61% लोग स्ट्रोक के चेतावनी के अनभिज्ञ – सर्वेक्षण

स्वास्थ्य जांच को लेकर लोग जागरूक


मुंबई –
स्ट्रोक का झटका आने के कुछ घंटों में मरीज पर इलाज होना जरूरी हैं। लेकिन लगभर 61% लोगों को स्ट्रोक का झटका आने के बारे में अनभिज्ञ हैं।मीरारोड स्थित वॉक्हार्ट अस्पताल द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह चौंकानेवाला तथ्य सामने आया हैं। स्ट्रोक के बारे में लोगों में जागरूकता कमी कमी यह इसका मुख्य कारण हैं। इसलिए स्ट्रोक के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए वॉक्हार्ट अस्पतालद्वारा एक स्ट्रोक सपोर्ट ग्रुप बनाया हैं।

मस्तिष्क की रक्त आपूर्ति में कमी या रुकावट के कारण स्ट्रोक होता है। फिर मस्तिष्क की कोशिकाएं या न्यूरॉन्स बिना रक्त या ऑक्सीजन के कुछ ही मिनटों के बाद मरने लगते हैं और मस्तिष्क का कार्य नष्ट हो जाता है। स्ट्रोक किसी की चलने, बोलने, खाने, सोचने और याद रखने और शरीर के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करेगा। यह किसी को भी कभी भी हो सकता है। इस जानलेवा स्थिति के बारे में बहुत कम जागरूकता है। इसे देखते हुए अस्पताल ने लोगों की समस्या जानने के लिए स्ट्रोक का सर्वेक्षण किया।

मीरारोड स्थित वॉक्हार्ट अस्पताल के कंसल्टेंट इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट और स्ट्रोक स्पेशलिस्ट डॉ. पवन पै ने कहॉं की,“स्ट्रोक का झटका आने के कुछ घंटों के भीतर इलाज होना जरूरी हैं यह 64.4 प्रतिशत लोग जानते हैं। लेकिन लगभर 61% लोग स्ट्रोक के चेतावनी संकेतों को नहीं जानते हैं। स्ट्रोक का झटका आनेवाले मरीज को जल्दी से अस्पताल दाखिल करना चाहिए, जहां विशेषज्ञ स्ट्रोक देखभाल 24/7 उपलब्ध है। लोग अपने स्वास्थ्य के महत्व को जानने लगे हैं और 95.2% लोगों को लगता है कि साल में एक बार पूर्ण स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। इसके अलावा, लगभग 82.7% लोग हर साल अपनी वार्षिक स्वास्थ्य जांच करते हैं। पुरुष-से-महिला अनुपात 3:1 था और लगभग 200 प्रतिभागी इस सर्वेक्षण का हिस्सा थे। हमने स्ट्रोक के मरीजों को उनके परिणामों में सुधार करने में मदद करने के लिए सहायता समूह और डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम को २४ घंटे वैद्यकीय सुविधा प्रदान करने और तेजी से ठीक होने को सुनिश्चित करने के लिए लॉन्च किया।’’

प्रतिभागियों ने कहॉं की, “स्ट्रोक का झटका आने के बाद मेरा जीवन अत्यवस्थ हो गया था। लेकिन मैं भाग्यशाली था कि मेरे परिवार के सदस्यों ने स्ट्रोक के लक्षणों को पहचाना और मुझे तुरंत अस्पताल दाखिल किया। डॉक्टरों के इलाज के कारण मुझे नही जिंदगी मिली हैं। मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए अस्पताल को धन्यवाद देता हूं, और मुझपर तुरंत इलाज करने के लिए भी। मैंने बिना किसी परेशानी के अपनी दिनचर्या फिर से शुरू कर दी है। यह स्ट्रोक समूह अन्य मरीजों के लिए वरदान है। मुझे इस पहल का हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है।’’

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