भारत मे हीलिंग उपचार को बढ़ावा देना चाहते है अमित वर्मा
विदेशों में है इसकी भारी मांग
बिज़नेस हब ऑफ इंडिया करेगा सहयोग
मुंबई :- विश्व के अनेक देशों में हीलिंग कर चुके जाने माने एनर्जी ट्रांसफॉर्मेशन कोच अमित वर्मा अब भारत मे हीलिंग के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहते है, और यही वजह है कि विदेशों में अपनी अच्छी प्रेक्टिस को छोड़कर वे देश के लोगों को इसके प्रति जागरूक करना चाहते हैं।
वे कहते है कि खुशी इस बात की हैं कि इसबार हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने भाषण में हीलिंग प्रोसेस का भी जिक्र किया था। पीएम ने कहा था कि 'आज मेडिकल साइंस भी उपचार से साथ-साथ हीलिंग पर भी उतना ही बल देता है और योग/ हीलिंग प्रोसेस उपचार में उपकारक है, मुझे खुशी कि आज योग के इस पहलू पर दुनियाभर के विशेषज्ञ कई तरह से साइंटिफिक रिचर्स कर रहे हैं। आज जब हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे है जहां हमारा मन कई तरह की अनिश्चितताओं से गुजर रहा है, तो ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि हीलिंग प्रोसेस क्या है?
पिछले 17 सालों से हीलिंग कोच के रूप में जुड़े अमित वर्मा हीलिंग प्रोसेस के बारे में बताते है कि हीलिंग पर अभी तक काफी रिचर्स हो चुकी है। हीलिंग का अर्थ है कि फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ का संतुलन भी जरूरी है। हीलिंग कोई दवा नहीं बल्कि यह एक पद्धति है, उपचार हैं दूसरे शब्दों में कहें तो हीलिंग प्रार्थना करने का ही एक तकनीकी रूप है।हीलिंग के लिए आपको अच्छे तरीके से ध्यान लगाना या करना आना चाहिए, वरना इसके बगैर आपको कोई नतीजा नहीं मिलने वाला है।
उन्होंने बताया कि हीलिंग करने के लिए सबसे पहले आप आसन (कुर्सी) पर बैठकर ध्यानमुद्रा में आंख बंद कर लें। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधे रखकर 3-5 मिनट तक यूनिवर्स का ध्यान करें और फिर ध्यान को दोनों आंखों के बीच में लेकर आएं। फिर मन ही मन ऊं का उच्चारण या अपने इष्ट का ध्यान कर सुनें फिर शांत हो जाएं। इसके बाद दोनों आंखों के बीच देखना है। यह प्रोसेस आपको पूरी तरह फॉलो करना है।आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा हैं, ऐसा अनुभव करना है।
परिचय
मूल बिहार के अमित वर्मा 8 भाई बहनों में सबसे छोटे हैं।उनके पिता अमरेंद्रलाल दास व मां शैल शिक्षक थे यानी शिक्षा का महत्व शुरू से ही था।वे डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन कुछ कारणवश उन्होंने बीएससी व कंप्यूटर में डिप्लोमा किया और कलेक्टर आफिस में जॉब लगी,लेकिन उन्हें यह काम रास नही आया और एक साल में नोकरी छोड़कर मुंबई आ गए।देश के कई राज्यों में काम करने के बाद एक दिन यात्रा करते समय ट्रैन में उनकी मुलाकात आध्यात्मिक गुरु सेवक संजयनाथ से हुई, और उन्होंने ऐसी बाते उनके बारे में बताई की उनका सारा जीवन ही बदल गया और नोकरी छोड़कर वे उनको फॉलो करने लगे और इस विद्धा में निपुणता हासिल करने का निश्चय किया।देश विदेश के कई ट्रेनर्स से उन्होंने कॉस्मिक एनर्जी,वास्तुशास्त्र के अलावा हीलिंग की बारीकियों को जाना और इसका गहन अध्यन किया व इसमे महारत हासिल की।
हीलिंग के कई प्रकार हैं जैसे दवा, होम्योपैथिक, आयुर्वेद, ज्योतिष, ओरोमा, न्यूमेरोलॉजी,वास्तु आदि। वे कहते हैं कि ध्यान आपको नकारात्मकता से दूर रखता है जो आज सबसे जरूरी हैं।आज ज्यादातर आत्महत्याएं मानसिक तनाव के कारण हो रही हैं।विदेशी लोग भारत आकर इस विद्धा में पारंगत होकर लोगो के उपचार कर रहे हैं। यह किसी प्रकार का तंत्र मंत्र नही हैं। कॉस्मिक एनर्जी आपके शरीर की एनर्जी और कंपन को बढ़ाता हैं।एनर्जी बैलेंस नही होने के कारण हम कई समस्याओं को आमंत्रित करते हैं। लोगो को इसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वे भारत में काम कर रहे हैं।वे कहते है कि स्कूलों में सरकार को इसे मेंडेटरी करना चाहिए,क्योंकि आनेवाला भविष्य यहीं से तैयार होता हैं।
भारत मे इसे बढ़ावा देने में बिज़नेस हब ऑफ इंडिया पूरी तरह से सहयोग करेगा।ग्रुप ने नाथ हीलिंग के साथ मिलकर जीसीएस बैंकेट हॉल के अलावा अवर लेडी ऑफ वेलंकनी हाई स्कूल एन्ड जूनियर कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया था।
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