपरोक्त विचार मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक,परोपकार सम्राट,गच्छाधिपति आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.के शिष्यरत्न प्रखर प्रवचनकार परम पूज्य मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा.ने श्री महाड़ सकल जैन संघ द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव व महामंगलकारी प्रथम महामांगलिक कार्यक्रम मे व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि चन्द्र से भी निर्मल एवं सूर्य से तेजस्वी होते हैं गुरु।नसीबवालो को गुरु का सानिध्य मिलता हैं।गुरु सीढ़ी के समान होते हैं शिष्य को ऊंचाई पर पहुंचा देते हैं। उन्होंने अपने गुरु ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.को याद किया व जीवन मे उनसे मिले मार्गदर्शन के बारे में बताया। मुनिश्री मंगलचंद्र विजयजी ने नवकार मंत्र एवं 24 भगवान का नाम श्रवण करवाया। 

श्री वीरेश्वर मंदिर प्रांगण के विशाल हाल में आयोजित इस महामांगलिक के लाभार्थी  किशोर कुमारजी ओटरमलजी परमार नागोठाणा परिवार थे। कार्यक्रम की शुरुआत में संगीतकार भरत ओसवाल ने संगीतमय गुरुवंदना कराईं पश्चात मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी ने मंगलाचरण किया।उपस्थित अतिथियों  ने प्रभु एवं गुरुदेव की प्रतिमा समक्ष धुप दीप एवं माल्यार्पण किया। गहूंली का लाभ छोगमलजी कटारिया,महाड़  गुरु पुर्णिमा स्पेशल स्फटिक रत्न के चरण पादुका स्थापना एवं पूजन एवं महामांगलिक डायरी को व्होराने का लाभ भी महामांगलिक लाभार्थी किशोरजी परमार ने लिया। गुरुदेवश्री ने इस अवसर पर परमार परिवार के संगीताबेन व किशोरजी को श्री राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा.की आकर्षक प्रतिमा भेट की। विजय मुहूर्त में मुनिप्रवरश्री ने महामांगलिक श्रवण कराई। करीब 35 मिनट तक मंत्र एवं प्राचीन स्त्रोतों को मुनि श्री ने धारा प्रवाह बोला। सैकड़ों गुरु भक्त श्रीफल लेकर बैठे थे जिनकी विधि मुनि श्री ने विशेष रूप से बताई।घर परिवार में शांति की स्थापना, शारीरिक मानसिक आर्थिक व्यवसायिक लाभ के लिए मुनि श्री ने विशेष मार्गदर्शन दिया। 

भगवान की आरती और मंगल दीवा मांगलिक लाभार्थी परमार परिवार ने किया। गौतम स्वामीजी की आरती हीराचंदजी देवीचंदजी ओसवाल सियाणा वाले, राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा. व ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. की आरती छोगमलजी राजेंद्र कुमारजी प्रवीण कुमारजी कटारिया परिवार जूना जोगापुरा वालो ने की।संचालन पवन देशरला ने किया । आभार चातुर्मास समिति अध्यक्ष अशोक शाह श्रीसंघ अध्यक्ष दिलीप सुकलेचा एवं प्रवीण कटारिया ने व्यक्त किया।

 12 अगस्त को होनेवाली महामांगलिक का लाभ नागोठाणे निवासी प्रकाशजी मुथा परिवार ने लिया। गुरुदेव ने चातुर्मास में होनेवाले धार्मिक अनुष्ठानों की जानकारी दी।

 कार्यक्रम मेंखामगांव के‌ निहालचंदजी (जिन्होंने महाड़ से पोटनेर तक पैदल यात्रा संघ की विनंती की) ठाणा लोढ़ा कॉम्प्लेक्स श्रीसंघ के प्रमुख ज्ञानमलजी,जयेशजी,ललितजी, महावीरजी का बहुमान एवं ‌मुंबई से पत्रकार व युथ फोरम के अध्यक्ष दीपक जैन,नाथ हीलिंग के अमित वर्मा,समाजसेवी अनमोल अवधवाल, राहुल यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उपस्थित मेहमानों का स्वागत संघ ने किया।

ज्ञात हो जैन संघ के सभी वर्ग मिलकर चातुर्मास करवा रहे हैं। ज्ञात हो 100 साल के इतिहास में पहली बार महाड़ श्रीसंघ में जैन संत का चातुर्मास हो रहा है। आर वी ग्रुप इंडिया यूट्यूब चैनल पर लाइव दिखाया गया । नवकारसी व स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गया। जैन मंदिर से वाजते गाजते  शोभा यात्रा निकलकर वीरेश्वर मांगलिक स्थान पहुंची। कराड के संगीतकार भरत ओसवाल ने भक्ति की रमझट जमायी। मध्य प्रदेश राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र सहित अनेकों राज्य के गुरुभक्त महामांगलिक में शामिल हुए।


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