प्रशांतशेखर विजयजी का चातुर्मास कुर्ला में

 3 जुलाई को हुआ प्रवेश


मुंबई :-
परम पूज्य तपागच्छाधिपति आचार्य श्री विजय प्रेम सूरीश्वरजी म.सा.के शिष्य रत्न जंगमरत्न तीर्थ संस्थापक आचार्य श्री विजय रत्नशेखर सूरीश्वरजी म.सा.के शिष्य रत्न पन्यास प्रवर श्री प्रशांतशेखर विजयजी म.सा. आदि ठाणा का चातुर्मास मुंबई के उपनगर कुर्ला में हो रहा हैं।

श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ कुर्ला चुनाभट्टी(ईस्ट) जैन संघ के तत्वावधान में रविवार 3 जुलाई को उनके साथ बालमुनि प्रेमरत्न विजयजी म.सा. के अलावा बहनों को आराधना कराने हेतु साध्वी श्री कंचनश्रीजी,हितरत्नाश्रीजी, हितश्रेयाश्रीजी आदि ठाणा का भी प्रवेश हुआ।इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चातुर्मास अर्थात परभाव से दूर हटाकर स्वभाव में स्थिर होना,चार गति के फेरे मिटाकर पंचगति दिलाये,सर्व विरति-देश विरति,धर्म की आराधना के साथ शासन सेवा,संघ सेवा,गुरु सेवा द्वारा पूण्य उपार्जन का अनमोल अवसर है।

प्रवेश के दिन संघ स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी बेड़ा निवासी मातुश्री भिखीबाई पुखराजजी गुर्जर व देसुरी निवासी मातुश्री कन्याबाई भुताजी मांडण परिवार थे।संघ के तत्वावधान में 5 जुलाई को आचार्य श्री रत्नशेखर सूरीश्वरजी की गुणानुवाद सभा हुई।10 जुलाई को मुनिराज वृद्धिचंद्र विजयजी म.सा.का जन्मदिन,19 जुलाई को तपागच्छाधिपति प्रेम सूरीश्वरजी म.सा.का दीक्षा दिन,9 सितंबर को आचार्य श्री धर्मसूरीश्वरजी म.सा.,19 सितंबर को तपागच्छाधिपति की 6ठी पुण्यतिथि व 3 अक्तूबर को आचार्य श्री भक्ति सूरीश्वरजी म.सा.का 100वां जन्मदिन मनाया जाएगा।

चातुर्मास दौरान हर शनिवार बाल शिविर,रविवार को प्रेरक प्रवचन, विविध शास्वत तीर्थों की भावयात्रा, पाठशाला के बच्चों के कार्यक्रम, गोचरी,पौषध के अलावा अनेक अनुष्ठान एवं तपस्या आराधना होगी।संघ ने विनंती की है कि चातुर्मास दौरान साधु ,साध्वीजी भगवंतों के दर्शन वंदन का लाभ ले।

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