संस्कृति व शास्त्रीय संगीत के प्रचार प्रसार में सक्रिय शुभदा रामसिंग

फिल्म सेंसर बोर्ड की सदस्या हैं


भायंदर :- महिलाओं की भूमिका समाज में महत्वपूर्ण है, और आज की महिलाएं समाज में अपना अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थान बना रही हैं। उनका संघर्ष, साहस और समर्पण न केवल उन्हें स्वतंत्रता और सम्मान का अधिकार प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि समाज को भी उनके नेतृत्व, उत्कृष्टता, और समृद्धि के माध्यम से प्रगति करने में सहायक होता है।

उपरोक्त विचार फिल्म सेंसर बोर्ड की सदस्या व संस्कृति के प्रचार प्रसार में सक्रिय शुभदा रामसिंग ने मुलाकात में व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास में निवेश करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्हें समाज में बराबरी का मौका देना चाहिए, जिससे वे अपने पूर्ण पोटेंशियल को साकार कर सकें।शुभदा कहती है कि आज की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी से समृद्धि और सम्मान का संदेश दे रही हैं। उनका योगदान न केवल अपने परिवार और समाज के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वे भविष्य की दिशा में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

वे कहती है कि समाज को यह समझना चाहिए कि महिलाओं का समर्थन और समानता सिर्फ एक न्यायाधीश का विचार नहीं है, बल्कि यह उनके अधिकारों की पहचान और समृद्धि के लिए आवश्यक है। जब महिलाएं समृद्धि के साथ सम्मान प्राप्त करती हैं, तो समाज का समृद्धि और समानता में विकास होता है।महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक भूमिका में बदलाव लाने के लिए, समाज को उन्हें समर्थन और समानता का माध्यम बनाना चाहिए। शिक्षा, रोजगार के अवसर, और निर्णायक पदों में महिलाओं को अधिक सम्मान देने की आवश्यकता है। साथ ही, समाज में महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी रूप के भेदभाव और हिंसा को समाप्त करने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर कठोर कानून और संज्ञान में जागरूकता की जरूरत है।

फिल्म सेन्सर बोर्ड कि सदस्या शुभदा रामसिंग स्कूल,कॉलेज के दिनों से ही खोखो, हॉकी और टेबल टेनिस मे  स्टेट लेव्हल तक खेलती थी,और आज भी रुचि रखती हैं।सामाजिक कार्यों में रुचि होने के कारण वे पिछले 20 सालों से संस्कार भारती से जुडी है व अभी कोकण प्रांत मीरा भाईंदर कि उपाध्यक्ष पद का दायित्व निभा रही हैं।साथ ही वे पूना मे  ज्ञानप्रबोधिनी नाम कि जानीमानी संस्था है जिसका संवादिनी नाम का उपक्रम है  उसमे मीरा भाईंदर के केंद्र कि कोअर मेंबर थी। यह10 साल से उपक्रम चल रहा है. मराठी दैनिक मुंबई चौफेर में हर रविवार को अलग अलग विषयों पर लेख लिखती हैं।

उन्होंने संगीत का प्रचार ,प्रसार करने हेतू स्वरगंध कला संस्था कि स्थापना मीरा भाईंदर मे की है।इस संस्था का उद्देश्य शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देना है। इस संस्था की और से हर साल 2 क्लासिकल और  सेमी क्लासिकल कार्यक्रमों का आयोजन संगीत प्रेमियों के लिए किया जाता हैं।यह कार्यक्रम निशुल्क होता हैं, और इसमें नए कलाकारों को मौका दिया जाता है।बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी इसका आनंद लेते है।पिछले 14 सालों से चल रही इस संस्था की वे कोअर मेंबर हैं, और अब तक 26 से ज्यादा कार्यक्रम हो चुके हैं।

उनकी 'मन संवाद' नाम कि मराठी ललित लेख कि किताब पिछले साल आभा प्रकाशन, अलिबाग ने प्रकाशित की थी।वे दृष्टिहीन लोगों कि संस्था 'दृष्टि जागर' के लिए कथा, कादंबरी आपने आवाज मे रेकॉर्ड करके भेजती हैं।उन्हें  पिछले साल महिला समन्वय समिती मिरा भाईंदर मे शामिल किया गया तथा हाल ही में तेजस्विनी महिला मेले का आयोजन किया था।उनके सभी कार्यों में उनके जीवन साथी नंदकुमार रामसिंग कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करते हैं।

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