पार्श्वनाथ भगवान ने आराधना की थी यहां

कुलचंद्र सूरीश्वरजी ने किए दर्शन

 बरेली :- उत्तरप्रदेश के विविध प्राचीन तीर्थों का विहार के समय अनेक जगह धर्म की अलख जगाते हुए परम तपा गच्छाधिपति श्री गुरुप्रेम के आजीवन चरणोपासक  कार्य कुशल परम पूज्य आचार्य श्री  विजय कुलचंद्र सूरीश्वरजी (के सी) म.सा.आदि श्रमण - श्रमणी वृंद ठाणा- 9 शुक्रवार को अहिच्छत्रा तीर्थ  पधारें.

ज्ञात हो 2850 वर्ष पहले 23 वें तीर्थंकर कलयुग में सर्वधिक पूजिताय ऐसे श्री प्रभु पार्श्वनाथ भगवान जीवंत रूप में यंहा पधारे थे व कठोर साधना की थी. कहा जाता है कि इसी भूमि पर पद्मावती माता ने प्रभु को सिर पर धारण किया था व धरणेन्द्र ने अपना फण प्रभु के मस्तक पर फैलाया था. कहा जाता है कि मेघ माली दानव ने भगवान पर भयानक उपसर्ग किये थे. प्रभु पार्श्व की तपोभूमि अतिप्राचीन श्री अहिच्छत्रा तीर्थ में पूज्य गुरुदेव श्री आदि श्रमण-श्रमणी वृंद का आगमन हुआ.स्थानीय संघ ने गुरुदेव का स्वागत किया.

इस अवसर पर के सी म.सा.ने कहा कि यह गुरु प्रेम का आशीर्वाद ही है कि उन्हें आज इस तीर्थ के दर्शन व साधना करने का अवसर मिला जंहा स्वयं प्रभु पार्श्व ने कठोर साधना की थी. जंहा धरणेन्द्र पद्मावती ने भी भक्ति की थी . श्री वीर विजयजी म.सा.रचित श्री पार्श्वनाथ पंच कल्याणक  पूजा में भी इसका उल्लेख होता हैं.उन्होंने कहा कि जीवन मे एकबार अवश्य इस तीर्थ में दर्शन वंदन कर अपने पूण्य का उपार्जन करें.

गुरुदेव यंहा से हरिद्वार की और विहार करेंगे.

एकबार ज़रूर इस तीर्थ के दर्शनार्थ पधारे...

-: संपर्क :- 

श्री अहिच्छत्रा पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर तीर्थ

मु.पो. - रामनगर, पोष्ट - आँवला, 

जिला - बरेली  (उत्तरप्रदेश) - 243303

मोबाईल :- 097591 69985



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