47 डीप प्रगट कर मना पीयूष विजयजी का जन्मोत्सव

जीवदया, अनुकंपा सहित अनेक कार्यक्रम


डहाणु (महाराष्ट्र) :- 
परोपकार सम्राट मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.के प्रथम शिष्य वरिष्ठ मुनिप्रवर पंचम वर्षीतप आराधक परम पूज्य आचार्य श्री पीयूषचंद्र  विजयजी म.सा.का 47 वां जन्मदिन गुरुभक्ति उत्सव के रूप में 47 डीप प्रगटाकर मनाया गया।

मोहनखेड़ा गुरुधाम तीर्थ गुरु दरबार में जन्मोत्सव संगीतमय श्री राजेंद्र सूरि गुरुपद पूजन के साथ हुआ। इस अवसर पर मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा ने ज्येष्ठ भ्राता श्री पीयूषचन्द्र विजयजी की जीवनी पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया की श्री सिद्धाचल भूमि पर 1990 में नवकार की आराधना ने उन्हें वैराग्यमय बनाया। सूरी हेमेंद्रजी की निश्रा में सूरी ऋषभ के हाथों से मोहनखेड़ा महातीर्थ की पावन भूमि पर दिक्षित हुए। आपने 32 वर्ष के दीर्घ संयम जीवन को साधना के साथ बिताते हुए तथा पंचम वर्षीतप करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। आगम में साधु को बिना तप के भी तपस्वी कहा है। वर्तमान में त्रिस्तुतिक संघ में इतने उत्कृष्ट भावों के साथ पांचवा वर्षितप कर रहे हैं।एसे तपस्वी को हम ही नहीं देवता भी नमन करते हैं। धर्मसभा को संबोधित करते हुए जन्मोत्सव नायक श्री पीयूषचंद्र विजयजी ने कहा कि देवगुरु कृपा से आज में इस मुकाम पर पहुंचा हूं। ये मेरे जीवन का स्वर्णिम पल है कि मुझे जिनशासन व संघ की सेवा करने का मौका मिला। जिनशासन के एवं गच्छ के अनेकों साधु साध्वीजी भगवंत की शुभकामनाएं मिली सभी को साधुवाद। एसे ही प्रेम स्नेह बनाए रखें। 

इस मौके पर विशिष्ट बहुमान विट्ठलवाड़ी (आकुर्डी) पुना से संघ लेकर पधारे पुष्पाबेन रंजीत अमीचंदजी सोलंकी,पूजन लाभार्थी हर्षाबेन हेमंतजी दीवानी एवं  विट्ठलवाड़ी संघ के वरिष्ठ जयंतीलाल राठौर, राजेश ढूमावत,हिरालाल जैन, इन्द्राबेन सुराणा, भारतीबेन पारेख, विद्या मेहता,आगामी नवपद औलीजी आराधना के लाभार्थी भूती निवासी मगराजजी पुनमिया एवं जन्मोत्सव प्रसंग पर राजेंद्र ऋषभ वाटिका नूतन धर्मशाला में रूम का लाभ लेने वाले कमलेश भाई मुंबई का बहुमान किया गया।बंधु बेलड़ी की चातुर्मास भूमि तलेगांव दाभाड़े से पधारे परम गुरुभक्त सूरी राजेंद्र की मूर्ति भराने व प्रतिष्ठा का लाभ मिला ऐसे रेखाबेन विलासजी राठौर का बहुमान ट्रस्ट मंडल ने किया। इस प्रसंग पर इंद्राराबेन भंवरजी सुराणा ने कायमी भोजन की तिथि में लाभ लिया। जन्मोत्सव पर गुरुपूजन निशाबेन भरतजी रिखवचंदजी सोलंकी, जन्मोत्सव के 47दीप प्रज्जवलन हर्षाबेन हेमंतजी दिवानी ने लिया। 

ट्रस्ट मंडल के भरत सोलंकी, ललित पूनमिया, राकेश पूनमिया, रमेश पावावाले,हितेश राजावत, रमेश जैन बागरा उपस्थित थे। 19 मार्च को तीर्थ के जिनमंदिर गुरुमंदिर की 06th ध्वजारोहण वर्षगांठ समारोह संपन्न हुआ। ट्रस्ट मंडल ने अधिक से अधिक संख्या में श्रावक श्राविका को ओलीजी करने हेतु पधारने की विनंती की है।

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