मीरा भायंदर पर जप्ती का संकट ? महसूल विभाग ने दो सौ करोड की वसूली का दिया नोटिस
मीरा भायंदर पर जप्ती का संकट ?
महसूल विभाग ने दो सौ करोड की वसूली का दिया नोटिस
दीपक आर जैन / भायंदर
जिस मीरा-भायंदर महानगरपालिका की मुख्य ईमारत के बांधकामका भूमिपूजन मुख्यमंत्री ने किया था उसे ठाणे जिलाधिकारी की स्थगिति का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ हैँ महसूल विभाग ने महानगरपालिका को और एक झटका दिया हैं. सरकारी जमीन उपयोग करने के बदले में मिलनेवाली राशि के लगभग दो सौ करोड रुपये मनपा पर बकाया होने की नोटिस ठाणे तहसीलदार ने मनपा को दी हैं.
नोटिस में सात दिनों में अगर रकम नहीं भरी गयी तो जप्ती की कार्यवाई करने का भी तहसीलदार ने नोटिस में स्पष्ट किया हैं. मीरा भायंदर महानगरपालिका की हद्द में राई,मूर्धा गांव में स्थित सर्वे नंबर 129,130 खेल का मैदान,भायंदर में सर्वे नंबर 229,230 नेताजी सुभाषचन्द्र बोसे मैदान,नवघर स्थित जैसल पार्क चौपाटी सर्वे नंबर 15,उत्तन के पास चौक गांव में सर्वे नंबर 7 /1/अ /अ,7/अ /ब इन जगहों का मनपा उपयोग करती हैं. इस जगह के मूल्यमापनी की रकम ठाणे जिलाधिकारी ने तय की हुई हैं जो 195 करोड 46 लाख 80 हजार होती हैं यह रकम अगर नहीं दी गयी तो क़ानूनी तरीके से कार्यवाई की जायेगी व महाराष्ट्र जमीन महसूल अधिनियमानुसार इतनी ही राशि दंड के स्वरुप वसूल की जायेगी. अगर रकम दिए गए समय में नहीं भरी तो जप्ती करने का भी स्पष्ट उल्लेख तहसीलदार ने नोटिस में किया हैं.
उपरोक्त जमीने सरक्षण हेतू पालिका को हस्तांतरित की गयी थी. इन जमीनों पर किसी भी तरह का आरक्षण नहीं था. जगह का उपयोग करने से पहले मनपा को बजारभाव अनुसार जगह की कीमत महसुल विभाग को देना आवश्यक था. परन्तु ऐसा हुआ नहीं. इसीलिये यह नोटिस दी गयी होने की जानकारी तहसीलदार विकास पाटिल ने दी.
नोटिस में सात दिनों में अगर रकम नहीं भरी गयी तो जप्ती की कार्यवाई करने का भी तहसीलदार ने नोटिस में स्पष्ट किया हैं. मीरा भायंदर महानगरपालिका की हद्द में राई,मूर्धा गांव में स्थित सर्वे नंबर 129,130 खेल का मैदान,भायंदर में सर्वे नंबर 229,230 नेताजी सुभाषचन्द्र बोसे मैदान,नवघर स्थित जैसल पार्क चौपाटी सर्वे नंबर 15,उत्तन के पास चौक गांव में सर्वे नंबर 7 /1/अ /अ,7/अ /ब इन जगहों का मनपा उपयोग करती हैं. इस जगह के मूल्यमापनी की रकम ठाणे जिलाधिकारी ने तय की हुई हैं जो 195 करोड 46 लाख 80 हजार होती हैं यह रकम अगर नहीं दी गयी तो क़ानूनी तरीके से कार्यवाई की जायेगी व महाराष्ट्र जमीन महसूल अधिनियमानुसार इतनी ही राशि दंड के स्वरुप वसूल की जायेगी. अगर रकम दिए गए समय में नहीं भरी तो जप्ती करने का भी स्पष्ट उल्लेख तहसीलदार ने नोटिस में किया हैं.
उपरोक्त जमीने सरक्षण हेतू पालिका को हस्तांतरित की गयी थी. इन जमीनों पर किसी भी तरह का आरक्षण नहीं था. जगह का उपयोग करने से पहले मनपा को बजारभाव अनुसार जगह की कीमत महसुल विभाग को देना आवश्यक था. परन्तु ऐसा हुआ नहीं. इसीलिये यह नोटिस दी गयी होने की जानकारी तहसीलदार विकास पाटिल ने दी.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें