हरिद्वार में मनाया जाएगा प्रेमसूरीश्वरजी का जन्मदिन
60 दिन में 1600 किलोमीटर विहार (पैदल यात
देव भूमि हरिद्वार में मंगल प्रवेश हुआ...
हरिद्वार :- जवाहरनगर - जयपुर में ऐतिहासिक- भव्यातिभव्य चातुर्मास परिपूर्ण करके परम पूज्य तपागच्छाधिपति आचार्य विजय प्रेमसूरीश्वरजी म.सा. के आजीवन चरणोपासक परम पूज्य आचार्य श्री विजय कुलचंद्र सूरीश्वरजी (के.सी.) म.सा., पन्यास प्रवर श्री कुलदर्शन विजयजी म.सा.आदि आदि 9 श्रमण - श्रमणी भगवंत वहां से बरखेड़ा - नीवाई - टोंक - सवाईमाधोपुर - श्योपुर - बाराँ - शाहबाद - शीवपुरी - ग्वालियर - शौरीपुरी - आगरा - मथुरा - वृंदावन - हाथरस - एटा - कंपीलपुर तीर्थ - बदायूँ - अहिच्छत्रा तीर्थ - बिलासपुर - रुद्रपुर - हलद्वानी - नैनीताल - बाजपुर - काशीपुर - शेरकोट - धामपुर - नगीना - नजिबाबाद - आदि तीर्थों - संघों में विहार करते करते हुए हरिद्वार पधारें.
पूज्य श्री ने 1600 किलोमीटर की विहार यात्रा 2 महीने में संपन्न की है.गुरुदेव की भावना अभी यहाँ से आगे बद्रीनाथ - केदारनाथ तक जाने की है. 28 मार्च को तपागच्छाधिपति का 102 वां जन्मोत्सव हरिद्वार में मनाया जायेगा.
गुरुदेव निम्न पते पर बिराजमान हैं.
श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन तीर्थ
भूपतवाला, मोतीचूर रोड, ऋषिकेश रोड,
हरिद्वार (उत्तराखंड)
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