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अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मजदूर नेता दत्ता राव देव का निधन

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  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अनमोल रत्न को खो दिया:ओमप्रकाश चतुर्वेदी रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री, अखिल भारतीय सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष आदि की महती जिम्मेदारिया निभाने हेतु अपना पूरा जीवन दधीच ॠषि की तरह समर्पितु करने वाले श्रद्धेय दत्ता राव देव जी के निधन से भारत के मजदूर जगत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उस पीढ़ी के एक अनुमोल रत्न को खो दिया जो अपनी छवि चमकाने के बजाय प्रसिद्धि पराण्गमुख रह कर बस "इदम राष्ट्राय: इदम न मम:" के ध्येय वाक्य को जीवन मंत्र बनाकर भा.रे.म.सं की सीमातीत बिस्तार दैने में सफल हुए .     उनके स्मरण मात्र से उनका सरल चित स्वभाव मन को भावुक बना देता है,वे हमेशा मुझे "ओपीजी" कहते थे. 1990 में BRMS के अखिल भारतीय अधिवेशन की जिम्मेदारी ,dlwके किसी भी सहयोगी की सलाह के बिना में dlw में कराने का निमंत्रण तो ले आया पर आयोजन का समय आ ही गया तो  में अनुभव हीनता की वजह से घबड़ाने लगा कि इतना बड़ा आयोजन कैसे हो पायेगा पर एक तरफ तो तत्कालीन म. प्र. श्री  आर. सी. सेठी ने dlw Inter college भवन और अन्य आवश्यक सुविधाए त्वरित रूप से उपलब्ध कराई वहीं

प्रशांत विनयशील सरल स्वभावी ही संयम का सोपान चढ़ सकता है - विज्ञमति माताजी

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संयम जीवन सुखों का जनक है - टोंक,:- जन जन की मार्ग प्रेरिका, कथनी करनी के भेद को मिटाने वाली, परम पूज्या अध्यात्म योगिनी *गणिनी आर्यिका 105 श्री विशुद्धमति माताजी की दीक्षित शिक्षित परम पूज्या आर्यिका रत्न 105 श्री विज्ञमति माताजी* ने पर्युषण पर्व की उत्तम बेला में उत्तम संयम धर्म के बारे में बताते हुए कहा कि संयम बंधन का दिन हैं, जो जन से, धन से, पर पदार्थों से दूर रहने की प्रेरणा एवं स्व पदार्थों का स्वागत करने का उपदेश देता है।ये बंधन वह नहीं जो दुखदायी हो वरन ये तो सुखों का जनक है।  जिस प्रकार बहती हुई नदी के लिए 2 तट नितांत आवश्यक हैं, अन्यथा वह सुख कर बर्बाद हो जाएगी, ठीक इसी प्रकार मानव जीवन रूपी नदी के लिये संयम रूपी तट अत्यंत आवश्यक है। वह संयम चाहे छोटे छोटे नियम के रूप में ही क्यों न हो एक दिन वटवृक्ष रूप सिद्ध होता है, इसीलिए कहा है- घुटनों के बल चलते चलते पांव बड़े हो जाते है छोटे छोटे नियम भी इक दिन बहुत बड़े हो जाते हैं। पू ज्य माताजी ने संयम के भावों को अपनी तूलिका से श्रृंगारित करते हुए लिखा- संयम बिन, ज्ञानी भावों में,  कैसे टिक पाए बिन अंकुश, मन तेरा तुझमें, कैसे रुक प

साध्वी कुमुद प्रिया का पारणा 31अगस्त को

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त्रिस्तुतिक जैन संघ का कार्यक्रम पाटण:- गुजरात के पाटण नगर में त्रिस्तुतिक जैनाचार्य गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वर जी महाराजा के पट्टधर गच्छाधिपति श्री नित्यसेन सूरिश्वरजी महाराज एवं आचार्य भगवंत श्री जयरत्न सूरिश्वरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती श्रमण श्रमणी भगवंत ठाणा 29 का चातुर्मास त्रिस्तुतिक जैन संघ पाटण में चल रहा है.मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजय जी महाराज, मुनिराज श्री निपुण रत्न विजय जी महाराज एवं श्रमण श्रमणी भगवंत आदि ठाणा 23 की पावन निश्रा में पाटण के त्रिस्तुतीक जैन उपाश्रय में पर्युषण पर्व की आराधना उत्साह उमंग एवं तप त्याग ओर आराधना के विभिन्न अनुष्ठान के साथ संपन्न हुई,पर्युषण पर्व दरम्यान पाटण में बिराजमान साध्वी श्री श्रृतिदर्शना श्री जी म.सा, साध्वी श्री स्मीतप्रिया श्री जी म.सा,साध्वी श्री तृप्तिदर्शना श्री जी म.सा, साध्वी श्री रीतदर्शना श्री जी म.सा, साध्वी श्री निर्मलप्रिया श्री जी म.सा ने अठ्ठाई तप (8 उपवास) की तपस्या की जिनके पारणे 23 अगस्त को संपन्न हुये.  इसी तप की श्रृंखला में पर्युषण पर्व के प्रारंभ से  साध्वी श्री कुमुदप्रिया श्री जी म.सा को 16 उपवास की

शहीद मंगल पांडे आरोग्य केंद्र में सुविधा देने की मांग

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आंदोलन की चेतावनी भायंदर:- भाईंदर पूर्व के केबिन रोड पर निर्मित मनपा के शहीद मंगल पांडे आरोग्य केंद्र का निर्माण तत्कालीन नगरपालिका स्नेहा शैलेश पांडे ने दस वर्षो के सतत संघर्ष के बाद करवाया एवं इसका नामकरण अपने देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद मंगल पांडे के नाम पर करवाया था,बाद मे आरोग्य विभाग  द्वारा  अयोग्य केन्द्र की जगह छोटी है ऐसा बताकर सिर्फ  वैकसिनेशन केन्द्र शुरू किया फिर संपूर्ण आरोग्य केन्द्र को शुरू करने के लिए नगरपालिका स्नेहा शैलेश पांडे ने स्थानिक विधायक प्रताप सरनाईक से निवेदन कर एक वर्ष पूर्व शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के विधायक निधि से एक नए हॉल का निर्माण किया गया था। इस हॉल में फर्नीचर, लाईट फिटिंग व अन्य सुविधाओं के लिए स्नेहाै लेश पांडे लगातार मनपा प्रशासन से मांग कर रहे है, लेकिन इस पर ध्यान नही दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास व मदद कर रही है। मीरा भाईंदर में भी कोविड केयर सेंटर बनाई गई है। ऐसे समय मे मनपा का अपना ही आरोग्य केंद्र जरूरी सुविधाओं के अभाव में धूल खा रही है। जबकि इस समय शहर के ज्यादातर अस्पतालो

