शासन सेवा के प्रति समर्पित संत हैं मोक्षरत्न सूरीश्वरजी

अभयदेव सूरीश्वरजी की निश्रा में धर्ममय हुआ सूरत नगर 

देशभर से गुरु भगवंतों और राजनेताओं ने दी बधाई 

सूरत :- तपागच्छ प्रवर समिति के कार्यवाहक,डहेलवाला समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री विजय अभयदेव सूरीश्वरजी म.सा. के कार्य कुशल शिष्य रत्न परम पूज्य आचार्य श्री विजय मोक्षरत्न सूरीश्वरजी म.सा. का 51 वां जन्मोत्सव प्रवेश भव्य उत्साह व धार्मिक सामजिक अनुष्ठानों के साथ संपन्न हुआ.   

सूरत स्थित परम पूज्य तपागच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री विजय राम सूरीश्वरजी म.सा.की स्पर्शना से पावन ऐसी गुरु राम पावन भूमि व शुभमंगल फाउंडेशन के तत्वावधान में तथा परम पूज्य आचार्य  श्री विजय रत्नचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा.,परम पूज्य आचार्य श्री विजय मुक्ति निलय सूरीश्वरजी म,सा.आदि विशाल साधु साध्वी की निश्रा में सुवर्ण  जन्मोत्सव संपन्न हुआ. इस अवसर पर गुरुदेव ने श्री मोक्षरत्न सूरीश्वरजी को एक कुशल शिष्य बताया तथा उनके मार्गदर्शन में  रहे शासन कार्यों की प्रशंसा की व कहा की 90 प्रतिशत से ज्यादा मेरा काम वो कर देते हैं. 

सुवर्ण जयंती महोत्सव के उपलक्ष में गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय दौलतसागर सूरीश्वरजीम.सा.,गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी म.सा.,गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय राजयश सूरीश्वरजी म.सा.,बंधू बेलड़ी  आचार्य श्री जिनचंद्र सागर सूरीश्वरजी म.सा.,आचार्य श्री हेमचंद्र सागर सूरीश्वरजी म.सा. सहित अनेक गुरु भगवंतों,साध्वीजी,विश्व हिंदू परिषद के महासचिव सुरेंद्र जैन सहित अनेक राजनेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी.उनके जन्मदिन को लेकर संघ भी जबरदस्त था.सभी ने उनके मार्गदर्शन में चल रहे कामों की मुक्त कंठ  प्रशंसा की. 

विभिन्न कार्यक्रमों के तहत मुमुक्षु शुभकुमार तथा मुमुक्षु हिमानीकुमारी की दीक्षा भी संपन्न हुई.उन्हें दीक्षा के बाद मुनिराज श्री गितार्थरत्न विजयजी म.सा नाम देकर उन्हें मोक्षरत्न सूरीश्वरजी म.सा. का शिष्य घोषित किया गया.तथा व मुमुक्षु हिमानी कुमारी को साध्वी श्री हितार्थरसाश्रीजी म.सा देकर  परमार्थरसाश्रीजी म.सा. की शिष्या बनी. सूंदर संयोग ऐसा बना की 28 तारीख को गच्छाधिपति के 28 वे शिष्य साध्वीजी के ग्रुप में 28 वी साध्वीजी शिष्या के रूप में सम्मिलित हुई.

आचार्य गुरु भगवंतों के अलावा हिंदू समाज आर्य संस्कृति का वहन करनेवाले अनेक संतो महंतो ने उपस्थित रहकर उन्हें शुभकामना दी.पूज्य श्री की प्रेरणा से जीवदया,विहार धाम वैयावच्च, साधर्मिक भक्ति आदि सातों क्षेत्र में मातबर वृद्धि हुई.साथ ही सूरत में रहते धानेरा निवासी परिवार ने नूतन शिखरबद्ध जिनालय, तथा नूतन उपाश्रय निर्माण की घोषणा के बाद उन्हें मुर्हूत प्रदान गया. राजस्थान के मंडार वासियो ने  नूतन उपाश्रय की घोषणा की.साथ ही हजारो वर्ष प्राचीन पद्धति से ताड़पत्र पर हस्तलिखित कल्पसूत्र भेट किया गया. शुभ मंगल फाउंडेशन के तहत हुए कार्यक्रम में 50 जिनालय में  प्रभुजी की अंगरचना,मौन साधना,श्रमणी भगवंतों द्वारा लाखो नो स्वाध्याय, नई  गाथा, मिष्ट भोजन,उपस्थित सभी की त्रिकाल साधर्मिक भक्ति आदि अनेक अनुष्ठान हुए. 


इस अवसर पर आचार्य श्री मोक्षरत्न सूरीश्वरजी म.सा. ने कहा की यह सब काम प्रभु कृपा व गुरु कृपा से संभव हैं. उनका जीवन उसी दिन धन्य हो गया जिस दिन गुरु के रूप में गच्छाधिपति आचार्य अभयदेव सूरीश्वरजी म.सा. ने उनके सर पर हाथ रखा.उनके कुशल मार्गदर्शन के कारण हर काम संभव हो रहे हैं.   

जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री शांतिनाथ चेरिटेबल ट्रस्ट,धानेरा,सूरत के तत्वावधान में विविध पर जीवदया, तथा अनुकंपा दान का कार्यक्रम सूरत आश्रमों व स्कूलों में आयोजित किया गया. कार्यक्रम का संचालन सीए निकुंज शाह व संगीत की रमझट अंकुर शाह सहित अनेक विविध संगीतकारो ने जमायी. 

सक्रियता का दुसरा नाम मोक्षरत्न सूरीश्वरजी म.सा. 

शासन व गुरु सेवा में लीन रहनेवाला दूसरा नाम अगर परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य अभयदेव सूरीश्वरजी म.सा.के कार्य कुशल शिष्य रत्न आचार्य श्री विजय मोक्षरत्न सूरीश्वरजी म.सा.का कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. भायंदर में हुए दो ऐतिहासिक चातुर्मास के दौरान उनके साथ काम करने का अनमोल अवसर मिला. एक समय में वे चार जगहों के लोगों से बात कर उसे तुरंत पूरा करते हैं. किसी भी काम के लिए ना मैंने आज तक उनके मुख से नहीं सुना फिर वह धार्मिक हो या सामजिक. आपके स्वर्ण जन्मोत्सव के उपलक्ष में कोटि कोटि वंदन व आपके मार्गदर्शन में निरंतर ऐतिहासिक कार्य संपन्न हो यही प्रभु प्रभु व गुरु चरणों में प्रार्थना.  

दीपक आर जैन,

संपादक :-शांति वल्लभ टाइम्स  







टिप्पणियाँ

  1. Sadhu shadhvi ji ke Janmotsav manana, shastro me uchit bataya hai ? Janotstav sirf air sirf Bhagwan ka ji manaya jaata hai. Kisi aur ka nahi. Yeh kaisee nai reet shuru ki hai ? Kripa kar ke Aise ustav ka shastra paath dijiyega ?

    जवाब देंहटाएं
  2. Yeh bilkul unucheet utsav hai.. Janotsav sirf bhagwan ka manaya jaata hai.

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम