शिक्षा को नया आयाम देता भायंदर का होली एंजल्स स्कूल





बच्चों की पसंद को प्राथमिकता दे अभिभावक - जोसफ सबास्टियन / प्रिंसिपल /  होली एंजल्स स्कूल
दीपक आर जैन 
भारत एक सांस्कृतिक प्रधान देश हैं. हमारी संस्कृति के प्रति दुनिया का आकर्षण हैं,क्योंकि हर जाती,धर्म,वर्ग और संप्रदाय के लोग यहाँ रहते हैं. इस देश की सबसे बड़ी विशेषता हैं विभिन्नता में एकता. इसी का अनुसरण करता हैं भायंदर(पूर्व)मैं स्थित जोसफ सबास्टियन द्वारा स्थापित होली एंजल्स स्कूल जो हॉल ही में टाइम्स ऑफ़ इंडिया समूह की और से हुए सर्वे में मुंबई के 20 उदयीमान उत्क्रुस्ता स्कूलों में 13 वे स्थान  पर आया हैं. यह मीरा-भायंदर का पहला स्कूल हैं जिसे यह सम्मान मिला हैं. स्कूल के संस्थापक चेयरमैन जोसफ सर कहते हैं की हमारी नीवं में भारतीयता की झलक मिलेगी. हम एक ही पाठ पढ़ाते हैं और वह हैं भारतीयता व मानवता का और यही वजह हैं की स्कूल ने एक दशक मैं बहुत लोकप्रियता हासिल की हैं. 
किसान परिवार में जन्मे केरेला के निवासी जोसफ ने इंजीनियरिंग की पढाई करने के बाद नौकरी की और वह गल्फ जाना चाहते थे लेकिन कुछ कारणों से काम करनेवाली कंपनी बंद हो गयी. फिर वे फादर (संत)बनना चाहते थे परन्तु परिवार की विरोध की वजह से यह भी संभव नहीं हुआ. 1987 में वे मुंबई आ गये और खुद का स्कूल हो इसका सपना साकार करने के लिए आपने कड़ी म्हणत की और 2002 में होली एंजल्स स्कूल की स्थापना की और तीन कक्षा से शुरू हुआ आज तीन मंजिल ईमारत में 25 कक्षाओं में चल रहा हैं जहां 1000 से ज्यादा बच्चे शिक्षा लेकर उज्जवल भविष्य की और बढ़ रहे हैं. सबास्टियन कहते हैं की स्कूल शुरू करने का उनका एक ही उद्देश्य था की कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और कम पैसों मैं हम अच्छी शिक्षा दे. जो पैसों के कारण पढ़ नहीं पा रहे उन्हें शिक्षित करने का हमारा छोटा सा प्रयास हैं. स्कूल ने शिक्षा को एक नया आयाम दिया हैं. शिक्षा मैं जहां भारतीय संस्क्रति की झलक मिलेगी वहीँ दुसरी तरफ आप आधुनिक भारत को भी देख सकते हैं. हमारे बच्चे आधुनिकता के साथ संस्कारों की भी शिक्षा ले रहे हैं और यही वजह हैं की अभिभावक अपने बच्चे को यहाँ डालने के लिए तत्पर दिखते हैं. 
वे बताते हैं की आधुनिक शिक्षा के लिए डिजिटल स्मार्ट बोर्ड,ए.वी. प्रोजेक्टर,इंटरनेट के साथ कंप्यूटर आदि का उपयोग मीरा-भायंदर के कुछ ही स्कूलों मैं हो रहा हैं जिसमे से हम एक हैं. यहां 08 डिजिटल क्लासेज चल रही हैं. आटोमेटिक अटेंडेंस (अपनेआप हाजरी)शुरू करनेवाला शहर का पहला स्कूल हैं. इसके साथ साथ ई-कार्ड,एसएमएस ,सीसीटीवी कॅमेरा के माध्यम से विद्यार्थियों पर अनुशाशन रखने का प्रयत्न करते हैं. एसएमएस सेवा को हम और बड़ा रहे हैं. आनेवाले समय मैं इसके माध्यम से सारी जानकारी अभिभावकों को अपने मोबाइल फ़ोन पर मिल जाएगी जिसमे बच्चे की अनुपस्थिति से लेकर कक्षा मैं हुई सारी पढाई को पालक घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे. स्कूल का सफर भले छोटा हैं लेकिन सफलता मैं हम कही पीछे नहीं. विगत पांच सैलून से हमारा रिजल्ट १००/ प्रतिशत रहा हैं. अध्यापकों को रखने के मामले में हम कोई समझौता नहीं करते क्योंकि बच्चों का भविष्य इनके द्वारा दी जानेवाली शिक्षा पर ही निर्भर करता हैं.   
इंटरनेट के साथ एक बड़ा कंप्यूटर रूम,बस सुविधा,लाइब्रेरी के अलावा विज्ञान प्रयोगशाला व खेलने के लिए मैदान हैं.हम किसी तरह का डिपोजिट या डोनेशन नहीं लेते हैं.जोसफ कहते हैं कि हम अभिभावकों से जो वादा करता हैं उसपर खरा उतरने का पूरा पूरा प्रयास करता हैं. यही वजह हैं की अभिभावकों का विश्वास भी हमारे प्रति बड़ा हैं. उनका विश्वास और सहयोग ही हमें प्रगति के रास्तें पर अग्रसर कर रहा हैं. वे कहते हैं पहले जो शिक्षा दी जाती थी उसका अनुसरण होना चाहिए. पहले विद्द्यार्थी हर चीज को अपने पुस्तक में लिखने से पहले दस बार सोचते थे. आज गूगल आदि ने उनके सोचने की प्रक्रिया पर विराम लगा दिया हैं. आज विद्द्यार्थियों से ज्यादा अभिभावकों की अपेक्षाएं बाद गयी हैं और यही वजह हैं की कई बार बच्चे मानसिक तनाव मैं रहते हैं. पहले 70/प्रतिशत मैं संतुष्टि थी आज 92-93 आने के बाद भी अभिभावक दुःखी दिखते हैं. अभिभावकों की ज्यादा अपेक्षाएं पढ़नेवाले बच्चे के पढ़ने की क्षमता को कम कर देती हैं. 
वे कहते हैं की अभिभावकों को अपने बच्चे की क़ाबलियत को पहचानना चाहिए न की उसकी तुलना दूसरे के बच्चे से करने चाहिए. यह करिये आपको अपने बच्चे के रिजल्ट में फर्क अपनेआप दिखेंगें. वे कहते हैं की मेरे स्कूल और मेरे संपर्क में आनेवाले हर विद्यार्थी का सपना पूरा करने में मदद करूंगा क्योंकि हमने स्वच्छ,सुन्दर और खुशहाल भारत का सपना सीखा हैं. स्कूल ने ई सोच को भी बदल दिया हैं की अच्छी और आधुनिक शिक्षा केवल पैसेवालों को ही मिल सकती हैं. वर्ष 2016-2017 के लिए एडमिशन शुरू हो गए हैं.Above all, we are the 1st school in Mira -Bhayander corporation area to be certified by the prestigious ISO9001-2008.We are also the first school to provide complete insurance( accidental and medical) to the students. 




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