पावागढ़ तीर्थ में पर्व पर्युषण संपन्न

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धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा.की में निश्रा पावागढ़:- गुजरात स्थित प्रसिद्ध ऐसे श्री पावागढ जैन तीर्थ भूमि पर श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान की परम पवित्र छत्र छाया में पूज्य गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीमद विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी म.सा, एवं पूज्य आचार्य श्री विद्युतरत्न सूरीश्वर जी म.सा, पूज्य प्रवर्तक विनोद विजयजी म.सा, पूज्य उपाध्याय योगेंद्र विजयजी म.सा, आदि समस्त साधु साध्वी जी भगवन्तों की शुभ निश्रा में मंगल चातुर्मास के अंतर्गत पर्वाधिराज पर्युषण महा पर्व. संक्रान्ति . कल्पसूत्र वाचन . बारसासूत्र का वाचन सांवत्सरिक माह पर्व एवं पूज्य गुरु रत्नाकर सूरि जी म सा का जन्म दिवस व पूज्य गुरु श्री जगत चन्द्र सूरि जी की पुण्यतिथि  एवं श्री माणिभद्र वीर पूजन आदि वर्त्तमान परिस्थितियों के अनुरूप हर्षोल्लास के संग संपन्न हुए.

देश की माटी से जुड़े एक ' निर्लिप्त साहित्यसेवी ' साहित्यसाधक भायंदर निवासी पं. मुरलीधर पांडेय

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हिंदी उनके रोम रोम में बसी हैं- साहित्यकार भायंदर निवासी  पं. मुरलीधर पांडेय हिंदी के प्रति समर्पित व्यक्तित्व हैं. मैं पिछले कई वर्षो से उनके हिंदी प्रेम और साहित्य की सेवा से अभिभूत हूं. अपनी पत्रिका संयोग साहित्य के माध्यम से उन्होंने कई  युवाओं को अपने रचनाओं की प्रस्तुति का मंच दिया हैं.उनके पत्रिका की बदोलत मैं कई साहित्यकारों के बारे में जान पाया.आप स्वस्थ और मस्त रहे यही प्रभु के चरणों मे प्रार्थना। दीपक आर जैन /संपादक दीपक आर जैन /सुभाष पांडेय भायंदर निवासी ' राष्ट्रीय स्तर की ' विशुद्ध हिंदी की साहित्यिक पत्रिका " संयोग साहित्य " के संपादक एवं मूर्धन्य साहित्यकार पंडित मुरलीधर पांडेय को कौन नहीं जानता। देश के लगभग सभी राज्यों में हिंदी सेवी, साहित्य सृजन में तल्लीन, क़लमकार, फ़नकार , गीत-संगीत-कला जगत से जुड़े जाने-माने हस्ताक्षर हैं। उनके द्वारा रचित कई कृतियों को ' साहित्य अकादमी का पुरस्कार ' भी मिल चुका है। साहित्य मनीषी पंडित मुरलीधर पांडेय के ' व्यक्तित्व एवं कृतित्व ' पर केंद्रीय शोध कार्य जारी है। मुरलीधर पांडेय के बाल-साहित्य पर आधारित

1215 गाथा का बारसा सूत्र सवा घंटे में मुख पाठ सुनाया.

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धन-धन मुनिवरा....... सिकंदराबाद:- संवत्सरी महापर्व के शुभ दिन आगमोद्धारक आनंदसागर सूरीजी समुदाय के आचार्य श्री नयचंद्रसागर सूरी म सा के शिष्य रत्न महाशतावधानी श्री अभिनंदनचंद्र सागर म सा के शिष्य रत्न शतावधानी श्री सुपाश्र्वचंद्र सागर म सा ने श्री सहस्रफना पार्श्वनाथ जैन श्वे मू संघ रसूलपुरा -सिकंदराबाद मे सकल संघ के समक्ष 1215 गाथा का बारसा सूत्र सवा घंटे में बिना देखे मुख पाठ सुनाया .

दुश्मनी को क्षमा से मारा जा सकता हैं :- प्रसन्न सगर

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सबसे उत्तम धर्म है क्षमा मुरादनगर :-  उत्तम क्षमा धर्म से प्रारम्भ होकर उत्तम क्षमा धर्म पर ही समाप्त होने वाला पर्वराज पर्युषण पर्व अपनी चेतना को जाग्रत करने का पर्व है। पर्युषण पर्व के प्रथम दिन क्षमा धर्म का पालन करते हुए तपाचार्य अन्तर्मना मुनि श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज ने कहा कि तलवार से दुश्मन को मारा जा सकता है लेकिन क्षमा से दुश्मनी को मारा जा सकता है। क्रोध से व्यक्ति महान नही बनता बल्कि क्षमा व्यक्ति को महान बनाती है। इस लिए "दुश्मन" को मारने से अच्छा है आप "दुश्मनी" को मार दे ताकि दुश्मन आपो आप समाप्त हों जाए। पर्युषण पर्व जैन धर्म का महापर्व है इन 10 दिनों में आप अपना मोक्ष मार्ग प्रशस्त  कर सकते हो। उन्होंने भक्तो को ग्रन्थ शास्त्र पढ़ने  के पुण्य को बताते हुए कहा कि जिस प्रकार सनातन धर्म मे "गीता", मुस्लिम धर्म मे "कुरान" सिख धर्म मे "गुरुग्रन्थ साहेब" व ईसाई धर्म मे "बाइबिल" का जो सम्मान है उसी प्रकार जैन धर्म मे" जिनवाणी तत्वार्थसूत्र शास्त्र" का परम सम्मान है आप इस महापर्व पर रोज इसका स्वाध्याय

