मुनि रजतचंद्र विजयजी की कृति "मारा प्रभु मोहनगारा" का अठ्ठाई के तप नियम द्वारा विमोचन

नेमिनाथ भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया


महाड़ :- 
नगर की धर्मधरा पर 22 वें तीर्थंकर प्रभु श्री नेमिनाथ दादा का जन्म कल्याणक धूमधाम से मनाया गया, साथ ही मुनि रजतचंद्र विजयजी द्वारा रचित श्री नेमिनाथ वंदनावली एवं गिरनार भाव यात्रा का भव्य अनुपम कार्यक्रम किया गया।  

श्री वासुपूज्य स्वामी भगवान के सानिध्य में वीरेश्वर मंदिर प्रांगण में परोपकार सम्राट,आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न प्रवचन दक्ष मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा. एवं मंगलचंद्र विजयजी म.सा.का भव्य यशस्वी चातुर्मास ज्ञान,तप,स्वाध्याय के साथ चल रहा है। नित प्रतिदिन नये-नये धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन से पूरा नगर एवं क्षेत्र लाभान्वित हो रहा है। 

चातुर्मास अंतर्गत प्रातः 7 से 8 में सामूहिक रविवारीय जाप,  भक्तामर गुरु चालीसा पाठ, 22 वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ दादा की वंदनावली का भक्तिमय आयोजन जन्म कल्याणक के साथ में धूमधाम से मनाया गया। मुनिश्री द्वारा स्व रचित 5 प्रभावशाली स्तुतियों के माध्यम से वंदना कराई गई। गिरनार की अद्भुत बातें व रहस्य का वर्णन सुनकर श्रद्धालु आनंदित हुए। करीब ढाई घंटे चले इस आयोजन के मध्य सैकड़ों श्रद्धालुओं की साक्षी में मुनिराज द्वारा रचित मारा प्रभु मोहनगारा कृति का विमोचन आठ उपवास (अठाई ) का नियम लेने वाले हितेश ओसवाल एवं निशा राजेश कटारिया द्वारा किया गया,साथ ही 15 भाई बहनों ने तेला का नियम संकल्प लेकर नूतन कृति प्राप्त की।

वंदनावली की शुरुआत में प्रभुजी की गहुंली का लाभ विमल कुमार संपतलालजी देसरला ने लिया, पुष्पहार पूजा का लाभ व जन्म कल्याणक के दीप प्रागट्य करने का लाभ निलेश कुमार हीराचंदजी ओसवाल ने लिया।

रजतचंद्र विजयजी ने बताया कि आगामी शुक्रवार को प्रभु वंदनावली का भव्य आयोजन होगा । साप्ताहिक प्रश्न पेपर परीक्षा में 8 विजेता को पुरस्कृत होंगे जिसमें चांदी के 22 रजोहरण एवं चांदी के सिक्के लक्की ड्रॉ में दिये जाएंगे। प्रभुजी की आरती मंगल दीया का लाभ हितेश कुमार हीराचंदजी ओसवाल,गौतम स्वामीजी की आरती का लाभ अशोक कुमार शाह ने लिया। 

वंदनावली के अंत में उच्च सिंहासन पर विराजित रत्न प्रतिमा के समक्ष प्रभुजी देववंदन कराया गया। मुनिश्री ने स्वरचित नेमिनाथ प्रभु का सुंदर स्तवन सुनाया। प्रभुजी के समक्ष आकर्षक सजावट तनिषा ने की थी। 10 यतिधर्म की सुंदर तपाराधना चल रही है।ज्ञात हो 100 साल के इतिहास में महाड़ में पहलीबार चातुर्मास हो रहा हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम