विमलप्रभ सूरीश्वरजी का भायंदर में चातुर्मास प्रवेश

 सामूहिक सिद्धितप व रविवारीय शिविरों का आयोजन


भायंदर :-
श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान के सानिध्य में आज अध्यात्म योगी,परम पूज्य आचार्य श्री कलापूर्ण सूरीश्वरजी म.सा.के शिष्य रत्न व वर्तमान गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री कल्पतरु सूरीश्वरजी म.सा.के आज्ञानुवर्ती,प्रवचन प्रभावक परम पूज्य आचार्य श्री विमलप्रभ सूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा 4 का भव्य प्रवेश भायंदर (वेस्ट) में स्थित महाराष्ट्र के एकमेव बावन जिनालय में हर्षोल्लास के साथ हुआ।

श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन संघ में प्रवेश के बाद धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि चातुर्मास धर्म आराधना का पर्व है, इसमे जितनी आराधना कर सकते हो उतनी करो। उन्होंने बताया कि चातुर्मास दौरान सामूहिक सिद्धितप के अलावा 14 साल से ऊपर के भाई बहनों के लिए रविवारीय शिविर,45 आगम की आराधना,वर्धमान तप का पाया.आयंबिल,एकासणा के अलावा अनेक धार्मिक अनुष्ठान होंगे।शिविर के लिए पास अनिवार्य होगा।

आचार्य श्री ने बताया कि 7 से 14 साल तक जो भी बच्चे सामयिक करेंगे उनका विशिष्ट सम्मान किया जाएगा।बहनों को आराधना साध्वी श्री नित्ययशा श्रीजी म.सा.आदि ठाणा द्वारा करवाई जाएगी।चातुर्मास में दर्शन वंदन का लाभ लेने की विनंती संघ ने की है।

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