क्षमा वीर पुरूषका आभूषण है :- विशुद्धमति माताजी

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10 लक्षण महापर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म की पूजा अर्चना  टोंक :-  श्री दिगंबर जैन नसिया परिसर के आसपास रहने वाले सभी परिवार जनो ने पर्यूषण पर्व के तहत प्रथम दिन गुरू मा विशुद्धमति माताजी के  ससंघ सानिध्य एवं मंगल आशीर्वाद से सभी ने घरों में पूजा अर्चना एवं महामंत्र णमोकार मंत्र की आराधना की इस मौके पर धार्मिक चैनल पारस चैनल एवं जिनवाणी चैनल अभिषेक एवं शांति धारा देखने के पश्चात घरों में पूजा अर्चना की जिसमे महावीरस्वामी, पदम प्रभु भगवान, शांतिनाथ भगवान,दश लक्षण पूजा, सोलह, उत्तम क्षमा धर्म की पूजा की गई इस मौके पर  गुरुमां की विशुद्ध मति माताजी के मंगल प्रवचन फेसबुक karunaadep ग्रुप  के माध्यम अपने  उद्बोधन में उत्तम क्षमा धर्म के बारे में बताते हुए कहा कि संसार में प्रत्येक मानव प्राणी लिए क्षमारुपी शास्त्र इतना आवश्यक  है कि जिनके पास यह क्षमा नहीं होती वह मनुष्य संसार में अपने इष्ट कार्य की सिद्धि नहीं कर पाता  क्षमा धर्म वीर पुरुष का आभूषण है जिनके पास क्षमा रूपी  भी शास्त्र है उनका शत्रु क्या कर सकता है?बेरी को जीतने में देर नहीं लगती  क्षमावान हमेशा सुखी रहता है क्षमा वाले प

क्षमा करने के लिए शक्ति चाहिए :- पुलक सागर

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क्रोध कमजोरी की निशानी है- बांसवाडा :-  आचार्य श्री पुलक सागर जी महाराज ने उत्तम क्षमा पर प्रकाश डालते हुए कहा क्षमा का मतलब सम शब्द संस्क्रत मे सम धातु से बना है सम का अर्थ अर्थ सहन करना क्षमा का अर्थ पृथ्वी होता  है। जैसे पृथ्वी सभी दोषों को सहते हुए भी रत्न उगलती है। वैसे भी जो दूसरों के  दुर्व्यवहार को सहने मे समर्थ होता है और क्षमा का अवतार बनता है। क्षमा क्या क्रोध का निमित आने पर भी क्रोध न करना यह क्षमा है। क्रोध को कभी भी कलह का रूप मत लेने देना। अगर कलह हो जाए तो मन मे बैर की गाठ मत बांधो, विरोध मत करो यह बहुत खतरनाक है अगर अंदर बैर की गांठ बंधी है तो धर्म की शरण व्यर्थ है। यह तुम्हारे अनन्त संसार को बढ़ाने वाला है। अपने मन में बैर की गाठ खोलने का मन रखो और निश्चय निर्मल जीवन जियो। ध्यान रखना जितनी गाठ पड़ेगी तुम्हारा जीवन उतना संकीर्ण होगा पार्श्वनाथ का चरित्र देखो एक बार का बैर 10 भवो तक नही छोड़ा आचार्य ने कहा हमारे जीवन में क्षमा जितनी व्यापक बनेगी हमारा जीवन उतना पवित्र होगा हर कदम पर मौका मिलेगा क्रोध का लेकिन क्रोध का नियंत्रण रखना जीवन में क्रोध को कंट्रोल रखिए।क्षमा को

क्षमा से बड़ा कोई धर्म नहीं प्रसाद सागर जी महाराज

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दसलक्षण पर्व पर हमे अंदर की तैयारी करना है  मुंगावली :- मुनिश्री प्रसाद सागर जी महाराज ने उद्बोधन देते कहा सर्वथा प्रदूषण फैला है प्रदूषण को साफ करने के लिये पर्युषन पर आ गया है जैसे हम अपने घरो को तैयार करतेहै वैसे ही दसलक्षण पर्व पर हमे अंदर की तैयारी करना है इसलिए इन दस दिनो मे हमे अंदर से धर्म की तैयारी करना है क्षमा मार्दव आर्जव सत्य शोच संयम तप त्याग आकिंचन और ब्रह्मचर्य ये दसो धर्म एक ही है        मुनि श्री ने कहा जैसे पंखुड़ी होती है उसी तरह हमे इन दस दिनो का पूरा लाभ लेना है वह व्यक्ति महान नहीं है जो दूसरों को मारकर क्षमा मांगता है महान व्यक्ति वह है जो दूसरों के गलती करने पर भी क्षमा कर देता है हमारे अंदर क्षमा का भाव होना चाहिये भारत की परंपरा रही है पहले बड़े खाना खाते है लेकिन एक दिन पति लेट हो जाता है तो उसकी पत्नी उसको सुनाने लग जाती है जिस वजह से वह व्यक्ति क्रोध न करके बात को घूमा देता है वह क्रोध शांत हो जाता है इसलिए जीवन मे    हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिये उसके लाभ बहुत है जिस तरह लापरवाही करने से रोग बढ़ जाते है उसी तरह बात बढाने से बात बढ़ जातीहै     उन्होनेकहा 17

आर्यिका अजित नन्दनी माताजी का समाधिमरण

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जम्बूस्वामी तपोस्थली में हुआ अंतिम संस्कार बोलखेड़ा:- जम्बू स्वामी तपोस्थली बोलखेड़ा पर दिगंबर जैन आचार्य वसुनंदी जी महाराज ससंघ के सानिध्य में बुधवार को चमेली देवी से जैन साध्वी आर्यिका अजीत नंदनी माताजी बनी जिनका यम संलेखना धारण कर समाधिमरण हुआ। अंतिम क्रियाएं तपोस्थली पर ही हुई सम्पन्न। तपोस्थली के प्रचार प्रभारी संजय जैन बड़जात्या ने बताया कि 16 दिवसीय संलेखना धारण कर 18 अगस्त रात्रि को आचार्य संघ के सानिध्य में समाधि पूर्वक देवलोकगमन हुआ जिनकी अंतिम क्रियाएं तपोस्थली पर ही पूर्ण की गई तो मुखाग्नि धर्मेश जैन ग्रहस्थ धर्म के पुत्र द्वारा दी गयी । इस अवसर पर आचार्य श्री  ने कहा कि जैन धर्म मे जब अंतिम समय में शरीर कृष होने लगता है अर्थात मृत्यु का समय नजदीक दिखलाई पड़ता है तब संलेखना धारण कर शने शने आहार का त्याग कर समाधि पूर्वक मृत्यु को वरण किया जाता है।  जिसे अंतिम समय की उत्कृष्ट स्थिति कहा जाता है । उन्होंने कहा कि जैन धर्म मे मृत्यु को भी महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।  धर्म की भावनाओ से ओतप्रोत साधु संघो के सानिध्य में जो समाधि होती है वह सर्वोच्च फल को देने वाली होती है। प्रत

समस्त बुराइयों को पी जाने की क्षमता प्रगट होना क्षमा धर्म है: निर्भय सागर

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क्रोध ज्वालामुखी सामान हैं- दमोह:- वैज्ञानिक संत आचर्य श्री निर्भय सागर जीवी  महाराज ने जैन धर्मशाला असाटी वार्ड में क्षमा धर्म की व्याख्या करते हुए कहा क्रोध आत्मा का शत्रु है। यह क्रोध स्वामित्व, कर्तव्य, भोग तत्व, खान-पान आदि कई कारणों से आता है। जब क्रोध का उपचार नहीं किया जाता तब वह बैर में बदल जाता है। इसलिए बैर को क्रोध का अचार या मुरब्बा कहा जाता है। बैर से ईष्या उत्पन्न होती है। वह ईर्ष्या समय-समय पर क्रोध कराती रहती है, इसलिए क्रोध ईर्ष्या एक भूकंप है, क्रोध ज्वालामुखी है और बैर पृथ्वी के अंदर भरे हुए लावा के समान है। जब क्रोध रूपी ज्वालामुखी फूटता है तब बैर रूपी लावा आ जाता है। जब क्रोध रूपी ज्वालामुखी नहीं फूटता तो ईर्ष्या रूपी भूकंप अंदर कंपन पैदा करता है। और बैर रूपी लावा अंदर ही अंदर गतिशील हो उठता है। समस्त बुराइयों को पी जाने की क्षमता प्रगट होना ही क्षमा धर्म है। दुनिया में कई तरह के दान है। जिन्हें आसानी से दिया जा सकता है परंतु क्षमा का दान देना आम आदमी को सहज नहीं है। क्षमा का दान वही दे जिनके अंदर निर्मल ज्ञान का सागर लहराता रहता है। जिसका मन कुलषित होगा, जिसमें

क्षमा मे बदले की नहीं बदलने की भावना होती है :- अजित सागर

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आष्टा (मध्यप्रदेश) :- मुनि श्री अजित सागर जी महाराज ने धर्म उपदेश मे कहा क्षमा मे बदले की नहीं बदलने की भावना होती है क्रोध व्यक्ति को नष्ट कर देता है क्षमा करना कायरता नहीं कमजोरी नहीं बल्कि वीरों का आभूषण है. क्षमा धर्म भी है मुनि श्री ने कहा कि क्षमा मे कभी भी बदले कि भावना नहीं होती अपितु बदलने की भावना निहित होती है मुनि श्री ने कहा कि दस दिवसीय पर्युषन पर्व के बाद एक दुसरे से वर्षभर मे हुई गलतियो की क्षमायाचना को जाती है.    अभिषेक जैन / लुहाड़ीया रामगंजमंडी 

विनयशीलता से व्यक्ति उभरता हैं:- समता सागर

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मंदिर में किसी को ठेश नहीं पहुंचाएं    विदिशा:-  पानी को निकालने के लिये अकेले बाल्टी को रस्सी बाधकर कुए में डालने से काम नहीं चलता है,उसको भरने के लिये उसको ढील देकर झुकाना पड़ता है तभी उस बाल्टी में पानी आता है,उसी प्रकार विनय शीलता व्यक्तित्व का एक ऐसा गुण है, वह जिसके अंदर जितना जितनाआता है,उसका व्यक्तित्व उतना उतना उभर कर आता है,उपरोक्त उदगार मुनि श्री समतासागर जी महाराज ने पर्युषण पर्व के दूसरे दिवस उत्तम मार्दव धर्म दिवस पर शीतलधाम में ओनलाइन प्रवचन सभा को संबोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि विनय शीलता का गुण किसी के सिखाने से नहीं आती वह तो व्यक्ती के अंतरंग के परिणामों से उभरती है, उन्होंने नेमावर का उदाहरण देते हुये कहा कि लम्बे  अंतराल के उपरांत दिसंबर माह में जब गुरुचरणों में पहुंचने का मौका मिला तो वहा पर भाव अभिव्यक्ति करने का जब मौका मिला तो मौन नहीं रह पाया, और जो बिंदु ख्याल में आऐ वह प्रस्तुत किये। जंहा आम्र फल की बोर लगी हो, वंहा पर कोयल न कूके ऐसा तो हो नही सकता वहा तो कोयल कूकती ही है, गुरु चरणों में पहुंचकर जो शब्द निकले थे वह अंतरंग से निकले थे, विनयशी

श्रेया बनी साध्वी शील सुगंधाजी

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  जोधपुर :- आचार्य भगवन 1008 श्री रामलालजी म.सा. के मुखारबिंद से आज जोधपुर में कु.श्रेयाजी चेलावत रामपुरा(नीमच) की दीक्षा संवत्सरी पर सम्पन हुई .अब से वह नवदीक्षिता श्री शील सुगंधा जी महाराज सा के नाम से जाने जायगे

इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनाने के लिए शुद्ध भोजन ले:- निर्भय सागर

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  अपने अंदर एंटी वायरस तैयार करें   दमोह (मध्यप्रदेश):- आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने कोरोना के संबंध मे चर्चा करते हुए कहा बताया की कोरोना वायरस से फैली इस महामारी पर विजय प्राप्त करने के लिए वायरस से लड़ने के लिए अपने अंदर एंटीवायरस  तैयार करना होगा, अपने आप को अंदर से मजबूत करना होगा, तभी यह कोरोना वायरस का भूत भाग सकेगा।  एंटीवायरस तैयार करने के लिए यानी शारिरिक प्रतिरक्षा तंत्र इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनाने के लिए शुद्ध शाकाहारी, पका हुआ गर्म भोजन लेना चाहिए। प्रतिदिन प्राणायाम अनुलोम विलोम योग एवम कसरत करना चाहिए।      सकारात्मक सोच रखना चाहिए, पर्याप्त नींद लेना चाहिए, तनाव, भय, प्रतिस्पर्धा एवं ईष्र्या से दूर रहना चाहिए। बीड़ी,सिगरेट, तम्बाकू, गांजा, चरस, शराब आदि नशीले पदार्थो, फास्ट फूड एवं मांस, अंडा , मछली खाने से परहेज करना चाहिए। सुबह नीम की पत्ती, नीबू, हल्दी, दालचीनी, गुरबेल, धनिया, जीरा, सॉफ, अदरक,काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने  चाहिए।        भुने हुए चने, छिलके वाली दाल, मक्का, काली मुन्नका खाना चाहिए। क्योकी उसमे एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होती है। इसके सेवन क

संवत्सरी प्रतिक्रमण क्या है?

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नकारात्मकता की फ़ाइल डिलीट करें पारसमुनि म.सा. पर्युषण के आखिर के  दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं। वास्तव में जो संवत्सर का बदलाव है उसका प्रभाव पर्युषण के आखिर  दिन में होता है। संवत्सर का बदलाव का अर्थ है पुराने का खत्म होना और नए का शुरू होना। इसलिए इन दिनों का प्रतिक्रमण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। अक्सर मन में प्रश्न आता है कि निकाचित कर्म को बदला नहीं जा सकता, तो फिर यह किन कारणों से बंध होते हैं, जिसे जानकर हम उससे बच सकें?      तो जानिए कोई भी भाव आप 1 साल से ज्यादा तक बार-बार करते हैं तो वह निकाचित में बदल सकता है। इसलिए संवत्सर का प्रतिक्रमण कहता है इस पूरे साल में जो भी नकारात्मक भाव और बंध है, उसका प्रतिक्रमण कर लो तो अभी छूट जाओगे। अगर उसकी अंदर जाकर फाइल बन गई तो आगे जाकर फिर इनको भोग कर ही पूरा करना पड़ेगा।        संवत्सरी प्रतिक्रमण वास्तव में एक चांस है कि जो बंध कर दिए उसको प्रतिक्रमण में जागृत होकर अलग कर दो। यह एक दूसरा चांस है अगर आप यहां पर मिस करते हैं तो संभावना है कि यह कर्म की एक पक्की फाइल बन जाएगी, जिसे आप को भोगना ही पड़ेगा। इसलिए ज्ञानी कहते हैं जागृत होकर

बाप्पा का स्वागत दिल की शहनाई से

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बाप्पा तो सादगी से भी आते है   ना ढोल, ना ताशा🥁 ना होगा कोई शोर🥳 फिर भी बाप्पा तेरे आने की राह तके सब लोग🙏 इस बार तेरा स्वागत दिल की शहनाई से होगा🎺 आँखो में श्रद्धा के फूल🌺 और हातों में प्रेम-भोग होगा. हम भक्त गण हर साल तुझे शानो शौक़त से रिझाते है👑 आज पता चला बाप्पा तो,  सादगी में भी चले आते है❤️ भक्ति भाव से बुलाने पर, इस साल भी “देवा” घर-घर आएँगे है विश्वास मुझे, हर घर में 🏠 वो ढेरों ख़ुशियाँ देकर जाएँगे🌈🎉😊 🙏🏻गणपती बाप्पा मोर्या🙏🏻

पाटण में भगवान महावीर स्वामी का जन्म वांचन सादगीपूर्ण संपन्न

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  त्रिस्तुतिक जैन संघ का कार्यक्रम पाटण:- गुजरात के पाटण नगर में पंचासरा मंदिर के पास स्थित त्रिस्तुतिक जैन उपाश्रय में बिराजमान गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वर जी महाराजा के शिष्य मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजय जी म.सा.,मुनिराज श्री निपुण रत्न विजय जी म.सा.आदि श्रमण श्रमणी भगवंत की पावन निश्रा में त्रिस्तुतिक जैन संघ द्वारा पर्युषण पर्व की आराधना सादगीपूर्ण चल रही है.  पर्व के पंचम दिन भगवान महावीर स्वामी का जन्म वांचन उत्साह उमंग के साथ संपन्न हुआ.14 स्वप्न , पारणा झुलाने आदि का लाभ त्रिस्तुतिक जैन संघ पाटण के अनेक सदस्यों ने लिया. इस अवसर पर त्रिस्तुतिक जैन उपाश्रय में पाटण के जिला कलेक्टर आनंदभाई पटेल, पालिका के मुख्याधिकारी पांचाभाई माली, पालिका अध्यक्ष महेन्द्र पटेल ,सर्कल PI चिराग गोशाई, शहर भाजप पुर्व उप प्रमुख संजय मोदी,भी.डी.कोलेज के प्रिंसीपल बलदेवभाई एवं पाटण जैन संघ के विभिन्न समुदायों के अग्रणी ने उपस्थित रहकर कर पारणा झुलाया.  जन्म वांचन के बाद उपाश्रय के कक्ष में आकर्षक सजावट कर 14 स्वप्न, पारणाजी को रखा गया ,कक्ष में भगवान महावीर स्वामी की भव्य प्रतिमा बिराजमान क

हम अहिंसक है कायर नही :- मुनि उत्तम सगार

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धर्म रहित देश मरे हुए मुर्दे के समान है मुंगावली (मध्यप्रदेश):-  मुनि श्री उत्तम सागर जी महाराज ने मांगलिक उदबोधन में कहा कि हमारा भारत देश और देशवासी कभी भी किसी भी जीव को बिना कारण कपट दुख आदि नही देते है। हमारे संत भगवंतों ने यही कहा है और सिखाया है. हम अहिंसक है कायर नही। हम किसी को छेड़ते नही और छेड़ने वालो को हम छोड़ते नही। जिस देश में बहती गंगा है, जिस देश का झंडा तिरंगा है, जिस देश का साधु नागा है, वह देश तो चंगा ही चंगा है।     सुधासागर संत भवन मे प्रवचन देते  हुए कहा कि हमारा भारत देश भरत,ऋषभ देव, महावीर,राम, हनुमान, कृष्ण आदि अहिंसक उपासको की जन्मभूमि और कर्मभूमि है। इस देश का मूल नाम राजा भरत से भारत पड़ा। बाद मे सिंध प्रांत के लोगो के कारण हिदुस्तान भी कहने लगे जो हिंसा से दूर है वह इंसान हिन्दू है। वो किसी भी जाति का हो या किसी भी भगवान को मानता हो।     मुनि श्री ने शायराना अंदाज़ में कहा  जिस देश में बहती न गंगा हो जिस देश का झण्डा न तिरंगा हो जिस देश का साधु न नागा हो उस देश में दंगा ही दंगा है।    मुनि उत्तम सागर ने कहा कि धर्म रहित देश मरे हुए मुर्दे के समान है.उन्होंने कह

वृक्ष संरक्षण प्रतिज्ञा के साथ वृक्षारोपण संपन्न

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सुप्रभात समूह की पर्यावरण सरंक्षण मुहिम   लुहाडीया रामगंजमंडी   :- श्री दिगबर जैन सुप्रभात समूह रामगंजमंडी की पर्यावरण संरक्षण की मुहिम के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. श्री हीराबाई पारीख राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह में  15 पौधों का  वृक्षारोपण किया गया.इस अवसर पर संस्था के विपिन सबदरा,यशवन्त शाह, नीलेश जैन, संजय जैन (गुड्डू),विकास जैन (अग्रवाल),संयम जैन(काला), सिद्धार्थ जैन (बाबरिया), संदीप जैन (बागड़िया) ,सुरेंद्र जैन (टोंग्या), अभिषेक जैन लुहाडिया सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे. इस मुहिम के तहत पार्षद अंकुर सक्सेना ने पौधों पर रक्षासूत्र बांधकर वृक्ष सरक्षण का संकल्प लिया.  स्कूल के प्रिंसिपल रामभरोस मीणा व N.S.S. प्रभारी ने भी रक्षासूत्र बांधकर वृक्ष सरक्षण के पहल की सराहना करते हुए पौधों की सरक्षण की जिम्मेदारी ली. कार्यक्रम को सफल बनाने मे विद्द्यालय ने भी सहयोग किया. अभिषेक जैन / लुहाडीया रामगंजमंडी

ऊटी में भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव संपन्न

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ऊटी :- निलगिरी जिले के ऊटी में श्री वासूपुज्य भगवान के मन्दिर में वीर प्रभु के  भव्य जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में कार्य क्रम आयोजित किया गया.जन्म वांचन के बाद भगवान को पालने में  झुलाती हुई श्रद्धालु महिलाए.कार्यक्रम में संपूर्णतया सरकारी नियमों का पालन किया गया. वांचन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ. सभी ने जीवदया व साधर्मिक करने का संकल्प लिया. 

लॉकडाउन में संक्रिय सेवाएं दी वी 4 यू ने

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व्यवसाय के साथ साथ सेवा भी जरूरी :-भाविक अग्रवाल   भायंदर:-पिछले 10 वर्षों से युवा व्यवसायी भाविक गारोडिया (अग्रवाल) के नेतृत्व में कार्यरत वी 4 यू संस्था ने कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन में सक्रिय सेवाएं दी. संस्था ने मीरा-भायंदर सहित ठाणे जिला के अनेक ग्रामीण भागों में अपना सहयोग दिया.  भाविक ने बताया की मीरा-भायंदर तथा आसपास के क्षेत्रों में लगभग 350 परिवारों को अनाज व जरुरत की चीजे उपलब्ध करवाई. 50 लोगों को कम से कम भाव में कोरोना की दवाई के अलावा सबसे जरूरी इंजेक्शन उपलब्ध करवा कर दिया.साथ ही संस्था ने सामाजिक सांस्कृतिक संगठन युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (युथ फोरम) के अपील पर मीरा-भायंदर महानगरपालिका वार्ताहर संघ में तथा भायंदर (वेस्ट) व मीरारोड पोस्ट ऑफिस व रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ)  में सेनेटायजर स्टैंड के अलावा सेनिटाइजर,मास्क,ग्लव्स का वितरण किया. संस्था ने विरार स्थित निर्धार प्रतिष्ठान में दिव्यांग बच्चों को बरमूडा,टी शर्ट व पंखे दिए. साथ ही संजीवनी अनाथ आश्रम में जरूरत के चीजे उपलब्ध करने के अलावा अनेक छोटे बड़े काम युथ फोरम के साथ मिलकर किये.भायंदर मेडिकल होलसेल एसोसिएश

सर्वधर्म समभाव की प्रतिमूर्ति :आचार्य शांति सागरजी

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  समाधी दिवस पर भाव भीनी विनयांजलि अभिषेक जैन / लुहाडिया रामगंजमंडी 20 वी सदी के प्रथमाचार्य श्रमण संस्कृति उन्नायक त्याग तप की प्रतिमूर्ति विश्व वन्दनीय समाधीस्थ चारित्र चक्रवती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज का समाधी दिवस है. जिनके जीवन की जिनके गुणों का वर्णन करते सदिया बीत जायेगी.आचार्य श्री के उपकार उनका साहस संबल उनकी उत्क्रष्ट साधना के कारण आज जिनशासन की महिमा चहु और फ़ैल रही है. मुनि श्री की तपस्या का उदाहरण है की 35 वर्ष के मुनि जीवन काल मे 9938 निर्जल उपवास जो लगभग 27 वर्ष मे होते है 1 आहार 1 उपवास अनेक वृतो को किया. सिहनिष्कंडित तप आदि अनेक तपस्याएं हैं.ऐसे विरले साधक इस धरा पर होना सचमुच पुण्य का ही प्रताप हैं। मुनि श्री वाणीप्रिय और किसी भी विषय पर अपना आशीर्वचन दे देते थे. पुस्तकों के द्वारा संस्मरणों से ज्ञात होता है की एक बार आचार्य श्री अजमेर दरगाह की और गये वहा 5000 से अधिक मुस्लिम समाज को संबोधित किया जिसे सुन वह भाव विभोर हो गये. जिसकी प्रभावना चहु और हुई और अगले दिन सारे समाचार पत्र आचार्य श्री के प्रवचनों से भरे थे. इतनी निष्प्रहता जो युगोंयुगों तक अमिट रहेगी यही

भगवान महावीर स्वामी जन्म कल्याणक महोत्सव

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  मदुरै :- परम पूज्य साध्वी श्री विजयलता श्री जी म.सा आदि ठाणा की पावन निश्रा में बाबूलाल कुंदनमल गोलेछा (सुपर ग्रुप )के निवास पर भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक पर पारणाजी का जनसमुदाय ने सरकारी नियमों का पालन करते हुए मनाया व दर्शन का लाभ लिया. अशोक जीरावाला

कंवाट में महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव

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  कंवाट:- 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक सुखी परिवार फाउंडेशन प्रणेता परम पूज्य गणिवर्य डॉ राजेन्द्र विजयजी म.सा.की निश्रा में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ. इस अवसर पर लोगों ने देश सहित विश्व के कोरोना मुक्त होने की कामना की. (आनंद दिघे)

छाजेड़ टॉवर में भगवान महावीर स्वामी जन्म कल्याणक

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  मदुरै :- छाजेड़ टॉवर में भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक उत्साह से मनाया गया. इस उपलक्ष में पवनकुमार शांतिलाल फोलामुथा के निवास पर जन्म वांचन में उपस्थित श्रोतागण पारणाजी का दर्शन लाभ लेते हुए.सरकारी नियमों के तहत कार्यक्रम संपन्न हुआ. अशोक जीरावला 

भगवान महावीर स्वामी जन्म वांचन संपन्न

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मदुरै- भगवान महावीर स्वामी जन्म कल्याणक वांचन पारणा का लाभ रतनलाल कुंदनमल संकलेचा ( नेनमल जूठाजी) परिवार ने लिया.कार्यक्रम लोगों की उपस्थिति में सरकारी नियमों के साथ हर्षोल्लास के साथ संपन्न  हुआ. अशोक जीरावाला

अनोप मंडल के खिलाफ कार्यवाई की मांग

  हर धर्मप्रेमी करे विरोध सेवा में,         श्रीमान प्रधानमंत्री महोदयजी,              नरेन्दभाई मोदीजी,             श्रीमान गृह मंञीजी,               अमितभाई शाह,            भारत सरकार दिल्ली,        श्रीमान मुख्यमंत्री महोदयजी,              अशोक गेहलोतजी,राजस्थान            श्रीमान प्रतिपक्ष नेता,           गुलाबचंद कटारियाजी,               राजस्थान सरकार, विषय:--ऱाजस्थान से अनोप मंडल द्वारा अल्प संख्यक जैन समाज के विरूद्ध लोगो की भावनाओं को भडका कर हमारे साधु-संतो व साध्वी को अपमानित करने बाबत. निवेदन है कि,हर विपदा में राष्ट् के प्रति समर्पित रहने वाले जैन समाज पर,जालोर, बाडमेर,जोधपुर, सिरोही व पाली जिलों के गॉवो में रहने वाले  भोले-भाले लोगों को भ्रमित कर, विश्व में कोरोना वायरस नामक महामारी को लाने का,राज्य में राक्षसी तंञ-मंञ कर बरसात को रोकने का आरोप व राज्य में आने वाली हर आपदा के लिए जैन समाज को दोषी बताते हुए बदनाम कर उनके परिवार वालों को धमकाना,व साधु-संतो व साध्वींयों पर अत्याचार करवाना,अनोप मंडल के लोगो की आम बात हो गई है!  अहिंसा प्रेमी जैन समाज चींटीं को मरना पाप समझता

सर्वश्रेष्ठ मंत्र है नवकार महामंत्र

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मंत्रों से ऊर्जा प्राप्त होती हैं इस जगत में दो मुख्य पथ हैं- एक #जनपथ दूसरा #  जिनपथ। जनपथ का अनुयायी काम और अर्थ-पुरुषार्थों के अर्जन-विसर्जन में ही अपना सारा जीवन समाप्त कर देता है जबकि जिनपथ का पंथी चारों पुरुषार्थों, विशेषकर धर्म और मोक्ष पुरुषार्थों को पूरने का समुद्योग करता है। पुरुषार्थ कोई भी हो, किन्तु उसमें अर्थात् उस पुरुषार्थ की सिद्धि के लिए ऊर्जा की महती आवश्यकता होती है। जिस व्यक्ति के अन्दर जितनी उर्जा होती है, वह अपने पुरुषार्थों में उतना ही विकास करता है। संसार में ऊर्जा के विभिन्न स्रोत हैं जिनसे शारीरिक मानसिक शन्ति मिलती है, जैसे- औषधि, निदान-विधान आदि। इनसे #असाध्य_रोग, पीड़ा, कष्ट शान्त और शमन हो जाते हैं, किन्तु मंत्र की महिमा सर्वोपरि है। मंत्र का सीधा संबंध मन से है, मन का #मंथन_मंत्र है, मंत्र जीवन का रहस्य है, हित/मित/प्रिय बीजाक्षरों से मंत्र की सृष्टि होती है तथा इसमें फूटने की शक्ति विद्यमान होती है। हमारी श्रद्धा और विश्वास मंत्र में जान डाल देता है, जिसकी ऊर्जा शारीरिक, मानसिक शक्ति के साथ आध्यात्मिक शन्ति का भी विकास करती है। मंत्र में दो चीज़ बहुलता

जीवदया परोपकार सन्त सेवा में अग्रणीय श्री दिगंबर जैन सुप्रभात समूह

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  मुनि श्री108 विनीत सागर जी के आशीर्वाद से हुई स्थापना   श्री दिगंबर जैन सुप्रभात ग्रुप रामगंजमंडी के क्षेत्र मे संत सेवा परोपकार जीवदया के क्षेत्र में एक अग्रणीय संगठन के रूप मे कार्य कर रहा है।इस ससंगठन की स्थापना वर्ष 2018 मे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री 108 विनीत सागर जी महाराज व मुनि श्री 108 चन्द्रप्रभ सागर जी महाराज के वर्षायोग के समय हुई थी।यह समूह मुनि संघ की सेवा मे सुप्रभात के समय सेवा रत रहता था तब से समूह सदस्यो की सहमति से इसका नाम सुप्रभात समूह रखा गया।समूह अपने कार्यों के चलते निरंतर प्रगति की और अग्रसर हैं। जीवदया और परोपकार के क्षेत्र मे के तहत समूह ने रामगंजमंडी गोशाला रोसली रोड पर वर्ष 2019 मे  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 52 वे दीक्षा दिवस पर्यवारण सरंक्षण की मुहिम में 52 वृक्षो का वृक्षारोपण किया और सदस्यो ने इसके रखरखाव का संकल्प दोहराया ।  संस्था ने एक पायदान आगे बढ़ते हुए अनेक राजकीय विद्यालय में बच्चों को गर्म स्वेटर जर्सी, स्कूल बैग एवम् अन्य पाठ्य सामग्री आदि वितरित कर विद्यालय के विकास मे भी आर्थिक सहयोग दिया ।समूह नित्य प्रतिद

