चिदानंद सूरीश्वरजी का ठाणे तीर्थ में भव्य प्रवेश

साधु व धर्म का समागम मतलब चातुर्मास


ठाणे :-
परम पूज्य पंजाब केसरी आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा.समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति,शासन प्रभावक पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती तत्वचिंतक,प्रखर वक्ता,परम पूज्य आचार्य श्री विजय चिदानंद सूरीश्वरजी म.सा तथा सेवाभावी श्री लक्ष्मीचंद्र विजयजी म.सा. का चातुर्मास प्रवेश महाराष्ट्र के ठाणे शहर में भव्य रूप से संपन्न हुआ।इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से भक्तों ने उपस्थिति दर्ज कराई।


श्री आदिनाथ भगवान व श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान के सानिध्य में तथा श्री ऋषभदेवजी महाराज जैन धर्म टेंपल एंड ज्ञाति ट्रस्ट व श्री राजस्थान श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ के तत्वावधान में गुरुदेव का भव्यतिभव्य प्रवेश 6 जुलाई को विशाल जनमेदनी की उपस्थिति में शहर के गणमान्य लोगों की उपस्थिति में हुआ।।गुरुदेव के साथ उत्साहधनी मुनिराज श्री श्रुतानन्द विजयजी म.सा., ज्ञानाभिलाषी प.पू. मुनिराज श्री विद्यानन्द विजयजी म.सा.के अलावा चातुर्मास में रत्नत्रयी की उपासना करानेवाले श्रमणी भगवंत,पंजाब केसरी प.पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय वल्लभसूरीश्वरजी म.सा. के समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति शांतिदूत प.पू. आचार्यदेव श्री विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी म.सा.की आज्ञानुवर्तिनी शासनरत्ना, माकपट उद्धारक, मधुरभाषी प.पू. साध्वी श्री समताश्रीजी म.सा., श्री पार्श्व-वल्लभ-इन्द्रधाम तीर्थ, कच्छ की प्रेरिका साध्वी श्री जगतश्रीजी म.सा. की सुशिष्या प्रवर्तिनी साध्वी श्री हेमलताश्रीजी म.सा., साध्वी श्री प्रज्ञलताश्रीजी म.सा., साध्वी श्री ज्योतिप्रज्ञा श्रीजी म.सा.,साध्वी श्री जिनप्रज्ञानीजी म.सा., साध्वी श्री कैवल्यप्रज्ञा श्रीजी म.सा., प.पू. साध्वी श्री हितप्रज्ञाश्रीजी म. सा.. प.पू. साध्वी श्री परमप्रज्ञाश्रीजी म.सा., प.पू. साध्वी श्री संयमप्रज्ञानीजी म.सा., साध्वी श्री प्रशमप्रज्ञाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा - 9 एवं शासन दिपिका बरखेडा तीर्थोद्धारिका महत्तरा साध्वी श्री सुमंगलाश्री म.सा. की प्रशिष्या साध्वी श्री रत्नशीला श्रीजी म.सा.,साध्वी श्री कल्पदर्शिता श्रीजी म.सा., साध्वी श्री सिद्धीदर्शिता श्रीजी म.सा.,साध्वी श्री विरागदर्शिता श्रीजी म.सा. आदि ठाणा 4 करवाएगी।

इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि चातुर्मास यानि पापों के लिए रेड सिसाल... चातुर्मास यानि साधु समागम का सुहाना योग,चातुर्मास यानि जीवन परिवर्तन का अनमोल अवसर,चातुर्मास थानि विराधना से विराम... आराधना में प्रवेश,चातुर्मास थानि जिनवाणी श्रवण का अद्भुत मौका.... चातुर्मास यानि आसक्ति से हटना... अनासक्ति से जुडना, चातुर्मास यानि आधुनिकता की पतझड से आध्यात्मिकता की बसंत में मंगल प्रवेश हैं।चातुर्मास में धर्म आराधना कर जीवन को धन्य बनाये।

इस अवसर पर जय जिनेंद्र व स्वामी वात्सल्य के लाभार्थी सांडेराव निवासी सुखीबाई जीवराजजी (दोशी) मेहता परिवार थे।

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