जो भक्त है, उसकी शरण में की गई भक्ति सार्थक है :- नम्रमुनि
गुरु के गुरु बनाने वाले को गुरु कहते हैं
पुनडी (कच्छ) :- गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आरोग्यधाम में कल्याणकारी कच्छ चातुर्मास में राष्ट्रसंत परम गुरुदेव श्री नम्रमुनि म.सा. की उपस्थिति में विश्वास, भक्ति और समर्पण का उपहार देते हुए गुरु समर्पण कार्यक्रम का समापन किया गया।
गुरु तत्व के रहस्य को समझाते हुए परम गुरुदेव ने सेवा के महत्व, समर्पण, शिष्यत्व, मोक्षमार्ग की पूजा, गुरु-शिष्य की खुशी और गुरु तत्व के महत्वता की सहज समझ देकर कार्य करने की प्रेरणा दी। पूज्य श्री परम महासतीजी ने गुरु गुण,गुरु उपकार व गुरु ऋण की स्वीकृति की भावना व्यक्त की गई।
प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से गुरुपूर्णिमा के विषय पर प्रस्तुत पांच दृष्टिकोणों का पालन न करने के कारण होनेवाली आशातना पर सिंगापुर और यूएसए के गुरु भक्तों ने सुंदर प्रस्तुति दी जिसे देखकर सभी मंत्र मुग्ध हो गए,और हजारों भक्तों को सोचने पर मजबूर कर दिया।इस अवसर पर गुरुदेव ने नूतन दीक्षित विशुदिजी महासतीजी को 24 वें उपवास का पचखान दिया।
कार्यक्रम में महासती आराध्याजी, नमस्वीजी महासतीजी, नव दीक्षित शुभम महासतीजी, सुनिष्ठाजी महासतीजी को उपवास के पचखान दिये।पचखान के बाद सभी और जबरदस्त उत्साह और भक्ति का माहौल था।भक्ति की रमझट जतिन बीड़े ने जमायी।चातुर्मास को लेकर उत्साह का माहौल हैं।प्रवेश भी देश विदेश से आये गुरु भक्तों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।आगे भी अनेक धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया है।ज्ञात हो राष्ट्र संत के अलावा 41 साधु साध्वीजी भी चातुर्मास हेतू बिराजमान हैं,और लाभ एसपीएम परिवार ने लिया है।
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