अर्थ का अनर्थ निकालने से विवाद होते है :- निर्भय सागर

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धर्म शास्त्र न्याय की तरह होते है   दमोह (मध्यप्रदेश) :-  आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने कहा धर्म शास्त्र न्याय की तरह होते हैं। धर्म शास्त्र कानून की तरह होते है आप्त द्वारा कथित गणधर आचार्य द्वारा व्याख्यायति और मुनि द्वारा लिखित ग्रंथ को आगम कहते है। रागी, द्वेषी, मोही, व्यसनी, कषायी औऱ लोभी लालची द्वारा लिखे गए ग्रंथो को आगम नही कहा जा सकता है। धर्म ग्रंथो के अर्थ को सही सही निकालना चाहिए शब्दो को तोड़ फोड़ कर अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए और दूसरों को नीचा दिखाने के लिए अर्थ नहीं निकालना चाहिए। आचार्य ने कहा ज्ञान अनंत है,पदार्थ अनंत है, शब्दो का अर्थ अलग अलग होते है। एक ही शब्द के अनेक अर्थ होते है। जबकि शब्द संख्यात है। इसलिए प्रसंग के अनुसार अर्थ निकालना जाता है। धर्म गर्न्थो के अलग अलग अर्थ निकालने से अनेक मत मतांतर धर्म और सम्प्रदाय इस दुनिया में उत्पन्न हो गए है, अर्थ का अनर्थ न निकाले। अर्थ का अनर्थ निकालने से विवाद पैदा होते है। तत्व का निर्णय करना और धर्म का सही स्वरूप समझने के लिए सभी धर्म ग्रंथो का ज्ञान करना चाहिए।   संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

दीक्षा से समाधी तक कर्मो की निर्जरा करते है संत :-निर्णय सागर

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  श्रावक णमोकार मंत्र का स्मरण करें  अशोकनगर (मध्यप्रदेश)  :- मुनि श्री निर्णय सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों मे साधु परमेष्ठी के मूल गुणों की व्याख्या की उन्होंने बताया 6 आवश्यक का  पालन सभी मुनिराज करते है और आचार्य परमेष्ठि भी स्वयं इनका पालन करते है अन्य मुनिराजों को करवाते है आवश्यक स्तवन के तहत आदिनाथ आदि 24 तीर्थंकर प्रभु की स्तुति करते है और सुबह उठकर सामयिक प्रतिक्रमण  आदि करके सभी भगवानों का स्तवन करते है  उन्होंने कहा की श्रावकों को सबसे पहले उठकर णमोकार मंत्र पढ़ना चाहिए। इसके बाद मंदिर मे पूजन अभिषेक करे और भगवान का गुणगान करना चाहिए।निर्णय सागर ने बताया कि साधु तीर्थकर जो मूलनायक है उनका स्मरण करके उनकी वंदना करते है और पंचपरमेष्टि और गुरु भक्ति आदि का पाठ करते है। निर्णय सागर ने कहा कि साधु दीक्षा से लेकर समाधि तक अपने कर्मो की निर्जरा करते है। शुभ उपयोग और शुद्ध उपयोग द्वारा अपने कर्मो की निर्जरा करते रहते है। मुनि श्री ने बताया देखो एक अग्नि का उपयोग कितनी तरह से किया जा सकता है जैसे भोजन बनाने मे, गर्म करने, उजाला आदि में काम आती है। दिशा सामयिक अथवा क्षमता समान भावों

पर्व पर्युषण हेतु आत्मकल्याणार्थ सुझावात्मक निवेदन

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यह तो ना करे संकलन:- हेमा पगारिया /जावरा नहीं उपवास कर पाओ, तो तुम उपहास से बचना। अगर दर्शन न हो संभव, प्रदर्शन से ही तुम बचना। कमी वंदन में रह जाये,  तो बंधन से ही बच जाना। प्रवचन सुन न पाओ तो, र्दुवचन से ही बच जाना। केशलोचन न हो संभव, क्लेश-लोचन ही कर लेना। न भोजन छोड़ पाओ तो चलेगा मगर भजन कभी छोड़ मत देना। न कर पाओ प्रतिक्रमण, अतिक्रमण से बच जाना। क्षमा अगर मांग न पाओ क्षमा करके ही तिर जाना। न मीठे बोल कह पाओ तो केवल  मौन  रह  जाना। कहे  कोई  अगर  कड़वा वचन, उसे हंस कर ही सह जाना। निभा पाओ न रिश्तों को तो उनको तोड़ मत देना। कहते है किसी का हाथ तुम थाम के, राह कि मझधार मे छोड़ मत देना।

600 से अधिक कोरोना वॉरियर्स होंगे सम्मानित

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लायंस और सिटिजंस ऑर्गनाइजेशन का कार्यक्रम     मुंबई :- महानगर में व्याप्त कोरोना कहर में काम करनेवाले पुलिस,डॉक्टर्स,सफाई कर्मचारी किसी योद्धा से कम नहीं हैं. आज इन्ही योद्धाओं   के बदौलत हम सुरक्षित हैं. इनका सम्मान हमारा और देश के हर नागरिक का सम्मान हैं.  उपरोक्त विचार लायन सीए सुनील पाटोदिया (लायंस क्लब इंटरनेशनल ३२३१ ए३ के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक पद के लिये नामांकित) ने व्यक्त किये. मुंबई सेंट्रल में लायंस क्लब ऑफ़ चॉइस और सिटीजन्स ऑर्गनाइजेशन फॉर वेलफेयर (cow) की और से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. कार्यक्रम के प्रथम चरण की शुरुवात स्वतंत्रता दिन से की गई. इस कार्यक्रम में 600 से अधिक कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित किया जाएगा. इसका उद्घाटन वरिष्ठ अधिवक्ता एंड  आभा सिंह ने किया. कार्यक्रम में  बेलिस रोड, बी.आई.टी. सेवा संघ के संतोष दौंडकर और लायन एन.के.देसाई की भूमिका सरहानीय रही.   ब्रहन मुंबई महानगरपालिका, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और समाजसेवी संस्थाओं के उन  कोविड़ - 19 योद्धाओं को मास्क, सैनिटाइजर, शॉल और प्रशस्ति-पत्र देकर आभार जताया.इस अवसर लायन डिस्ट्रिक्ट 3231 A 3 के सेक्रेटरी क